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* यहाँ हम [[भारत]] की विभिन्न भाषाओं के [[साहित्य]] से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।
 
* यहाँ हम [[भारत]] की विभिन्न भाषाओं के [[साहित्य]] से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।
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* [[हिन्दी]] साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की [[ब्रजभाषा]], [[अवधी भाषा|अवधी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]] और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
 
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* [[हिन्दी]] साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की [[ब्रजभाषा]], [[अवधी भाषा|अवधी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]] और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
 
 
 
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[प्रेमचंद]]'''</div>
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[नज़ीर अकबराबादी]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Premchand.jpg|right|150px|प्रेमचंद|link=प्रेमचंद]]</div>
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<div id="rollnone">[[चित्र:Nazeer-Akbarabadi.jpg|right|80px|नज़ीर अकबराबादी|link=नज़ीर अकबराबादी|border]]</div>
*[[भारत]] के '''उपन्यास सम्राट''' मुंशी प्रेमचंद के युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है।
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*प्रेमचंद का वास्तविक नाम '''धनपत राय श्रीवास्तव''' था। वे एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता, ज़िम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे।
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        '''[[नज़ीर अकबराबादी]]''' [[उर्दू]] में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं। समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी को नज़ीर साहब ने कविता में तब्दील कर दिया। ककड़ी, [[जलेबी]] और तिल के लड्डू जैसी वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को आलोचक कविता मानने से इनकार करते रहे। बाद में नज़ीर साहब की 'उत्कृष्ट शायरी' को पहचाना गया और आज वे [[उर्दू साहित्य]] के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं। लगभग सौ वर्ष की आयु पाने पर भी इस शायर को जीते जी उतनी ख्याति नहीं प्राप्त हुई जितनी कि उन्हें आज मिल रही है। नज़ीर की शायरी से पता चलता है कि उन्होंने जीवन-रूपी पुस्तक का अध्ययन बहुत अच्छी तरह किया है। भाषा के क्षेत्र में भी वे उदार हैं, उन्होंने अपनी शायरी में जन-संस्कृति का, जिसमें हिन्दू संस्कृति भी शामिल है, दिग्दर्शन कराया है और हिन्दी के शब्दों से परहेज़ नहीं किया है। उनकी शैली सीधी असर डालने वाली है और [[अलंकार|अलंकारों]] से मुक्त है। शायद इसीलिए वे बहुत लोकप्रिय भी हुए। [[नज़ीर अकबराबादी|... और पढ़ें]]
*प्रेमचंद का जन्म [[वाराणसी]] से लगभग चार मील दूर, लमही नाम के गाँव में [[31 जुलाई]], 1880 को हुआ। प्रेमचंद के पिताजी '''मुंशी अजायब लाल''' और माता '''आनन्दी देवी''' थीं।
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*प्रेमचंद का कुल दरिद्र कायस्थों का था, जिनके पास क़रीब छ: बीघे ज़मीन थी और जिनका परिवार बड़ा था। प्रेमचंद के पितामह, '''मुंशी गुरुसहाय लाल''', पटवारी थे।
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*प्रेमचंद ने कुल '''15 उपन्यास''', '''300 से कुछ अधिक कहानियाँ''', 3 नाटक, 10 अनुवाद, 7 बाल-पुस्तकें तथा हज़ारों पृष्ठों के लेख, सम्पादकीय, भाषण, भूमिका, पत्र आदि की रचना की है।
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*अंतिम दिनों के एक वर्ष को छोड़कर, उनका पूरा समय वाराणसी और [[लखनऊ]] में गुज़रा, जहाँ उन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया और [[8 अक्टूबर]], [[1936]] को जलोदर रोग से उनका देहावसान हो गया ।  '''[[प्रेमचंद|.... और पढ़ें]]'''
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| class="headbg20" style="border:1px solid #FBE773; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#fff2c5; border:thin solid #fbe773;">'''चयनित लेख'''</div>
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| class="bg64" style="border:1px solid #e8d79c;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f5e6b2; border:thin solid #e8d79c; text-align:center;">'''महत्त्वपूर्ण लेख'''</div>[[जैन साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[अंग्रेज़ी साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[जयशंकर प्रसाद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[प्रेमचंद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[कबीर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रहीम]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सूरदास]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[कालिदास]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामचन्द्र शुक्ल]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महायान साहित्य]]
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रामधारी सिंह दिनकर]]'''</div>
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&nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[गुप्तकालीन साहित्य]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[जैन पुराण साहित्य]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[रामधारी सिंह दिनकर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[राहुल सांकृत्यायन]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामनरेश त्रिपाठी]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[शरत चंद्र चट्टोपाध्याय]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[पांडुरंग वामन काणे]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सआदत हसन मंटो]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामायण]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महाभारत]]
<div id="rollnone"> [[चित्र:Dinkar.jpg|right|150px|रामधारी सिंह दिनकर|link=रामधारी सिंह दिनकर]] </div>
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&nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[राजभाषा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अंग्रेज़ी भाषा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सांख्य साहित्य]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महादेवी वर्मा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[वेद]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[दर्शन शास्त्र]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[उपनिषद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[सरोजिनी नायडू]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अमृतलाल नागर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अमृता प्रीतम]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन|अज्ञेय]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[अरबिंदो घोष]]
*[[हिन्दी]] के सुविख्यात कवि रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म [[23 सितंबर]], 1908 ई. में सिमरिया, ज़िला मुंगेर ([[बिहार]]) में एक सामान्य किसान रवि सिंह तथा उनकी पत्नी मन रूप देवी के पुत्र के रूप में हुआ था।
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*रामधारी सिंह दिनकर एक ओजस्वी राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कवि के रूप में जाने जाते थे। उनकी कविताओं में छायावादी युग का प्रभाव होने के कारण शृंगार के भी प्रमाण मिलते हैं।
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*दिनकर जी ने गाँव के प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और 1928 में मैट्रिक के बाद दिनकर ने पटना विश्वविद्यालय से 1932 में [[इतिहास]] में बी. ए. ऑनर्स किया।
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*रामधारी सिंह दिनकर के कवि जीवन का आरम्भ 1935 से हुआ, जब छायावाद के कुहासे को चीरती हुई 'रेणुका' प्रकाशित हुई और हिन्दी जगत एक बिल्कुल नई शैली, नई शक्ति, नई भाषा की गूंज से भर उठा।
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{{Robelbox|theme=3|title=साहित्य श्रेणी वृक्ष}}
*1952 में जब [[भारत]] की प्रथम [[संसद]] का निर्माण हुआ, तो उन्हें [[राज्यसभा]] का सदस्य चुना गया और वह [[दिल्ली]] आ गए। दिनकर 12 वर्ष तक संसद-सदस्य रहे, बाद में उन्हें सन 1964 से 1965 ई. तक भागलपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया।
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<div style="{{Robelbox/pad}}; font-size:90%; height:800px; overflow:auto;">
*[[24 अप्रॅल]],1974 को दिनकर जी अपने आपको अपनी कविताओं में हमारे बीच जीवित रखकर सदा के लिये अमर हो गये। '''[[रामधारी सिंह दिनकर|.... और पढ़ें]]'''
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* [[जैन साहित्य]]
 
* [[अंग्रेज़ी साहित्य]]
 
* [[जयशंकर प्रसाद]]
 
* [[प्रेमचंद]]
 
* [[कबीर]]
 
* [[रहीम]]
 
* [[सूरदास]]
 
* [[कालिदास]]
 
* [[रामचन्द्र शुक्ल]]
 
* [[महायान साहित्य]]
 
* [[गुप्तकालीन साहित्य]]
 
* [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
 
* [[जैन पुराण साहित्य]]
 
* [[रामधारी सिंह दिनकर]]
 
* [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
 
* [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
 
* [[राहुल सांकृत्यायन]]
 
* [[रामनरेश त्रिपाठी]]
 
* [[शरत चंद्र चट्टोपाध्याय]]
 
* [[पांडुरंग वामन काणे]]
 
* [[सआदत हसन मंटो]]
 
* [[रामायण]]
 
* [[महाभारत]]
 
* [[राजभाषा]]
 
* [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]]
 
* [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी]]
 
* [[अंग्रेज़ी भाषा]]
 
* [[सांख्य साहित्य]]
 
* [[महादेवी वर्मा]]
 
* [[वेद]]
 
* [[दर्शन शास्त्र]]
 
* [[उपनिषद]]
 
* [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
* [[सरोजिनी नायडू]]
 
* [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
 
* [[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]]
 
* [[अमृतलाल नागर]]
 
* [[अमृता प्रीतम]]
 
* [[अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन|अज्ञेय]]
 
* [[अरबिंदो घोष]]
 
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14:31, 7 सितम्बर 2017 का अवतरण

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  • यहाँ हम भारत की विभिन्न भाषाओं के साहित्य से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।
  • हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
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विशेष आलेख

नज़ीर अकबराबादी

        नज़ीर अकबराबादी उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं। समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी को नज़ीर साहब ने कविता में तब्दील कर दिया। ककड़ी, जलेबी और तिल के लड्डू जैसी वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को आलोचक कविता मानने से इनकार करते रहे। बाद में नज़ीर साहब की 'उत्कृष्ट शायरी' को पहचाना गया और आज वे उर्दू साहित्य के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं। लगभग सौ वर्ष की आयु पाने पर भी इस शायर को जीते जी उतनी ख्याति नहीं प्राप्त हुई जितनी कि उन्हें आज मिल रही है। नज़ीर की शायरी से पता चलता है कि उन्होंने जीवन-रूपी पुस्तक का अध्ययन बहुत अच्छी तरह किया है। भाषा के क्षेत्र में भी वे उदार हैं, उन्होंने अपनी शायरी में जन-संस्कृति का, जिसमें हिन्दू संस्कृति भी शामिल है, दिग्दर्शन कराया है और हिन्दी के शब्दों से परहेज़ नहीं किया है। उनकी शैली सीधी असर डालने वाली है और अलंकारों से मुक्त है। शायद इसीलिए वे बहुत लोकप्रिय भी हुए। ... और पढ़ें

महत्त्वपूर्ण लेख
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