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वसुन्धरा राजे सिंधिया [[राजस्थान]] की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। (जन्म- [[8 मार्च]], [[1953]] ई. [[मुंबई]])।  
 
वसुन्धरा राजे सिंधिया [[राजस्थान]] की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। (जन्म- [[8 मार्च]], [[1953]] ई. [[मुंबई]])।  
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
वसुंधरा राजे को राजनीति विरासत में मिली है। वसुन्धरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च, 1953 ई. को मुंबई में हुआ था। वसुंधरा राजे [[ग्वालियर]] के शासक [[जीवाजी राव सिंधिया]] और उन की पत्नी [[विजया राजे सिंधिया|राजमाता विजया राजे सिंधिया]] की चौथी संतान है। वसुंधरा राजे ने प्रेजेंटेशन कान्वेंट स्कूल, कोडैकनाल से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद वसुंधरा ने सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस आनर्स से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। वसुंधरा राजे की शादी [[धौलपुर]] राजघराने के महाराजा हेमंतसिंह के साथ हुई  थी। वसुंधरा राजे तब से ही राजस्थान से जुड़ गईं थी।  
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वसुंधरा राजे को राजनीति विरासत में मिली है। वसुन्धरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च, 1953 ई. को मुंबई में हुआ था। वसुंधरा राजे [[ग्वालियर]] के शासक [[जीवाजी राव सिंधिया]] और उन की पत्नी [[विजया राजे सिंधिया|राजमाता विजया राजे सिंधिया]] की चौथी संतान हैं। वसुंधरा राजे ने प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल, कोडैकनाल से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद वसुंधरा ने सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस आनर्स से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। वसुंधरा राजे की शादी [[धौलपुर]] राजघराने के महाराजा हेमंतसिंह के साथ हुई थी। वसुंधरा राजे तब से ही [[राजस्थान]] से जुड़ गईं थी।  
 
 
वसुन्धरा राजे अध्ययन, संगीत, घुड़सवारी, फोटोग्राफी और बागबानी की शौक़ीन  हैं। विभिन्न प्रकार की महँगी साड़ियाँ पहनना और उच्च रहन-सहन  वसुन्धरा राजे का शौक है। यह रूतबा देख कर राजस्थान की जनता ही नहीं, पक्षविपक्ष के नेता विधानसभा तक में उन्हें महारानी ही कहते थे।
 
  
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वसुन्धरा राजे अध्ययन, संगीत, घुड़सवारी, फोटोग्राफी और बागबानी की शौक़ीन हैं। विभिन्न प्रकार की महँगी साड़ियाँ पहनना और उच्च रहन-सहन वसुन्धरा राजे का शौक है। यह रूतबा देख कर राजस्थान की जनता ही नहीं, पक्षविपक्ष के नेता विधानसभा तक में उन्हें महारानी ही कहते थे।
 
==राजनीतिक सफ़र==
 
==राजनीतिक सफ़र==
वसुंधरा राजे को सन [[1984]] में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था। वसुंधरा राजे की कार्यक्षमता, विनम्रता और पार्टी के प्रति वफ़ादारी के चलते  [[1998]]-[[1999]] में [[अटलबिहारी वाजपेयी]] मंत्रीमंडल में वसुंधरा को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। वसुंधरा राजे को [[अक्टूबर]], 1999 में फिर केंद्रिया मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्माल इंडस्ट्रीज, कार्मिक एंड ट्रेनिंग, पेंशन व पेंशनर्स कल्याण, न्यूक्लियर एनर्जी विभाग एवं स्पेस विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।  
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वसुंधरा राजे को सन [[1984]] में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था। वसुंधरा राजे की कार्यक्षमता, विनम्रता और पार्टी के प्रति वफ़ादारी के चलते  [[1998]]-[[1999]] में [[अटलबिहारी वाजपेयी]] मंत्रीमंडल में वसुंधरा को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। वसुंधरा राजे को [[अक्टूबर]], 1999 में फिर केंद्रीय मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्माल इंडस्ट्रीज, कार्मिक एंड ट्रेनिंग, पेंशन व पेंशनर्स कल्याण, न्यूक्लियर एनर्जी विभाग एवं स्पेस विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।  
  
वसुंधरा ने देश की राजनीति में अपनी क़ाबलियत से एक पहचान कायम कर ली। इसी बीच राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने से प्रदेश में किसी दमदार नेता का अभाव खटकने लगा। लिहाजा वसुंधरा के पुराने बैकग्राउंड को देखते हुए केंद्रीय पार्टी ने उन को राज्य इकाई का अध्यक्ष बना कर भेज दिया।  
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वसुंधरा ने देश की राजनीति में अपनी क़ाबलियत से एक पहचान कायम कर ली। इसी बीच राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने से प्रदेश में किसी दमदार नेता का अभाव खटकने लगा। वसुंधरा के पुराने बैकग्राउंड को देखते हुए केंद्रीय पार्टी ने उन को राज्य इकाई का अध्यक्ष बना कर भेज दिया।  
  
उन्होंने चुनावों के मद्देनजर प्रदेश भर में परिवर्तन यात्रा निकाली। इस यात्रा के जरिये वे आम जनता से मिलती थीं। खासतौर से महिलाओं को लुभाने के लिये जिस इलाके में जातीं उसी इलाके की वेशभूषा पहन कर जाती थी।
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वसुन्धरा राजे ने चुनावों के मद्देनजर प्रदेश भर में परिवर्तन यात्रा निकाली। वसुन्धरा राजे इस यात्रा के जरिये वे आम जनता से मिलती थीं। ख़ासतौर से वसुन्धरा राजे महिलाओं को लुभाने के लिये जिस इलाके में जातीं उसी इलाके की वेशभूषा पहन कर जाती थी। नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनावों में वसुन्धरा राजे भारी बहुमत के बल पर पार्टी को सत्ता में ले आईं। [[1 दिसंबर]], [[2003]] में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
नतीजा यह हुआ की विधानसभा चुनावों में वे भारी बहुमत के बल पर पार्टी को सत्ता में ले आईं। 1 दिसंबर 2003 में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
 
  
वसुंधरा राजे ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को आगे बढाने के लिये 2007-08 के बजट में शिक्षा, रोजगार, बालविवाह प्रथा पर रोक जैसे 5 सूत्री कार्यक्रम बनाए थे।
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वसुंधरा राजे ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिये [[2007]]-[[2008]] के बजट में शिक्षा, रोज़गार, बालविवाह प्रथा पर रोक जैसे पाँच सूत्री कार्यक्रम बनाए थे।
 
==इस्‍तीफ़ा==
 
==इस्‍तीफ़ा==
देश जब 62 वॉ स्‍वाधीनता पर्व मना रहा था उस दौरान हमारे देश में लोकतंत्र की ऊँचाई एक बार फिर दिखी | ये प्रजातंत्र का ही करिश्‍मा है कि राजस्‍थान में सर्वोच्‍च पद पर आसीन रही वसुन्‍धरा राजे को आखिरकार नेता प्रतिपक्ष से इस्‍तीफा देने के लिये तैयार होना पड़ा |
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देश जब 62 वॉ स्‍वाधीनता पर्व मना रहा था उस दौरान हमारे देश में लोकतंत्र की ऊँचाई एक बार फिर दिखी। ये प्रजातंत्र का ही करिश्‍मा है कि राजस्‍थान में सर्वोच्‍च पद पर आसीन रही वसुन्‍धरा राजे को आखिरकार नेता प्रतिपक्ष से इस्‍तीफ़ा देने के लिये तैयार होना पड़ा।
 Pasted from <http://voiceofmp.com/sampadak.php?id=136>
 
  
लेकिन इस्तीफा देने वाली ये वसुंधरा पांच साल पहले वाली केंद्र से थोपी गयीं वसुंधरा नहीं थीं। अब उनके साथ विधायकों का बहुमत था और आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावजूद विधायक उनके साथ बने रहे। यानी ये कहा जा सकता है कि वसुंधरा अब एक कद्दावर नेता बन चुकी थीं और पार्टी के लिये उनसे पार पाना इतना आसान नहीं था। वसुंधरा चाहतीं तो पार्टी से बगावत करके अलग दल बनाने का हसीन ख्वाब देख सकती थीं  
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लेकिन इस्तीफ़ा देने वाली ये वसुंधरा पाँच साल पहले वाली केंद्र से थोपी गयीं वसुंधरा नहीं थीं। अब वसुन्धरा राजे के साथ विधायकों का बहुमत था और आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावज़ूद विधायक उनके साथ बने रहे। यानी ये कहा जा सकता है कि वसुंधरा अब एक कद्दावर नेता बन चुकी थीं और पार्टी के लिये उनसे पार पाना इतना आसान नहीं था। वसुंधरा चाहतीं तो पार्टी से बगावत करके अलग दल बनाने का हसीन ख्वाब देख सकती थीं  
Pasted from <http://khabar.ibnlive.in.com/blogs/16/321.html>
 
 
==स्वशाक्तीकरण के प्रयास==
 
==स्वशाक्तीकरण के प्रयास==
2007 में यूएनओ द्वारा वसुंधरा को महिला के लिये स्वशाक्तीकरण के प्रयासों के लिये 'विमन टूगेदर अवार्ड' दिया गया। कुछ भी हो, वसुंधरा राजे ने हमेशा अपनी काबिलीयत का लोहा मनवाया और आगे बढ़ते हुए राजनीतिक विजय के झंडे गाड़े।  
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2007 में यूएनओ द्वारा वसुंधरा को महिला के लिये स्वशाक्तीकरण के प्रयासों के लिये 'विमन टूगेदर अवार्ड' दिया गया। कुछ भी हो, वसुंधरा राजे ने हमेशा अपनी क़ाबिलियत का लोहा मनवाया और आगे बढ़ते हुए राजनीतिक विजय के झंडे गाड़े।  
  
  

10:37, 30 सितम्बर 2010 का अवतरण

वसुन्धरा राजे सिंधिया राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। (जन्म- 8 मार्च, 1953 ई. मुंबई)।

जीवन परिचय

वसुंधरा राजे को राजनीति विरासत में मिली है। वसुन्धरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च, 1953 ई. को मुंबई में हुआ था। वसुंधरा राजे ग्वालियर के शासक जीवाजी राव सिंधिया और उन की पत्नी राजमाता विजया राजे सिंधिया की चौथी संतान हैं। वसुंधरा राजे ने प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल, कोडैकनाल से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद वसुंधरा ने सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस आनर्स से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। वसुंधरा राजे की शादी धौलपुर राजघराने के महाराजा हेमंतसिंह के साथ हुई थी। वसुंधरा राजे तब से ही राजस्थान से जुड़ गईं थी।

वसुन्धरा राजे अध्ययन, संगीत, घुड़सवारी, फोटोग्राफी और बागबानी की शौक़ीन हैं। विभिन्न प्रकार की महँगी साड़ियाँ पहनना और उच्च रहन-सहन वसुन्धरा राजे का शौक है। यह रूतबा देख कर राजस्थान की जनता ही नहीं, पक्षविपक्ष के नेता विधानसभा तक में उन्हें महारानी ही कहते थे।

राजनीतिक सफ़र

वसुंधरा राजे को सन 1984 में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था। वसुंधरा राजे की कार्यक्षमता, विनम्रता और पार्टी के प्रति वफ़ादारी के चलते  1998-1999 में अटलबिहारी वाजपेयी मंत्रीमंडल में वसुंधरा को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। वसुंधरा राजे को अक्टूबर, 1999 में फिर केंद्रीय मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्माल इंडस्ट्रीज, कार्मिक एंड ट्रेनिंग, पेंशन व पेंशनर्स कल्याण, न्यूक्लियर एनर्जी विभाग एवं स्पेस विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।

वसुंधरा ने देश की राजनीति में अपनी क़ाबलियत से एक पहचान कायम कर ली। इसी बीच राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने से प्रदेश में किसी दमदार नेता का अभाव खटकने लगा। वसुंधरा के पुराने बैकग्राउंड को देखते हुए केंद्रीय पार्टी ने उन को राज्य इकाई का अध्यक्ष बना कर भेज दिया।

वसुन्धरा राजे ने चुनावों के मद्देनजर प्रदेश भर में परिवर्तन यात्रा निकाली। वसुन्धरा राजे इस यात्रा के जरिये वे आम जनता से मिलती थीं। ख़ासतौर से वसुन्धरा राजे महिलाओं को लुभाने के लिये जिस इलाके में जातीं उसी इलाके की वेशभूषा पहन कर जाती थी। नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनावों में वसुन्धरा राजे भारी बहुमत के बल पर पार्टी को सत्ता में ले आईं। 1 दिसंबर, 2003 में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।

वसुंधरा राजे ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिये 2007-2008 के बजट में शिक्षा, रोज़गार, बालविवाह प्रथा पर रोक जैसे पाँच सूत्री कार्यक्रम बनाए थे।

इस्‍तीफ़ा

देश जब 62 वॉ स्‍वाधीनता पर्व मना रहा था उस दौरान हमारे देश में लोकतंत्र की ऊँचाई एक बार फिर दिखी। ये प्रजातंत्र का ही करिश्‍मा है कि राजस्‍थान में सर्वोच्‍च पद पर आसीन रही वसुन्‍धरा राजे को आखिरकार नेता प्रतिपक्ष से इस्‍तीफ़ा देने के लिये तैयार होना पड़ा।

लेकिन इस्तीफ़ा देने वाली ये वसुंधरा पाँच साल पहले वाली केंद्र से थोपी गयीं वसुंधरा नहीं थीं। अब वसुन्धरा राजे के साथ विधायकों का बहुमत था और आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावज़ूद विधायक उनके साथ बने रहे। यानी ये कहा जा सकता है कि वसुंधरा अब एक कद्दावर नेता बन चुकी थीं और पार्टी के लिये उनसे पार पाना इतना आसान नहीं था। वसुंधरा चाहतीं तो पार्टी से बगावत करके अलग दल बनाने का हसीन ख्वाब देख सकती थीं

स्वशाक्तीकरण के प्रयास

2007 में यूएनओ द्वारा वसुंधरा को महिला के लिये स्वशाक्तीकरण के प्रयासों के लिये 'विमन टूगेदर अवार्ड' दिया गया। कुछ भी हो, वसुंधरा राजे ने हमेशा अपनी क़ाबिलियत का लोहा मनवाया और आगे बढ़ते हुए राजनीतिक विजय के झंडे गाड़े।





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टीका टिप्पणी और संदर्भ