राष्ट्रीय फ़िल्म संग्रहालय

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राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय भारतीय सिनेमा की परंपरा की रक्षा व भारत में एक स्वस्थ फिल्म संस्कृति के प्रसार के केंद्र के रूप में कार्य करने वाला एक संस्थान है। सिनेमा के विविध पहलुओं पर शोध करने हेतु फिल्म विद्वानों को प्रोत्साहन देना भी इसकी घोषणा पर चार्टर का एक भाग है। विदेशी दर्शकों को भारतीय सिनेमा से परिचित करवाना व उसे पूरे विश्व में देखे जाने योग्य बनाना, संग्रहालय का एक और घोषित लक्ष्य है।

स्थापना

भारत का राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार की एक मीडिया इकाई के रूप में फरवरी,1964 में स्थापित किया गया । इसके मुख्य उद्देश्य व कार्य हैं :

  • भावी पीढ़ियों के उपयोग हेतु राष्ट्रीय सिनेमा की परंपरा की खोज, प्राप्ति व परिरक्षण एवं विश्व सिनेमा का एक प्रतिनिधि संग्रह ।
  • फिल्म से संबंधित सामग्री का वर्गीकरण व प्रलेखन तथा फिल्मों पर शोध व उसको प्रोत्साहन देना ।
  • देश में फिल्म संस्कृति के प्रसार के केंद्र के रूप में कार्य करना व भारतीय सिनेमा का विदेश में प्रचार ।

मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय

पुणे में मुख्यालय सहित, राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय के फिलहाल 3 क्षेत्रीय कार्यालय हैं: बेंगलुरु, कोलकाता और तिरुवनंतपुरम में। 1969 से राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय महासंघ (एफआईएएफ) का सदस्य है और इस संस्थान के कार्य में सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। ==फिल्म ग्रंथालय==  राष्‍ट्रीय फिल्‍म संग्रहालय के फिल्‍म संग्रह के खजाने में डी.जी.फालके व बाबूराव पेंटर की फिल्‍मों के बचे हुए अंश, हिमांशु राय व फ्रांज ऑस्‍टन की मूल फिल्‍में, 19301940 के दशकों की प्रमुख फिल्‍म कंपनियों व स्‍टूडियो जैसे प्रभात फिल्‍म कंपनी, न्‍यू थिएटर्स, बॉम्‍बे टॉकीज, श्री भारत लक्ष्‍मी पिक्‍चर्स, मिनर्वा मूवीटोन, वाडिया मूवीटोन, जेमिनी, विजया वौहिनी व अन्‍य फिल्‍मों का संग्रह है। उसी प्रकार संग्रहालय के खजाने में 1940 के अंत में स्‍टूडियो प्रथा समाप्‍त होने के बाद महबूब खान, राजकपूर, बिमल रॉय, गुरु दत्त, ए.आर.करदार, एल.वी. प्रसाद व बी. नागी रेड्डी जैसों के द्वारा निर्मित स्‍वतंत्र बॅनर भी हैं। मुख्‍य धारा सिनेमा के उदाहरणों के अतिरिक्‍त नवीन भारतीय सिनेमा के प्रवर्तकों जैसे सत्‍यजीत रे, मृणाल सेन, ऋत्विक घटक, अडूर गोपालकृष्‍णन, श्याम बेनेगल, मणि कौल, जी. अरविंदन, कुमार शाहनी, गिरीश कासारवल्‍ली, मीरा नायर व अन्‍य के प्रमुख कार्यों के बेहतरीन प्रिंट्स भी संग्रहालय द्वारा जतन की गई हैं ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


==बाहरी कड़ियाँ==


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