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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रक्षाबन्धन]]'''</div>
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[होली]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Raksha-Bandhan.jpg|right|150px|रक्षाबन्धन|link=रक्षाबन्धन]] </div>
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<div style="color:#993300"> [[चित्र:Kolaz-Holi.jpg|right|150px|right|होली के विभिन्न दृश्य |link=होली]]
*रक्षाबन्धन [[भारत]] में भाई-बहन को स्नेह की डोर से बांधने वाला हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। [[श्रावण]] शुक्ल की [[पूर्णिमा]] को 'रक्षाबन्धन' मनाया जाता हैं। 
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*होली [[भारत]] के प्रमुख चार त्योहारों ([[दीपावली]], [[रक्षाबंधन]], होली और [[दशहरा]]) में से एक है।
*रक्षाबंधन का अर्थ है (रक्षा+बंधन) अर्थात किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना।
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*प्रचलित मान्यता के अनुसार यह त्योहार [[हिरण्यकशिपु]] की बहन [[होलिका]] के मारे जाने की स्मृति में मनाया जाता है।
*भारतीय परम्परा में विश्वास का बन्धन ही मूल है और रक्षाबन्धन इसी विश्वास का बन्धन है।
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*[[संस्कृत]] शब्द होलक्का से होली शब्द का जन्म हुआ है। [[वैदिक धर्म|वैदिक]] [[युग]] में होलक्का को ऐसा अन्न माना जाता था, जो [[देवता|देवों]] का मुख्य रूप से खाद्य-पदार्थ था।
*यह पर्व मात्र रक्षा-सूत्र के रूप में [[राखी]] बाँधकर रक्षा का वचन ही नहीं देता वरन् प्रेम, समर्पण, निष्ठा व संकल्प के जरिए हृदयों को बाँधने का भी वचन देता है।
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*यह [[ब्रज]] का विशेष त्योहार है। फाल्गुन के माह रंगभरनी [[एकादशी]] से सभी मन्दिरों में फाग उत्सव प्रारम्भ होते हैं जो दौज तक चलते हैं। दौज को [[बलदेव मन्दिर मथुरा|बल्देव (दाऊजी)]] में हुरंगा होता है।
*रक्षाबंधन के दिन देश में कई स्थानों पर ब्राह्मण, पुरोहित भी अपने यजमान की समृद्धि हेतु उन्हें रक्षा बाँधते हैं, जिसकी उन्हें दक्षिणा भी मिलती है।
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*होलिकापूजन पूर्ण चंद्रमा ([[फाल्गुन]] [[पूर्णिमा]]) के दिन ही होता है। इसी दिन सायंकाल को होली जलाई जाती है, तथा लोग इसी अग्नि के चारों ओर नृत्य व [[संगीत]] का आनन्द लेते हैं। 
*[[मुंबई]] में रक्षाबंधन पर्व को नारली (नारियल) पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। जल के देवता [[वरुण देवता|वरुण]] को प्रसन्न करने के लिए समुद्र को (नारियल) अर्पित किए जाते हैं। [[रक्षाबन्धन|.... और पढ़ें]]
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*देश के कई अलग-अलग प्रान्तों में होली को अलग अलग नामों से जाना जाता है और बड़े ही निराले अंदाजों में मनाया जाता है। जैसे- डोल पूर्णिमा ([[पश्चिम बंगाल]]), कमान पंदिगाई ([[तमिलनाडु]]), होला मोहल्ला ([[पंजाब]]), कामना हब्बा ([[कर्नाटक]]), फगुआ ([[बिहार]]), रंगपंचमी ([[महाराष्ट्र]]), शिमगो ([[गोवा]]), धुलेंडी ([[हरियाणा]]) आदि। [[होली|.... और पढ़ें]]
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11:24, 15 मार्च 2011 का अवतरण

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संस्कृति श्रेणी के सभी लेख

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  • भारत के अनेकों धर्मों तथा परम्पराओं और उनका आपस में संमिश्रण ने विश्व के अनेकों स्थानों को भी प्रभावित किया है।
  • हजारों वर्षों से भारत की सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाओं, रीति-रिवाजों आदि में विविधता बनी रही है जो कि आज भी विद्यमान है, और यही अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की महान विशेषता है।
विशेष आलेख

होली के विभिन्न दृश्य
चयनित लेख

ईद पर नमाज़ पढ़ते लोग
  • ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का पवित्र त्योहार है। रमज़ान के पूरे महीने में मुसलमान रोज़े रखकर अर्थात भूखे-प्यासे रहकर पूरा महीना अल्लाह की इबादत में गुज़ार देते हैं।
  • ईद का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान किसी पाक साफ़ जगह पर जिसे 'ईदगाह' कहते हैं, वहाँ इकट्ठे होकर दो रक्आत नमाज़ शुक्राने की अदा करते हैं।
  • रमज़ान के पूरे महीने को अल्लाह की इबादत में गुज़ार कर जब वे रोज़ों से फ़ारिग हो जाते हैं तो चांद की पहली तारीख़ अर्थात जिस दिन चांद दिखाई देता है, उस रोज़ को छोड़कर दूसरे दिन ईद का त्योहार अर्थात ‘बहुत ख़ुशी का दिन’ मनाया जाता है।
  • रमज़ान महीने के आख़री दस दिनों में एक रात ऐसी है जिसे शबे-क़द्र कहते हैं। यह रात हज़ार महीने की इबादत करने से भी अधिक बेहतर होती है। .... और पढ़ें
कुछ लेख
संस्कृति श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

लट्ठामार होली, बरसाना

लोक गीत कलाकार, दिल्ली
बरसाना होली के विभिन्न दृश्य


होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना होली, बरसाना

संबंधित लेख

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