"प्रांगण:मुखपृष्ठ/पर्यटन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "पुरातत्व" to "पुरातत्त्व")
पंक्ति 40: पंक्ति 40:
 
|-
 
|-
 
| class="headbg12"  style="border:1px solid #e8cbac; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f8e4cf; border:thin solid #e8cbac;">'''विशेष आलेख'''</div>  
 
| class="headbg12"  style="border:1px solid #e8cbac; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f8e4cf; border:thin solid #e8cbac;">'''विशेष आलेख'''</div>  
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हम्पी]]'''</div>
+
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[श्रावस्ती]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Hampi-3.jpg|border|right|150px|हम्पी के अवशेष |link=हम्पी]] </div>
+
<div id="rollnone"> [[चित्र:Jain-Temple-Sravasti.jpg|border|right|150px|प्राचीन जैन मंदिर के अवशेष, श्रावस्ती |link=श्रावस्ती]]</div>
*'हम्पी' मध्यकालीन हिन्दू राज्य [[विजयनगर साम्राज्य]] की राजधानी था। [[तुंगभद्रा नदी]] के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी के नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी।
+
*श्रावस्ती, [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[गोंडा ज़िला|गोंडा]]-[[बहराइच ज़िला|बहराइच]] ज़िलों की सीमा पर स्थित एक [[बौद्ध]] [[तीर्थ|तीर्थ स्थान]] है।  
*[[भारत]] के [[कर्नाटक]] राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को द्वारा विश्व के विरासत स्थलों की संख्या में शामिल है।
+
* पहले यह [[कौशल]] देश की दूसरी राजधानी थी। भगवान [[राम]] के पुत्र [[लव कुश]] ने इसे अपनी राजधानी बनाया था।
*प्रसिद्ध मध्यकालीन विजयनगर राज्य के खंडहर हम्पी के निकट विशाल खंडहरों के रूप में पड़े हुए हैं। कहते हैं कि '''पम्पपति के कारण ही इस स्थान का नाम हम्पी हुआ है। स्थानीय लोग 'प' का उच्चारण '' कहते हैं और पंपपति को हंपपति (हंपपथी) कहते हैं।''' हम्पी हम्पपति का ही लघुरूप है।  
+
* श्रावस्ती [[बौद्ध]] और [[जैन]] दोनों का [[तीर्थ]] स्थान है, यहाँ के श्रेष्ठी 'अनाथपिण्डिक' ने भगवान [[गौतम बुद्ध|बुद्ध]] के लिये '''जेतवन विहार''' बनवाया था, आजकल यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर है।
*'''[[यूनेस्को]] की विश्व विरासत''' की सूची में शामिल हम्‍पी [[भारत]] का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। [[2002]] में भारत सरकार ने इसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। '''[[हम्पी|.... और पढ़ें]]'''
+
* एक [[बौद्ध]] [[ग्रन्थ]] के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।
 +
* [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] के समय में भारतवर्ष के 6 बड़े नगरों में श्रावस्ती की गणना हुआ करती थी। '''[[श्रावस्ती|.... और पढ़ें]]'''
 
|-
 
|-
 
| style="border:1px solid #BE8383; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " class="headbg30" valign="top" colspan="2"|  
 
| style="border:1px solid #BE8383; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " class="headbg30" valign="top" colspan="2"|  

08:45, 11 अक्टूबर 2011 का अवतरण

मुखपृष्ठ गणराज्य इतिहास पर्यटन साहित्य जीवनी दर्शन धर्म संस्कृति भूगोल कला भाषा सभी विषय
  • यहाँ हम भारत की पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • पर्यटन के अनेक प्रकार हैं जैसे- सांस्कृतिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य, धार्मिक, शैक्षिक, पुरातत्त्व, विरासत-परम्परा, रोमांचक और वन्य जीवन आदि।


पर्यटन श्रेणी के सभी लेख देखें:- पर्यटन कोश
Tour-menu6.gif
  • प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है।
  • वर्ष 2007 में, 90.3 करोड़ से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, 2006 की तुलना में 6.6% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख
प्राचीन जैन मंदिर के अवशेष, श्रावस्ती
चयनित लेख
नालन्दा विश्‍वविद्यालय
  • पटना से 90 किलोमीटर दूर और बिहार शरीफ़ से क़रीब 12 किलोमीटर दक्षिण में, विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय नालंदा के खण्डहर स्थित हैं।
  • गुप्तकालीन सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने 415-454 ईसा पूर्व नालन्दा विश्‍वविद्यालय की स्थापना की थी।
  • नालंदा संस्कृत शब्‍द 'नालम् + दा' से बना है। संस्‍कृत में 'नालम' का अर्थ 'कमल' होता है। कमल ज्ञान का प्रतीक है। नालम् + दा यानी कमल देने वाली, ज्ञान देने वाली। कालक्रम से यहाँ महाविहार की स्‍थापना के बाद इसका नाम 'नालंदा महाविहार' रखा गया।
  • प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था।
  • नालंदा के विद्यार्थियों के द्वारा ही एशिया में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का विस्तृत प्रचार व प्रसार हुआ था। यहाँ के विद्यार्थियों और विद्वानों की मांग एशिया के सभी देशों में थी और उनका सर्वत्रादर होता था। .... और पढ़ें
कुछ लेख

कोलकाता   •   दिल्ली   •   उदयपुर   •   मुम्बई   •   माउंट आबू   •   अमृतसर   •   देहरादून   •   जयपुर   •   अजमेर   •   वाराणसी   •   स्वर्ण मंदिर   •   ताजमहल   •   इंडिया गेट   •   लाल क़िला दिल्ली   •   सारनाथ   •   बेंगळूरू   •   अयोध्या   •   खजुराहो   •   हम्पी   •   पटना   •   गोवा   •   चेन्नई   •   उदयगिरि गुफ़ाएँ   •   तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर   •   पुष्कर   •   महाबलीपुरम   •   कृष्ण जन्मभूमि   •   चारमीनार   •   लाल क़िला आगरा   •   सूर्य मंदिर कोणार्क

पर्यटन श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

बृहदेश्वर मन्दिर, गंगैकोंडचोलपुरम

बृहदेश्वर मन्दिर, गंगैकोंडचोलपुरम


इन्हें भी देखें: पर्यटन चित्रावली

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख