सिनकोना

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

सिनकोना (अंग्रेज़ी: Cinchona) ऊँचे वृक्ष के रूप में उगने वाला पादप है। यह 'रूबियेसी कुल' के अंतर्गत आता है। मलेरिया ज्वर में विशेष रूप से काम आने वाली कुनैन नामक औषधि इस पादप की छाल से ही प्राप्त होती है।

  • यूरोपीय वैज्ञानिकों को सिनकोना का पता सबसे पहले एंडीज़ पहाड़ियों में 1630 ई. के आस-पास लगा था।
  • सिनकोना बहुवर्षीय वृक्ष है, जो सपुष्पक एवं द्विबीजपत्री होता है। इस वृक्ष की छाल कड़वी होती है।
  • इसके पत्ते लालिमायुक्त तथा चौड़े होते हैं, जिनके अग्र भाग नुकीले होते हैं। शाखा-प्रशाखाओं में असंख्य मंजरी दिखाई देती हैं।
  • सिनकोना का पौधा नम-गर्म जलवायु में उगता है। उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्र, जहाँ का तापमान 65°-75° फारेनहाइट तथा वर्षा 250-325 से.मी. तक होती है, सिनकोना के पौधों के लिये उपयुक्त है।
  • जिस भूमि में सिनकोना उगता है, वहाँ जल नहीं ठहरना चाहिए तथा मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ अधिक होने चाहिए। मिट्टी अम्लीय तथा उसमें नाइट्रोजन का स्तर 8 प्रतिशत से अधिक उपयुक्त रहता है।
  • इस पौधे के लिये पाला तथा तेज हवा हानिकारक है।
  • भारत में दार्जिलिंग आदि ठंडी जगहों पर इसके पौधे देखने को मिलते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख