एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

भावसेन त्रैविद्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

आचार्य भावसेन त्रैविद्य

  • ये विक्रम सम्वत 12वीं, 13वीं शताब्दी के जैन नैयायिक हैं।
  • इनकी उपलब्ध एकमात्र कृति 'विश्वतत्त्वप्रकाश' है।
  • इसका प्रकाशन जीवराज जैन ग्रन्थमाला, सोलापुर से हो चुका है।
  • यह बृहद ग्रन्थ महत्त्वपूर्ण और बोधप्रद है।

संबंधित लेख