बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-2

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रेणु (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:12, 5 सितम्बर 2011 का अवतरण (''''इस अध्याय में छह ब्राह्मण हैं।''' *[[बृहदारण्यकोपनिष...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

इस अध्याय में छह ब्राह्मण हैं।

  • प्रथम ब्राह्मण में डींग हांकने वाले, अर्थात बहुत बढ़-चढ़कर बोलने वाले गार्ग्य बालाकि ऋषि एवं विद्वान राजा अजातशत्रु के संवादों द्वारा 'ब्रह्म' व 'आत्मतत्त्व' को स्पष्ट किया गया है।
  • दूसरे ब्राह्मण और
  • तीसरे ब्राह्मण में 'प्राणोपासना' तथा ब्रह्म के दो मूर्त्त-अमूर्त्त रूपों का वर्णन किया गया है। इन्हें 'साकार' और 'निराकार' ब्रह्म भी कहा गया है।
  • चौथे ब्राह्मण में याज्ञवल्क्य-मैत्रेयी संवाद हैं।
  • पांचवें ब्राह्मण और
  • छठे ब्राह्मण में 'मधुविद्या' औ उसकी परम्परा का वर्णन है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख