प्रवर्तक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
  • किसी धर्म अथवा सम्प्रदाय चलाने वाले को प्रवर्तक कहा जाता है। मानभाउ सम्प्रदाय में इस शब्द का विशेष रुप से प्रयोग हुआ है।
  • मानभाउ सम्प्रदाय के मूल प्रवर्त्तक को दत्तात्रेय कहा जाता है, साथ ही उनका कहना है कि चार युगों में से प्रत्येक में एक-एक स्थापक अथवा प्रवर्त्तक होते आये हैं। इस प्रकार वे पाँच प्रवर्त्तक मानते हैं। पाँचों प्रवर्त्तकों को पच्चकृष्ण भी कहते हैं। इनसे सम्बन्धित पाँच मंत्र हैं और जब कोई इस सम्प्रदाय की दीक्षा लेता है तो उसे पाँचों मंत्रों का उच्चारण करना पड़ता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ