मंडला

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मंडला नगर पूर्वी मध्य प्रदेश राज्य मध्य भारत में स्थित है। यह नर्मदा नदी के तट पर औसत समुद्र तल से 539 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है और तीन तरफ से इसी नदी द्वारा घिरा है।

इतिहास

पहले यह गढ़ मंडला गोंड राज्य की राजधानी (1680) था। यहाँ 1867 में नगरपालिका का गठन हुआ। राजा नरेंद्र ने तीन ओर से नदी से घिरे भूखंड पर दुर्ग का निर्माण करवाया, जिसके चौथी तरफ गहरी खाई है। उन्होंने महल, मंदिर और घाटों का भी निर्माण करवाया। पेशवा बाजीराव के नेतृत्व में मराठों ने 1739 में इस नगर पर कब्ज़ा कर लिया। उन्होंने नगर के सामने वाले हिस्से पर बुर्जों और द्वारों से युक्त दीवार का निर्माण करके इस स्थान को मजबूती प्रदान की। 1818 में जनरल मार्शल ने इस टूटे-फूटे दुर्ग पर अधिकार कर लिया।

आधुनिक स्थिति

इस नगर में संकरी गलियाँ है और नर्मदा के तट 37 से अधिक मंदिर हैं, जिनका निर्माण 1680 से 1858 के बीच हुआ था। यह नगर सड़क जंक्शन और रेल टर्मिनल है और यहाँ बड़े पैमाने पर कृषि कार्य होता है। मंडला वाणिज्य का महत्त्वपूर्ण केंद्र नहीं है। यहाँ सिर्फ आरा मिलें हैं और भांग के उत्पाद व कांसे के बर्तनों का निर्माण होता है। इस नगर में सागर स्थित डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालय है।

जनसंख्या

मंडला नगर की जनसंख्या 45,907 है और मंडला ज़िले की कुल संख्या 8,93,908 है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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