फ़र्टाइल क्रेसेट

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फ़र्टाइल क्रेसेट या उपजाऊ अर्द्ध चंद्र मध्य-पूर्व में वह क्षेत्र है जहाँ मध्य-पूर्व और भू-मध्य बेसिन सभ्यता की शुरूआत हुई। अमेरिकी 'प्राच्विद जेम्स हेनरी ब्रेसटड' (1865-1935) ने इस शब्द को लोकप्रिय बनाया।

भूगोल

ऊपजाऊ अर्द्ध चंद्र में मोटे तौर पर तारे के आकार की अपेक्षाकृत उपजाऊ भूमि शामिल थी, जिसमें शायद वर्तमान की अपेक्षा अतीत में अधिक शीतोष्ण, कृषि की दृष्टि से उत्पादक जलवायु थी, विशेष तौर पर मेसोपोटामिया और नील नदी में, दक्षिण में अरब रेगिस्तान और उत्तर में आर्मेनिया पर्वतों के बीच स्थित यह क्षेत्र बेबीलोनिया और निकटवर्ती सुसिआना[1] से लेकर तिगरिस तथा युफ़्रेटीज़ नदियों से असीरिया तक फैला था। असीरिया के पूर्व में ज़ग्रोस पर्वतों से पश्चिम में सीरिया से भूमध्य तथा दक्षिण में दक्षिणी इज़राइल तक यह क्षेत्र फैला हुआ था। मिस्र की नील घाटी को अक्सर इसका विस्तार माना जाता है, सिनाई में छोटा सा बाधक क्षेत्र, इसकी निरंतरता को तोड़ने वाले मेसोपोटामिया और सीरिया के ऐसे ही रेगिस्तानी क्षेत्रों से बड़ा नहीं है। समूचे क्षेत्र में उत्तम कृषि परिणामों के लिये सिंचाई आवश्यक है और वास्तव में यह किसी भी प्रकार की खेती के लिए आवश्यक है।

व्यापक दृष्टि

उपजाऊ अर्द्ध चंद्रा अपनी व्यापक दृष्टि में उस क्षेत्र के समान है, जो यहूदी परंपराओं की उत्पत्ति में प्रमुख भूमिका निभाता है; जिसमें वे पुरातन देश[2] शामिल हैं, जो ग्रीक और रोमन सभ्यताओं से पहले विद्यमान थे। रेडियोकार्बन डेटिंग से इस बात की पुष्टि हुई है कि उपजाऊ अर्द्ध चंद्र में प्राचीनतम व्यवस्थित[3] ग्रामीण कृषि समुदाय की शरूआत हुई। यहां लगभग 8000 ई.पू. से प्रारंभिक कृषि एवं ग्रामीण संकेद्रण शुरू हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. फ़ारस का दक्षिण-पश्चिमी प्रांत
  2. बेबीलोनिया, असीरिया, मिस्र, फोएनीशिया
  3. बसे हुये

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