भारत का संविधान- संपत्ति का अधिकार

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300क. विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना--[1]

किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से विधि के प्राधिकार से ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संविधान (चवालीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1978 की धारा 34 द्वारा (20-6-1978 से) अंतःस्थापित।

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