राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण अनुसंधान प्रयोगशाला
राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण अनुसंधान प्रयोगशाला (अंग्रेज़ी: National Research Laboratory For Conservation Of Cultural Property or NRLC) लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का एक अधीनस्थ कार्यालय है। इसकी स्थापना वर्ष 1976 में की गई थी। 1985 में 'विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग' द्वारा एक वैज्ञानिक संस्थान के रूप में इसको मान्यता प्राप्त हुई है।
उद्देश्य
प्रयोगशाला के लक्ष्य और उद्देश्य निम्नांकित हैं-
- वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रशिक्षण द्वारा संरक्षण क्षमताओं का विकास करना।
- क्षेत्र परियोजना के विकास और कार्यान्वयन द्वारा संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देना।
- सम्मेलन, कार्यशाला और प्रकाशन के द्वारा सूचना का प्रसार करना।
- संरक्षण प्रयोगशाला की स्थापना करना।
- अंतरराष्ट्रीय पेशेवर संगठनों के साथ सहयोग करना।
मुख्यालय
इस राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला का मुख्यालय लखनऊ में है तथा दक्षिण राज्यों में भी संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मैसूर में राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में क्षेत्रीय संरक्षण प्रयोगशाला काम कर रही है।
वित्तीय सहायता की योजना
अनुसंधान समर्थन के लिए वित्तीय सहायता की योजना के अंतर्गत ऐसे स्वैच्छिक संगठन लाभान्वित होते हैं, जो सांस्कृतिक गतिविधियों में लगे हैं और भारतीय संस्कृति की परंपरा और दर्शन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर शोध कार्य कर रहे हैं। ये संगठन कम से कम तीन वर्षों से इन क्षेत्रों में कार्य कर रहे हों और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम[1] के अंतर्गत पंजीकृत हों। आर्थिक सहायता निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए दी जाती है-
- महत्वपूर्ण सांस्कृतिक मुद्दों पर सम्मेलन, विचार गोष्ठियां और परिसंवाद/परिचर्चाएं आयोजित कराने के लिए।
- सर्वेक्षण कार्य करने तथा प्रायोगिक परियोजना चलाने आदि जैसी विकास गतिविधियों का खर्च वहन करने के लिए।
विशेष परियोजनाओं के लिए सहायता राशि कुल व्यय के 75 प्रतिशत तक ही दी जायेगी, जो अधिकतम एक लाख रुपये हो सकती है, जैसा कि विशेषज्ञ समिति ने सिफ़ारिश की है। वर्ष 2004-2005 में विशेषज्ञ समिति ने स्वैच्छिक संगठनों को अनुसंधान समर्थन के लिए आर्थिक सहायता देने के 176 प्रस्तावों का चयन किया था।
सरंक्षण और परिरक्षण
सरंक्षण और परिरक्षण हेतु 'एनआरएलसी' की गतिविधियां वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रशिक्षण और क्षेत्र परियोजना द्वारा पूरे किए गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस प्रयोगशाला ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति की पत्रिकाओं में अनेक शोध लेखों का प्रकाशन किया है। वर्ष 2011 में क्षेत्र परियोजना हेतु जमाशीर्ष की संस्वीकृति के साथ प्रयोगशाला को विभिन्न संग्रहालय, अभिलेखागार, पुस्तकालय और अन्य संस्थानों से संरक्षण कार्य के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ है। वर्तमान में 'एनआरएलसी' की क्षेत्र परियोजनाएं सर जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्टस, मुंबई; 'केन्द्रीय संग्रहालय', नागपुर; 'एसएमएम थिएटर क्राफ्ट म्यूजियम', नई दिल्ली; 'श्री मंजूषा संग्रहालय', धर्मस्थला; 'मैसूर पेलस बोर्ड', मैसूर; 'क्षेत्रीय राज्य अभिलेखागार', एरनाकुलम और 'गवर्नर हाउस', लखनऊ में प्रगति पर है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1860 का XXI
बाहरी कड़ियाँ
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