एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

"प्रांगण:मुखपृष्ठ/धर्म" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 50: पंक्ति 50:
 
* [[वैष्णव सम्प्रदाय]]
 
* [[वैष्णव सम्प्रदाय]]
 
* [[वल्लभ संप्रदाय]]
 
* [[वल्लभ संप्रदाय]]
 +
* [[माध्व सम्प्रदाय]]
 
* [[पुराण]]
 
* [[पुराण]]
 
* [[रामायण]]
 
* [[रामायण]]
पंक्ति 57: पंक्ति 58:
 
* [[उपनिषद]]
 
* [[उपनिषद]]
 
* [[ब्राह्मण साहित्य|ब्राह्मण ग्रन्थ]]
 
* [[ब्राह्मण साहित्य|ब्राह्मण ग्रन्थ]]
* [[अल्लाह]]
 
* [[क़ुरआन]]
 
* [[बिस्मिल्लाह]]
 
* [[जैन पुराण साहित्य]]
 
 
| style="border:1px solid #b79876; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; width:50%" class="bg58" valign="top" |  
 
| style="border:1px solid #b79876; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; width:50%" class="bg58" valign="top" |  
 
<div style="padding-left:8px; background:#ecd9c5; border:thin solid #b79876;">'''धर्म श्रेणी वृक्ष'''</div>
 
<div style="padding-left:8px; background:#ecd9c5; border:thin solid #b79876;">'''धर्म श्रेणी वृक्ष'''</div>
 
<categorytree mode=pages>धर्म</categorytree>
 
<categorytree mode=pages>धर्म</categorytree>
 +
|-
 +
| style="border:1px solid #c6a582; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; background:#fffaf5;"  valign="top"  colspan="2" |
 +
{| width="100%" align="left" cellpadding="0" cellspacing="0" style="background:transparent;"
 +
|-
 +
| colspan="3" | <div style="padding-left:5px; background:#e1cab1; border:thin solid #c6a582;">'''चयनित चित्र'''</div>
 +
----
 +
|-
 +
| style="background:#e1cab1; width:5%;"|
 +
| style="width:90%;" valign="top" |
 +
[[चित्र:Buddhism-Symbol.jpg|300px|[[बौद्ध धर्म]] का प्रतीक|center]]
 +
| style="background:#e1cab1; width:5%" |
 +
|-
 +
| colspan="3"|
 +
----
 +
<div style="text-align:center;">[[बौद्ध धर्म]] का प्रतीक</div>
 +
|}
 
|}
 
|}
 
|}
 
|}

11:04, 27 अगस्त 2015 का अवतरण

  • यहाँ हम भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय संस्कृति की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।
मुख्य आकर्षण- महाभारत सामान्य ज्ञान · रामायण सामान्य ज्ञान · धर्म कोश
Dharam-icon-3.gif
  • यहाँ हिन्दू धर्म के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, बौद्ध, जैन, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है। आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख
वेद
  • 'वेद' हिन्दू धर्म के प्राचीन पवित्र ग्रंथों का नाम है, जिससे वैदिक संस्कृति प्रचलित हुई।
  • वेद प्राचीन भारत के वैदिक काल की वाचिक परम्परा की अनुपम कृति है जो पीढी दर पीढी पिछले चार-पाँच हज़ार वर्षों से चली आ रही है।
  • वेद ही हिन्दू धर्म के सर्वोच्च और सर्वोपरि धर्मग्रन्थ हैं। वेद के असल मन्त्र भाग को संहिता कहते हैं।
  • वर्तमान काल में वेद चार माने जाते हैं। उनके नाम हैं- ॠग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद
  • ऋग्वेद में मण्डल 10 हैं, 1028 सूक्त हैं और 11 हज़ार मन्त्र हैं। इसमें 5 शाखायें हैं - शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शांखायन, मंडूकायन।
  • अथर्ववेद में जादू, चमत्कार, आरोग्य, यज्ञ के लिये मन्त्र हैं, इसमें 20 काण्ड हैं। अथर्ववेद में आठ खण्ड आते हैं जिनमें भेषज वेद एवं धातु वेद ये दो नाम स्पष्ट प्राप्त हैं।
  • सुप्रसिद्ध वेदभाष्यकार महान पण्डित सायणाचार्य अपने वेदभाष्य में लिखते हैं कि 'इष्टप्राप्त्यनिष्टपरिहारयोरलौकिकमुपायं यो ग्रन्थो वेदयति स वेद:' .... और पढ़ें
चयनित लेख
पुराण
  • पुराणों की रचना वैदिक काल के काफ़ी बाद की है, ये स्मृति विभाग में रखे जाते हैं। पुराणों को मनुष्य के भूत, भविष्य, वर्तमान का दर्पण भी कहा जा सकता है।
  • पुराणों में हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है। इनकी भाषा सरल और कथा कहानी की तरह है।
  • पुराण वस्तुतः वेदों का विस्तार हैं। वेद बहुत ही जटिल तथा शुष्क भाषा-शैली में लिखे गए हैं। वेदव्यास जी ने पुराणों की रचना और पुनर्रचना की।
  • पुराण शब्द ‘पुरा’ एवं ‘अण’ शब्दों की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ -‘पुराना’ अथवा ‘प्राचीन’ होता है। ‘पुरा’ शब्द का अर्थ है - अनागत एवं अतीत और ‘अण’ शब्द का अर्थ होता है- कहना या बतलाना।
  • संसार की रचना करते समय ब्रह्मा जी ने एक ही पुराण की रचना की थी। जिसमें एक अरब श्लोक थे। यह पुराण बहुत ही विशाल और कठिन था। .... और पढ़ें
कुछ लेख
धर्म श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

बौद्ध धर्म का प्रतीक

बौद्ध धर्म का प्रतीक

संबंधित लेख