शुंडिक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:38, 25 अगस्त 2014 का अवतरण (''''शुंडिक''' हिन्दू महाकाव्य 'महाभारत' ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

शुंडिक हिन्दू महाकाव्य 'महाभारत' के वर्णन के अनुसार अंग, वगं, कर्लि और मिथिला के निकट स्थित एक जनपद, जिसे महारथी कर्ण ने अपनी दिग्विजय यात्रा मे विजित किया था[1]-

'अंगान् वंगान् कर्लिगाश्च शुंडिकान् मिथिलानथ, मागधन् कर्कखंडांश्च निवेश्य विषयेऽऽत्मनः।'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 903 |

संबंधित लेख