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=====उत्तरवैदिक काल के महत्वपूर्ण देवता कौन थे?=====
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{उत्तरवैदिक काल के महत्वपूर्ण देवता कौन थे?
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=====[[भारत]] का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य 'सत्यमेव जयते' कहाँ से उद्धत है?=====
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- [[रुद्र]]
{{Opt|विकल्प 1=मुण्डकोपनिषद से |विकल्प 2=कठोपनिषद से|विकल्प 3=छान्दोग्य उपनिषद से|विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1='''[[मुण्डकोपनिषद]] से'''{{Check}} |विकल्प 2=[[कठोपनिषद]] से |विकल्प 3=[[छान्दोग्य उपनिषद]] से |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं|विवरण=यह उपनिषद अथर्ववेदीय शौनकीय शाखा से सम्बन्धित है। इसमें अक्षर-ब्रह्म 'ॐ: का विशद विवेचन किया गया है। इसे मन्त्रोपनिषद नाम से भी पुकारा जाता है। इसमें तीन मुण्डक हैं और प्रत्येक मुण्डक के दो-दो खण्ड हैं तथा कुल चौंसठ मन्त्र हैं। 'मुण्डक' का अर्थ है- मस्तिष्क को अत्यधिक शक्ति प्रदान करने वाला और उसे अविद्या-रूपी अन्धकार से मुक्त करने वाला। इस उपनिषद में महर्षि [[अंगिरा]] ने शौनक को 'परा-अपरा' विद्या का ज्ञान कराया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मुण्डकोपनिषद]]}}
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- [[विष्णु]]
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+ प्रजापति
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- पूषन
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{[[भारत]] का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य 'सत्यमेव जयते' कहाँ से उद्धत है?
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+ [[मुण्डकोपनिषद]] से
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- [[कठोपनिषद]] से
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- [[छान्दोग्य उपनिषद]] से
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- उपर्युक्त में से कोई नहीं
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||यह उपनिषद अथर्ववेदीय शौनकीय शाखा से सम्बन्धित है। इसमें अक्षर-ब्रह्म 'ॐ: का विशद विवेचन किया गया है। इसे मन्त्रोपनिषद नाम से भी पुकारा जाता है। इसमें तीन मुण्डक हैं और प्रत्येक मुण्डक के दो-दो खण्ड हैं तथा कुल चौंसठ मन्त्र हैं। 'मुण्डक' का अर्थ है- मस्तिष्क को अत्यधिक शक्ति प्रदान करने वाला और उसे अविद्या-रूपी अन्धकार से मुक्त करने वाला। इस उपनिषद में महर्षि [[अंगिरा]] ने शौनक को 'परा-अपरा' विद्या का ज्ञान कराया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मुण्डकोपनिषद]]
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{उत्तर वैदिक कालीन ग्रंथों की रचना लगभग 1000 ई. पू.-600 ई. पू. के मध्य किन स्थानों पर की गई?
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- सैन्धव घाटी के मैदान में
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- आर्यावर्त के मैदान में
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+ गंगा के उत्तरी मैदान में
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- मध्य एशिया के मैदान में
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{'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थीं' का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है?
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- [[ऋग्वेद]] में
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+[[अथर्ववेद]]
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- [[यजुर्वेद]] में
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- [[सामवेद]] में
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||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|thumb|150px|अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ]] अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस [[वेद]] की रचना सबसे बाद में हुई। अथर्ववेद के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ॠग्वेदीय स्तोत्रों के छदों में रचित हैं। दोनो वेदों में इसके अतिरिक्त अन्य कोई समानता नहीं है। अथर्ववेद मे दैनिक जीवन से जुड़े तांत्रिक धार्मिक सरोकारों को व्यक्त करता है, इसका स्वर [[ॠग्वेद]] के उस अधिक पुरोहिती स्वर से भिन्न है, जो महान [[देवता|देवों]] को महिमामंडित करता है और [[सोम रस|सोम]] के प्रभाव में कवियों की उत्प्रेरित दृष्टि का वर्णन करता है। [[यज्ञ|यज्ञों]] व देवों को अनदेखा करने के कारण वैदिक पुरोहित वर्ग इसे अन्य तीन वेदों के बराबर नहीं मानता था। इसे यह दर्जा बहुत बाद में मिला। इसकी भाषा ॠग्वेद की भाषा की तुलना में स्पष्टतः बाद की है और कई स्थानों पर ब्राह्मण ग्रंथों से मिलती है। अतः इसे लगभग 1000 ई.पू. का माना जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अथर्ववेद]]
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{उत्तर वैदिक कालीन ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता?
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+ संन्यास
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- ब्रह्मचर्य
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- गृहस्थ
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- वानप्रस्थ
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{'गायत्री मंत्र' किस [[वेद]] से लिया गया है?
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- [[सामवेद]]
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- [[यजुर्वेद]]
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- [[अथर्ववेद]]
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{[[वेद|वेदों]] को 'अपौरुषेय' क्यों कहा जाता है?
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+ क्योंकि वेदों की रचना देवताओं द्वारा की गई है
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- क्योंकि वेदों की रचना पुरुषों द्वारा की गई है
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-क्योंकि वेदों की रचना ऋषियों द्वारा की गई है
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- उपर्युक्त में से कोई नहीं
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{राष्ट्र एवं राजा शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम कब हुआ?
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- सैन्धव काल में
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- ऋग्वैदिक काल में
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+उत्तरवैदिक काल में
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-महाकाव्य में
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{आर्यों के मूल निवास स्थान के बारे में सर्वाधिक मान्य मत कौन-सा है?
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-दक्षिणी रूस
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+मध्य एशिया में बैक्ट्रिया
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-भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश
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-मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र
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{आर्यों के मूल निवास स्थान के बारे में सर्वाधिक मान्य मत कौन-सा है?
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-दक्षिणी रूस
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+मध्य एशिया में बैक्ट्रिया
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-भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश
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-मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र
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=====उत्तर वैदिक कालीन ग्रंथों की रचना लगभग 1000 ई. पू.-600 ई. पू. के मध्य किन स्थानों पर की गई?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=सैन्धव घाटी के मैदान में |विकल्प 2=आर्यावर्त के मैदान में|विकल्प 3=गंगा के उत्तरी मैदान में|विकल्प 4=मध्य एशिया के मैदान में}}{{Ans|विकल्प 1=सैन्धव घाटी के मैदान में|विकल्प 2=आर्यावर्त के मैदान में |विकल्प 3='''गंगा के उत्तरी मैदान में'''{{Check}} |विकल्प 4=मध्य एशिया के मैदान में|विवरण=}}
 
====='सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थीं' का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=ऋग्वेद में |विकल्प 2=अथर्ववेद में|विकल्प 3=यजुर्वेद में|विकल्प 4=सामवेद में}}{{Ans|विकल्प 1=[[ऋग्वेद]] में|विकल्प 2='''[[अथर्ववेद]]'''{{Check}} में |विकल्प 3=[[यजुर्वेद]] में |विकल्प 4=[[सामवेद]] में|विवरण=[[चित्र:Atharvaveda.jpg|thumb|150px|अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ]]
 
  
अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस [[वेद]] की रचना सबसे बाद में हुई। अथर्ववेद के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ॠग्वेदीय स्तोत्रों के छदों में रचित हैं। दोनो वेदों में इसके अतिरिक्त अन्य कोई समानता नहीं है। अथर्ववेद मे दैनिक जीवन से जुड़े तांत्रिक धार्मिक सरोकारों को व्यक्त करता है, इसका स्वर [[ॠग्वेद]] के उस अधिक पुरोहिती स्वर से भिन्न है, जो महान [[देवता|देवों]] को महिमामंडित करता है और [[सोम रस|सोम]] के प्रभाव में कवियों की उत्प्रेरित दृष्टि का वर्णन करता है। [[यज्ञ|यज्ञों]] व देवों को अनदेखा करने के कारण वैदिक पुरोहित वर्ग इसे अन्य तीन वेदों के बराबर नहीं मानता था। इसे यह दर्जा बहुत बाद में मिला। इसकी भाषा ॠग्वेद की भाषा की तुलना में स्पष्टतः बाद की है और कई स्थानों पर ब्राह्मण ग्रंथों से मिलती है। अतः इसे लगभग 1000 ई.पू. का माना जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अथर्ववेद]]}}
 
=====उत्तर वैदिक कालीन ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=संन्यास |विकल्प 2=ब्रह्मचर्य|विकल्प 3=गृहस्थ|विकल्प 4=वानप्रस्थ}}{{Ans|विकल्प 1='''संन्यास'''{{Check}}|विकल्प 2=ब्रह्मचर्य |विकल्प 3=गृहस्थ |विकल्प 4=वानप्रस्थ|विवरण=}}
 
====='गायत्री मंत्र' किस [[वेद]] से लिया गया है?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=ऋग्वेद |विकल्प 2=सामवेद|विकल्प 3=यजुर्वेद|विकल्प 4=अथर्ववेद}}{{Ans|विकल्प 1='''[[ऋग्वेद]]'''{{Check}}|विकल्प 2=[[सामवेद]] |विकल्प 3=[[यजुर्वेद]] |विकल्प 4=[[अथर्ववेद]]|विवरण=}}
 
=====[[वेद|वेदों]] को 'अपौरुषेय' क्यों कहा जाता है?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=क्योंकि वेदों की रचना देवताओं द्वारा की गई है |विकल्प 2=क्योंकि वेदों की रचना पुरुषों द्वारा की गई है|विकल्प 3=क्योंकि वेदों की रचना ऋषियों द्वारा की गई है|विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1='''क्योंकि वेदों की रचना देवताओं द्वारा की गई है'''{{Check}}|विकल्प 2=क्योंकि वेदों की रचना पुरुषों द्वारा की गई है |विकल्प 3=क्योंकि वेदों की रचना ऋषियों द्वारा की गई है |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं|विवरण=}}
 
=====राष्ट्र एवं राजा शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम कब हुआ?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=सैन्धव काल में |विकल्प 2=ऋग्वैदिक काल में|विकल्प 3=उत्तरवैदिक काल में|विकल्प 4=महाकाव्य में}}{{Ans|विकल्प 1=सैन्धव काल में|विकल्प 2=ऋग्वैदिक काल में |विकल्प 3='''उत्तरवैदिक काल में'''{{Check}} |विकल्प 4=महाकाव्य में|विवरण=}}
 
=====आर्यों के मूल निवास स्थान के बारे में सर्वाधिक मान्य मत कौन-सा है?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=दक्षिणी रूस |विकल्प 2=मध्य एशिया में बैक्ट्रिया|विकल्प 3=भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश|विकल्प 4=मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र}}{{Ans|विकल्प 1=दक्षिणी रूस|विकल्प 2='''मध्य एशिया में बैक्ट्रिया'''{{Check}} |विकल्प 3=भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश |विकल्प 4=मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र|विवरण=}}
 
 
=====सर्वप्रथम चारों आश्रमों के विषय में जानकारी कहाँ से मिलती है?=====
 
=====सर्वप्रथम चारों आश्रमों के विषय में जानकारी कहाँ से मिलती है?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=जाबालोपनिषद से |विकल्प 2=छान्दोग्य उपनिषद|विकल्प 3=मुण्डकोपनिषद से|विकल्प 4=कठोपनिषद से}}{{Ans|विकल्प 1='''[[जाबालोपनिषद]] से'''{{Check}}|विकल्प 2=[[छान्दोग्य उपनिषद]] से |विकल्प 3=[[मुण्डकोपनिषद]] से |विकल्प 4=[[कठोपनिषद]] से|विवरण=[[चित्र:Yajurveda.jpg|thumb|150px|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ]]
 
{{Opt|विकल्प 1=जाबालोपनिषद से |विकल्प 2=छान्दोग्य उपनिषद|विकल्प 3=मुण्डकोपनिषद से|विकल्प 4=कठोपनिषद से}}{{Ans|विकल्प 1='''[[जाबालोपनिषद]] से'''{{Check}}|विकल्प 2=[[छान्दोग्य उपनिषद]] से |विकल्प 3=[[मुण्डकोपनिषद]] से |विकल्प 4=[[कठोपनिषद]] से|विवरण=[[चित्र:Yajurveda.jpg|thumb|150px|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ]]
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=====[[औरंगज़ेब]] के शासनकाल में [[जाट]] विद्रोह का नेता कौन था?=====
 
=====[[औरंगज़ेब]] के शासनकाल में [[जाट]] विद्रोह का नेता कौन था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=तिलपत का जमींदार गोकुल सिंह|विकल्प 2=चम्पतराय|विकल्प 3=राजाराम|विकल्प 4=चूड़ामन}}{{Ans|विकल्प 1='''तिलपत का जमींदार [[गोकुल सिंह]]'''{{Check}} |विकल्प 2=चम्पतराय|विकल्प 3=[[राजाराम]]|विकल्प 4=चूड़ामन|विवरण=}}
 
{{Opt|विकल्प 1=तिलपत का जमींदार गोकुल सिंह|विकल्प 2=चम्पतराय|विकल्प 3=राजाराम|विकल्प 4=चूड़ामन}}{{Ans|विकल्प 1='''तिलपत का जमींदार [[गोकुल सिंह]]'''{{Check}} |विकल्प 2=चम्पतराय|विकल्प 3=[[राजाराम]]|विकल्प 4=चूड़ामन|विवरण=}}
=====[[अकबर]] निम्नलिखित में से किस वाद्य यन्त्र को कुशलता से बजाता था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=वीणा|विकल्प 2=पखावज|विकल्प 3=सितार|विकल्प 4=नक्कारा}}{{Ans|विकल्प 1=वीणा|विकल्प 2=पखावज|विकल्प 3=[[सितार]]|विकल्प 4='''नक्कारा'''{{Check}} |विवरण=}}
 
=====[[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के किस बन्दरगाह को [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] पोर्टो ग्राण्डे या महान बन्दरगाह कहते थे?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=सतगाँव|विकल्प 2=चटगाँव|विकल्प 3=हुगली|विकल्प 4=चन्द्रद्वीप}}{{Ans|विकल्प 1=सतगाँव|विकल्प 2='''चटगाँव'''{{Check}} |विकल्प 3=[[हुगली नदी|हुगली]]|विकल्प 4=चन्द्रद्वीप|विवरण=}}
 
=====[[मराठा|मराठों]] ने गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का कुशल प्रशिक्षण सम्भवतः किससे प्राप्त किया था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=गोलकुण्डा के मीर जुमला|विकल्प 2=अहमद नगर के अबीसीनियायी मंत्री [[मलिक अम्बर]]|विकल्प 3=मलिक क़ाफूर|विकल्प 4=मीर ज़ाफ़र}}{{Ans|विकल्प 1=[[गोलकुण्डा]] के मीर जुमला|विकल्प 2='''अहमद नगर के अबीसीनियायी मंत्री मलिक अम्बर'''{{Check}} |विकल्प 3=मलिक क़ाफूर|विकल्प 4=मीर ज़ाफ़र|विवरण=}}
 
=====निम्नलिखित में से किसे 'जाटों का प्लेटो' कहा जाता था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=राजाराम|विकल्प 2=चूड़ामन|विकल्प 3=सूरजमल|विकल्प 4=बदनसिंह}}{{Ans|विकल्प 1=[[राजाराम]]|विकल्प 2=[[ठाकुर चूड़ामन सिंह|चूड़ामन]]|विकल्प 3='''[[सूरजमल]]'''{{Check}} |विकल्प 4=[[बदनसिंह]]|विवरण=}}
 
=====[[1857]] के विद्रोह का रुहेलखण्ड में नेतृत्व किसने किया था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=ख़ान बहादुर ख़ाँ|विकल्प 2=शहज़ादा फ़िरोज़ ख़ाँ|विकल्प 3=राजा बेनी माधोसिंह|विकल्प 4=मुहम्मद हसन ख़ाँ}}{{Ans|विकल्प 1='''ख़ान बहादुर ख़ाँ'''{{Check}}|विकल्प 2=शहज़ादा फ़िरोज़ ख़ाँ|विकल्प 3=राजा बेनी माधोसिंह|विकल्प 4=मुहम्मद हसन ख़ाँ|विवरण=}}
 
=====सन् [[1932]] ई. में अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना किसने की थी?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=बाबा साहेब अम्बेडकर|विकल्प 2=महात्मा गाँधी|विकल्प 3=बाल गंगाधर तिलक|विकल्प 4=ज्योतिबा फुले}}{{Ans|विकल्प 1=[[भीमराव आम्बेडकर|बाबा साहेब अम्बेडकर]]|विकल्प 2='''[[महात्मा गाँधी]]'''{{Check}}|विकल्प 3=[[बाल गंगाधर तिलक]]|विकल्प 4=ज्योतिबा फुले|विवरण=महात्मा गाँधी ([[2 अक्तूबर]], [[1869]] - [[30 जनवरी]], [[1948]]) को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और '''राष्ट्रपिता''' माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई।  मोहनदास करमचंद गांधी [[भारत]] एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महात्मा गाँधी]]}}
 
=====[[राजा राममोहन राय]] के प्रथम शिष्य, जिन्होंने उनके मरणोपरांत ब्रह्म समाज का नेतृत्व सँभाला था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=द्वारकानाथ टैगोर|विकल्प 2=रामचन्द्र विद्यावागीश|विकल्प 3=केशवचन्द्र सेन|विकल्प 4=देवेन्द्रनाथ टैगोर}}{{Ans|विकल्प 1=द्वारकानाथ टैगोर|विकल्प 2='''रामचन्द्र विद्यावागीश'''{{Check}}|विकल्प 3=केशवचन्द्र सेन|विकल्प 4=देवेन्द्रनाथ टैगोर|विवरण=}}
 
 
=====वह राष्ट्रकूट शासक कौन था,  जिसकी तुलना उदार तथा विद्वानों के संरक्षक के रूप में विख्यात [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य|राजा विक्रमादित्य]] से की गई है?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=गोविन्द तृतीय|विकल्प 2=ध्रुव चतुर्थ|विकल्प 3=कृष्ण तृतीय|विकल्प 4=अमोघवर्ष}}{{Ans|विकल्प 1=गोविन्द तृतीय|विकल्प 2=ध्रुव चतुर्थ|विकल्प 3=कृष्ण तृतीय|विकल्प 4='''अमोघवर्ष'''{{Check}}|विवरण=}}
 
=====[[महमूद ग़ज़नवी|महमूद]] के आक्रमण के समय हिन्दूशाही साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=क़ाबुल|विकल्प 2=पेशावर|विकल्प 3=अटक|विकल्प 4=उदमाण्डपुर या ओहिन्द}}{{Ans|विकल्प 1=[[क़ाबुल]]|विकल्प 2=[[पेशावर]]|विकल्प 3=अटक|विकल्प 4='''उदमाण्डपुर या ओहिन्द'''{{Check}}|विवरण=}}
 
=====निम्नलिखित में से कौनसा संस्कार स्त्रियों एवं शूद्रों के लिए वर्जित था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=चूड़ाकर्म|विकल्प 2=उपनयन|विकल्प 3=नायकरण|विकल्प 4=पुंसवन}}{{Ans|विकल्प 1=चूड़ाकर्म|विकल्प 2='''[[उपनयन संस्कार|उपनयन]]'''{{Check}}|विकल्प 3=नायकरण|विकल्प 4=पुंसवन|विवरण=[[चित्र:Upanayana-1.jpg|thumb|150px|उपनयन<br /> Upanayana]]
 
'उपनयन' का अर्थ है "पास या सन्निकट ले जाना।" किन्तु किसके पास ले जाना? सम्भवत: आरम्भ में इसका तात्पर्य था "आचार्य के पास (शिक्षण के लिए) ले जाना।" हो सकता है; इसका तात्पर्य रहा हो नवशिष्य को विद्यार्थीपन की अवस्था तक पहुँचा देना। कुछ गृह्यसूत्रों से ऐसा आभास मिल जाता है, यथा हिरण्यकेशि के अनुसार; तब गुरु बच्चे से यह कहलवाता है "मैं ब्रह्मसूत्रों को प्राप्त हो गया हूँ। मुझे इसके पास ले चलिए। सविता देवता द्वारा प्रेरित मुझे ब्रह्मचारी होने दीजिए।" मानवग्रह्यसूत्र एवं काठक. ने 'उपनयन' के स्थान पर 'उपायन' शब्द का प्रयोग किया है। काठक के टीकाकार आदित्यदर्शन ने कहा है कि उपानय, उपनयन, मौञ्चीबन्धन, बटुकरण, व्रतबन्ध समानार्थक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उपनयन संस्कार]]}}
 
=====[[ऋग्वेद]] में जिस अपराध का सबसे अधिक उल्लेख किया गया है, वह था?=====
 
{{Opt|विकल्प 1=हत्या|विकल्प 2=अपहरण|विकल्प 3=पशु चोरी|विकल्प 4=लूट और राहजनी}}{{Ans|विकल्प 1=हत्या|विकल्प 2=अपहरण|विकल्प 3='''पशु चोरी'''{{Check}}|विकल्प 4=लूट और राहजनी|विवरण=}}
 

12:11, 23 दिसम्बर 2010 का अवतरण

<quiz display=simple>

{वैदिककालीन लोगों ने सर्वप्रथम किस धातु का प्रयोग किया?

type="()"}

- लोहा - कांसा + तांबा - सोना

{उत्तरवैदिक काल के महत्वपूर्ण देवता कौन थे?

type="()"}

- रुद्र - विष्णु + प्रजापति - पूषन

{भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य 'सत्यमेव जयते' कहाँ से उद्धत है?

type="()"}

+ मुण्डकोपनिषद से - कठोपनिषद से - छान्दोग्य उपनिषद से - उपर्युक्त में से कोई नहीं

यह उपनिषद अथर्ववेदीय शौनकीय शाखा से सम्बन्धित है। इसमें अक्षर-ब्रह्म 'ॐ: का विशद विवेचन किया गया है। इसे मन्त्रोपनिषद नाम से भी पुकारा जाता है। इसमें तीन मुण्डक हैं और प्रत्येक मुण्डक के दो-दो खण्ड हैं तथा कुल चौंसठ मन्त्र हैं। 'मुण्डक' का अर्थ है- मस्तिष्क को अत्यधिक शक्ति प्रदान करने वाला और उसे अविद्या-रूपी अन्धकार से मुक्त करने वाला। इस उपनिषद में महर्षि अंगिरा ने शौनक को 'परा-अपरा' विद्या का ज्ञान कराया है।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- मुण्डकोपनिषद

{उत्तर वैदिक कालीन ग्रंथों की रचना लगभग 1000 ई. पू.-600 ई. पू. के मध्य किन स्थानों पर की गई?

type="()"}

- सैन्धव घाटी के मैदान में - आर्यावर्त के मैदान में + गंगा के उत्तरी मैदान में - मध्य एशिया के मैदान में

{'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थीं' का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है?

type="()"}

- ऋग्वेद में +अथर्ववेद - यजुर्वेद में - सामवेद में

अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ
अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई। अथर्ववेद के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ॠग्वेदीय स्तोत्रों के छदों में रचित हैं। दोनो वेदों में इसके अतिरिक्त अन्य कोई समानता नहीं है। अथर्ववेद मे दैनिक जीवन से जुड़े तांत्रिक धार्मिक सरोकारों को व्यक्त करता है, इसका स्वर ॠग्वेद के उस अधिक पुरोहिती स्वर से भिन्न है, जो महान देवों को महिमामंडित करता है और सोम के प्रभाव में कवियों की उत्प्रेरित दृष्टि का वर्णन करता है। यज्ञों व देवों को अनदेखा करने के कारण वैदिक पुरोहित वर्ग इसे अन्य तीन वेदों के बराबर नहीं मानता था। इसे यह दर्जा बहुत बाद में मिला। इसकी भाषा ॠग्वेद की भाषा की तुलना में स्पष्टतः बाद की है और कई स्थानों पर ब्राह्मण ग्रंथों से मिलती है। अतः इसे लगभग 1000 ई.पू. का माना जा सकता है।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- अथर्ववेद

{उत्तर वैदिक कालीन ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता?

type="()"}

+ संन्यास - ब्रह्मचर्य - गृहस्थ - वानप्रस्थ

{'गायत्री मंत्र' किस वेद से लिया गया है?

type="()"}

+ ऋग्वेद - सामवेद - यजुर्वेद - अथर्ववेद

{वेदों को 'अपौरुषेय' क्यों कहा जाता है?

type="()"}

+ क्योंकि वेदों की रचना देवताओं द्वारा की गई है - क्योंकि वेदों की रचना पुरुषों द्वारा की गई है -क्योंकि वेदों की रचना ऋषियों द्वारा की गई है - उपर्युक्त में से कोई नहीं

{राष्ट्र एवं राजा शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम कब हुआ?

type="()"}

- सैन्धव काल में - ऋग्वैदिक काल में +उत्तरवैदिक काल में -महाकाव्य में

{आर्यों के मूल निवास स्थान के बारे में सर्वाधिक मान्य मत कौन-सा है?

type="()"}

-दक्षिणी रूस +मध्य एशिया में बैक्ट्रिया -भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश -मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र

{आर्यों के मूल निवास स्थान के बारे में सर्वाधिक मान्य मत कौन-सा है?

type="()"}

-दक्षिणी रूस +मध्य एशिया में बैक्ट्रिया -भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश -मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र






सर्वप्रथम चारों आश्रमों के विषय में जानकारी कहाँ से मिलती है?

साँचा:Optसाँचा:Ans

'गोत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई?

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ब्राह्मण ग्रंथों में सर्वाधिक प्राचीन कौन है?

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षड्दर्शन का बीजारोपण किस काल में हुआ है?

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जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक किसे माना जाता है?

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जैन परम्परा के अनुसार जैन धर्म में कुल कितने तीर्थकर हुए हैं?

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'राजगृह' में महावीर स्वामी ने सर्वाधिक निवास किस ऋतु में किया?

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जैन धर्म के पहले तीर्थंकर के रूप में किसे जाना जाता है?

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महावीर स्वामी 'यती' कब कहलाए?

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'स्यादवान' किस धर्म का मूलाधार था?

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महावीर के निर्वाण के बाद जैन संघ का अगला अध्यक्ष कौन हुआ?

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आदि जैन ग्रंथों की भाषा क्या थी?

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जैन धर्म के पाँचों व्रतों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्रत कौन-सा है?

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जैन धर्म का सर्वाधिक प्रचार-प्रसार किस समुदाय में हुआ?

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जैन धर्म 'श्वेताम्बर' एवं 'दिगम्बर' सम्प्रदायों में कब विभाजित हुआ?

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जैन धर्म के विषय में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?

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ऋग्वेद में 'निष्क' शब्द का प्रयोग किसी आभूषण के लिए किया गया है, वह है?

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अथर्ववेद में किन दो संस्थाओं को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है?

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विशाखादत्त के मुद्राराक्षस में वर्णित नाम चन्द्रसिरी (चन्द्र श्री) के रूप में किस राजा की पहचान की गई है?

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महाभारत में माद्री, देवकी, भद्रा, रोहिणी, मदिरा, आदि स्त्रियों का वर्णन किस सन्दर्भ में किया है?

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पाण्ड्य राज की राजधानी थी?

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भद्रबाहु गुफ़ा अवस्थित है?

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'इण्डिका' का लेखक था, जिसने इस पुस्तक में विदेशी व्यापार का ज़िक्र किया था?

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मुस्लिम क़ानून के चार स्रोतों में से तीन क़ुरान, हदीस एवं इज्मा हैं। निम्नलिखित में से कौनसा चौथा स्रोत है?

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'क़ुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद' का निर्माण किस मुस्लिम शासक ने कराया था?

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टीपू सुल्तान ने किस क्लब की सदस्यता प्राप्त कर श्रीरंगपट्टनम् में स्वतंत्रता का वृक्ष रोपा था?

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दादाभाई नौरोजी ने अंग्रेज़ों की किस नीति को 'अनिष्टों का अनिष्ट' कहा था?

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किस इतिहासकार ने सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को 'धर्मान्धों का ईसाइयों के विरुद्ध युद्ध' कहा था?

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झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हुई थी?

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'इण्डिपेन्डेन्स' नामक समाचार-पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया था?

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"कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश सरकार की एक पूर्व निश्चित गुप्त योजना के अनुसार की गई।" यह किस पुस्तक में लिखा गया है?

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'ब्रिटेन की हाउस ऑफ़ लार्डस' ने किस अंग्रेज़ अधिकारी को' ब्रिटिश साम्राज्य का शेर कहा था?

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ऐसा कौन सा प्रथम सूफ़ी साधक था, जिसने अपने आपको अनलहक घोषित किया था?

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प्रान्तों की सेना को मुग़लकालीन भारत में कहा जाता था?

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किस विदेशी ने अपने व्याख्यानों में मुग़ल सम्राटों का उल्लेख 'अभागे ज़ालिम' के लिए किया था?

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ऋषि अगस्त्य के शिष्य 'तोलक्कपियर' ने 'तोलकापियम' नामक ग्रन्थ की रचना की थी, उसमें वर्णीत विषय था?

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हरविलास शारदा द्वारा प्रस्तावित अधिनियम जिसे सामान्यतया शारदा अधिनियम कहा जाता है, क्या था?

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मद्रास में जस्टिस पार्टी आन्दोलन का विलय किसके साथ हुआ?

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निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ में सर्वप्रथम पुनर्जन्म के सिद्धान्त का उल्लेख मिलता है?

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तमिल राष्ट्र में दुर्गा का तादात्म्य तमिल देवी 'कोरवई' से किया गया है, वे किस तत्व की तमिल देवी थीं?

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वह प्रथम भारतीय शासक था, जिसने रोमन मुद्रा प्रणाली के अनुरूप अपने सिक्कों का प्रसारण किया। उसका सम्बन्ध किस साम्राज्य से था?

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हैदराबाद नगर की स्थापना की थी?

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बहमनी साम्राज्य के प्रान्तों को क्या कहा जाता था?

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औरंगज़ेब के शासनकाल में जाट विद्रोह का नेता कौन था?

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