शार्दूल सिंह कवीश्वर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:11, 17 जुलाई 2018 का अवतरण (''''शार्दूल सिंह कवीश्वर''' (जन्म- 1886, अमृतसर) स्वतंत्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

शार्दूल सिंह कवीश्वर (जन्म- 1886, अमृतसर) स्वतंत्रता सेनानी और अंग्रेजों के कट्टर विरोधी थे। वे कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य चुने गये और बाद में सुभाष बाबू की 'फ़ारवर्ड ब्लॉक' के अध्यक्ष बने।

परिचय

स्वतंत्रता सेनानी शार्दूल सिंह कवीश्वर का जन्म 1886 ई. में अमृतसर में हुआ था। पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक बनने के बाद उन्होंने सिख धर्म के संबंध में शोध कार्य आरंभ किया। 1917 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय आए और तभी कांग्रेस में सम्मिलित हो गए। असहयोग आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें 5 वर्ष की कैद की सजा हुई। जेल में उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार हुआ और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।[1]

गतिविधियां

शार्दूल सिंह कवीश्वर ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'इंडिया फाइट्स फॉर फ्रीडम' में लिखा है- काल्पनिक सुधारों से भारत भ्रमित नहीं होगा और हम अपने बल पर ही स्वराज प्राप्त करेंगे। वे 1920, 1932 और 1933 में पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। 1928 में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य चुने गये थे। 1939 में जब सुभाष बाबू ने 'फ़ारवर्ड ब्लॉक' की स्थापना की तो शार्दुल सिंह कवीश्वर ने कांग्रेस छोड़ दी और वे 'फ़ारवर्ड ब्लॉक' के अध्यक्ष बन गये। उसके बाद ही उन्हें भारत रक्षा कानून के अंतर्गत गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया था। वह जब जेल से बाहर निकले तो अंग्रेजों के कट्टर विरोधी बन कर बाहर निकले।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 837 |

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख