राष्ट्रपिता

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:35, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण (Text replace - "अफगान" to "अफ़ग़ान")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी

राष्ट्रपिता दो शब्दों "राष्ट्र" अर्थात - देश या वतन और "पिता" अर्थात जनक शब्दों को समन्वय है, जिसका अंग्रेज़ी अनुवाद 'father of the nation' है। सामान्यतः किसी राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले राजनेता को उस देश के नागरिक अपने राष्ट्र के पिता के रूप में सम्मान देते हैं और वह राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाने लगता है जैसे भारतवर्ष में महात्मा गांधी को यह सम्मान प्राप्त है।

राष्ट्रपिता की वैधानिकता

  • गाँधी जी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी और क्या इसकी कोई वैधानिकता है भी अथवा नहीं, तो इस विषय पर बहुत अधिक चर्चा हो चुकी है। कुछ उत्साही व्यक्तियों द्वारा 2005 में केन्द्रीय सूचना का अधिकार अधिनियम आने के बाद इस अधिकार के अंतरगत भी उन दस्तावेजो की मांग की। इन सभी प्रयासों का जो परिणाम निकाल कर आया उसके अनुसार-
    • दिनांक 12 अप्रैल, 1919 को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने गांधी जी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्हें ‘महात्मा’ का संबोधन दिया गया था।
    • इसके उपरांत गांधी जी के साथ महात्मा शब्द अनुलग्नक के रूप में लिखा जाने लगा और इसे समूचे देश मे इसे अघोषित मान्यता मिल गयी।
    • इसके उपरांत 4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुये महात्मा गांधी को ‘देश का पिता’ कहकर संबोधित किया।
    • इसके उपरांत पुनः 6 जुलाई 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने रेडियो सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुये महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया।
    • 30 जनवरी, 1948 को गांधी जी की हत्या होने के उपरांत देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रेडियो पर भारत राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि "राष्ट्रपिता अब नहीं रहे"।
  • गांधी जी के नाम के जुडे ये दोनो अनुलग्नक 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' समूचे देश में स्वीकार्य किये गये अघोषित मान्यता के रूप मे प्रतिष्ठित हुए।
  • इस प्रकार गांधी जी को दी गयी राष्ट्रपिता की उपाधि की भले ही कोई वैधानिकता न हो परन्तु अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपिता अहमद शाह अब्दाली और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपिता जार्ज वाशिंगटन के अनुरूप भारतीय गणराज्य के राष्ट्रपिता के रूप में महात्मा गांधी समूचे विश्व में मान्यता पा चुके है।

विश्व के कुछ देशों के राष्ट्रपिता

क्रमांक देश का नाम राष्ट्रपिता जन्म मृत्यु
1 भारतीय गणराज्य मोहनदास करमचंद गांधी 2 अक्तूबर, 1869 30 जनवरी, 1948
2 अफ़ग़ानिस्तान अहमद शाह अब्दाली 1728
3 संयुक्त राज्य अमेरिका जार्ज वाशिंगटन 22 फरवरी, 1732 14 दिसंबर 1799
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

.....तो मोहनदास करमचंद गांधी ऐसे बने थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

संबंधित लेख