बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-6 ब्राह्मण-2

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  • इस ब्राह्मण में 'पंचाग्नि विद्या' को जानने और उसके प्रतिफल पर प्रकाश डाला गया है।
  • इसमें श्वेतकेतु और प्रवाहण के संवादों से 'पंचाग्नि विद्या' की गति बतायी गयी है।
  • छान्दोग्य उपनिषद के चौथे अध्याय में दसवें से सत्रहवें खण्ड तक इसका विस्तार है।


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