सुधीर कुमार सावंत

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सुधीर कुमार सावंत भारतीय सिनेमा में हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता थे। वर्ष 1964 की बेहद सफल फ़िल्म 'दोस्ती' में सुधीर कुमार ने एक ऐसे दोस्त की भूमिका निभाई थी, जिसकी आँखों में रोशनी नहीं थी।

  • सुधीर कुमार सावंत महाराष्ट्रियन थे और परेल के लाल बाग़ इलाके में रहते थे।
  • सुशील कुमार तथा सुधीर कुमार अच्छे दोस्त थे। उनका आपस में मिलना-जुलना और एक-दूसरे के घर आना-जाना होता रहता था।
  • अभिनेता सुधीर के घर में उनके माता-पिता, एक बड़ी बहन शोभा और एक छोटी बहन चित्रा थे।
  • 'आर्यभट्टम स्कूल' से सुधीर कुमार ने एस.एस.सी. पास किया था।
  • वी. शांताराम की कम्पनी 'राजकमल कला मंदिर' में सुधीर कुमार के मामा प्रभाकर मुख्य मेकअपमैन थे।
  • 'दोस्ती' फ़िल्म से पहले सुधीर कुमार 'संत ज्ञानेश्वर' में काम कर चुके थे। ये फ़िल्म भी 1964 में ही प्रदर्शित हुई थी।
  • आगे के दिनों में सुधीर कुमार ने 'लाडला' (1966) के अलावा 'जीने की राह' (1969) और मराठी फ़िल्म 'घर ची राणी' (1968) में भी अभिनय किया। लेकिन उनका कॅरियर अधिक नहीं चल पाया।
  • वर्ष 1960 के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का विवाह हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए।
  • सुधीर कुमार गले में जख्म होने की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़े और 1993 में उनकी मृत्यु हो गई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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