फणिनागवंश

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फणिनागवंश एक भारतीय राजवंश था, जिसने कलचुरियों की राजसत्ता का पतन कर छत्तीसगढ़ पर अपना शासन चलाया। प्रसिद्ध 'भोरमदेव मंदिर' फणिनागवंश के समय ही बना था।

  • छत्तीसगढ़ में हांफ नदी के किनारे बसे ग्राम सिली पचराही (ज़िला कबीरधाम) में उत्खनन कार्य किया गया है। इस स्थल से फणिनागवंश कालीन प्राचीन मंदिरों के अवशेष, कलाकृतियां एवं बसाहट प्राप्त होने की संभावनाएँ दिखाई दी हैं।
  • फणीनागवंशी काल के चाँदी के सिक्के और दूसरे उत्कीर्ण लेख भी इस स्थान से मिले हैं, जिसमें चाँदी के सात सिक्के, श्रीधर देव के काल के और एक चाँदी का सिक्का जयत्रपाल के दौर का है। इतिहासकार डॉ. चंद्रशेखर गुप्त के अनुसार यह जयत्रपाल नहीं, बल्कि जगपाल है।
  • चाँदी के एक सिक्के पर फणिनागवंश के यशोराज देव का नाम टंकित है, जो समूचे छत्तीसगढ़ में पहली बार मिला है।
  • सिली पचराही के अवशेषों में फणीनागवंश काल की उमा-महेश्वर की भी अनूठी प्रतिमा मिली है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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