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13:45, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण
- प्राचीनकाल में बौद्ध भिक्षुओं के संघ जिन मठों, विहारों या उद्यानों में विश्राम करते उसे संघाराम ही कहा जाता था।
- नालंदा विश्वविद्यालय का संघाराम तत्कालीन भारत का सबसे विशाल संघाराम था ऐसा छठी सदी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रावर्णन में उल्लेख है।
- ह्वेन साँग जब मथुरा जनपद पहुँचा था तो उस समय यहाँ बौद्ध धर्म अपने विकास की चरम सीमा पर था। उसने लिखा है कि यहाँ 20 से भी अधिक संघाराम थे, जिनमें लगभग तीन सहस्र से अधिक भिक्षु रहा करते थे।
- मथुरा के संघाराम भी प्रसिद्ध थे और प्रायः सभी प्रसिद्ध विदेशी वृत्तांतों में इनका उल्लेख है।
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