सुनामी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
सुनामी लहर गठन

सुनामी एक समुद्री हवा है, जो बड़े पैमाने पर समुद्री पानी में हलचल पैदा कर देती है। सुनामी जापानी शब्द है, जिसकी उत्पत्ति दो शब्द-सू (हार्बर) और नामी (वेब) से हुई है, जिसका आशय जापान में ‘बन्दरगाह की लहरें’ से है। सुनामी लहरों की श्रृंखला से मिलकर बनी एक प्राकृतिक घटना है जो तब उत्‍पन्‍न होती हैं जब समुद्र या झील में जल की व्‍यापक मात्रा तेज़ीसे विस्‍थापित होती है। सुनामी विशाल पनडुब्बी या तटीय भूकंप, पानी के नीचे भूस्‍खलन जो भूकम्‍प या ज्‍वालामुखीय गतिविधि के कारण भी हो सकता है, बड़ी तटीय चट्टान या झील के किनारे के भूस्‍खलन, या समुद्र की तलहटी के नीचे या इसके समीप ज्‍वालामुखीय उदगार आदि के द्वारा भी उत्‍पन्‍न हो सकती हैं।

सुनामी के प्रकार

सुनामी तीन प्रकार की होती हैं। आप किस प्रकार की सुनामी का सामना करेंगे, यह सुनामी उत्‍पन्‍न होने वाले स्‍थान से आप की दूरी पर निर्भर करता है।

  • दूरस्‍थ सुनामी दूर लम्‍बे रास्‍ते में उत्‍पन्‍न होती है, जैसे कि चिली में प्रशांत के उस पार से। ऐसी अवस्था में हमारे पास न्‍यूजीलैंड के लिए चेतावनी का तीन घंटे से अधिक समय होगा।
  • क्षेत्रीय सुनामी अपने गंतव्‍य से दूर एक से तीन घंटे की यात्रा समय के बीच उत्‍पन्‍न होती हैं। न्‍यूजीलैंड के उत्तर करमाडे‍क गर्त में पानी के नीचे ज्‍वालामुखी उदगार क्षेत्रीय सुनामी उत्‍पन्‍न कर सकता है।
  • स्थानीय सुनामी न्यूजीलैंड के बहुत ही क़रीब उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार की सुनामी बहुत खतरनाक है क्‍योंकि हमारे पास चेतावनी के केवल कुछ मिनट ही हो सकते हैं।[1]

कारण

अब तक के बड़े भूकम्प
स्थान कब आए तीव्रता
चिली 22 मई, 1960 9.5
प्रिन्स विलियम साउण्ड, अलास्का 28 मार्च, 1964 9.2
उत्तरी सुमात्रा, पश्चिमी तट 26 दिसम्बर, 2004 9.1
कमचटका, पूर्वी रूस 4 नवम्बर, 1952 9.0
मौले तट, चिली 27 फ़रवरी, 2010 8.8
इक्वाडोर के तट पर 31 जनवरी, 1906 8.8
रैट आइलैण्ड अलास्का 4 फ़रवरी, 1965 8.7
उत्तरी सुमात्रा, इण्डोनेशिया 28 मार्च, 2005 8.6
असम और तिब्बत सीमा 15 अगस्त, 1950 8.6
एंड्रियानोफ आइलैड्स, अलास्का 9 मार्च, 1957 8.6
दक्षिणी सुमात्रा, इण्डोनेशिया 12 सितम्बर, 2007 8.5
बैंडा सी, इण्डोनेशिया 1 फ़रवरी, 1938 8.5
कमचटका, पूर्वी रूस 3 फ़रवरी, 1923 8.5
चिली-अर्जेनटीना सीमा 11 नवम्बर, 1922 8.5
कुरील आइलैण्ड्स 13 अक्टूबर, 1963 8.5

अधिकतर सुनामी का कारण भूकंप होता है। लेकिन ज्वालामुखी के फटने, धरती की प्लेटों के खिसकने, वायुमंडलीय दबाव, समुद्र के भीतर विस्फोट और उल्काओं के प्रभाव के कारण भी सुनामी आती है। सुनामी चौतरफा बवंडर की तरह होती है। इसकी हवा की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है। 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से लेकर 700 किलोमीटर प्रतिघंटा तक इसकी रफ्तार हो सकती है।

सुनामी चेतावनी

सम्‍भावित सुनामी के बारे में चेतावनी संदेश और संकेत अनेक स्रोतों से आ सकते हैं - प्राकृतिक, आधिकारिक या गैरआधिकारिक।

प्राकृतिक चेतावनी

स्थानीय स्रोत आधारित सुनामी के लिए, जो मिनटों में पहुंच सकती है, आधिकरिक चेतावनी के लिए समय नहीं होगा। ऐसे में प्राकृतिक चेतावनी के संकेतों को पहचानना और जल्‍दी से कार्य करना महत्‍वपूर्ण है।

आधिकारिक चेतावनी

आधिकारिक चेतावनियां केवल दूर की और क्षेत्रीय स्रोत आधारित सुनामी के लिए ही संभव हैं। सरकारी चेतावनियां नागरिक प्रतिरक्षा एवं आपदा प्रबंधन मंत्रालय द्वारा राष्‍ट्रीय मीडिया, स्‍थानीय प्राधिकारियों एवं अन्‍य प्रमुख जिम्‍मेदार एजेंसियों को प्रसारित की जाती हैं। आपकी स्थानीय काउंसिल स्‍थानीय मीडिया, साइरन और संभवत: अन्‍य स्‍थानीय व्‍यवस्‍थाओं के द्वारा भी चेतावनियों को जारी कर सकती है।

गैरआधिकारिक या अनौपचारिक चेतावनी

आप दोस्तों, अन्‍य सामान्‍य जनों, अंतर्राष्‍ट्रीय मीडिया और इंटरनेट से चेतावनियों को प्राप्‍त कर सकते हैं। चेतावनी को तभी सत्‍यापित करें यदि आप बहुत जल्‍दी से ऐसा कर सकें। यदि आधिकारिक चेतावनी मिल सके, तो अनौपचारिक चेता‍वनियों के बजाय उस पर ज्‍यादा भरोसा करें।[1]

सुनामी के दौरान क्या करें

  • यदि संभव हो तो अपनी गेटअवे किट को अपने साथ ले लें। अपनी किट या सामान उठाने के लिए जोखिम वाले क्षेत्रों में न जाएं।
  • अपने पालतू पशुओं को साथ ले लें यदि आप सुरक्षित रूप से ऐसा कर सकें।
सुनामी
Tsunami
  • तुरंत जितना हो सके नजदीक की सबसे ऊंची भूमि की ओर जाएं, या तट से दूर आंतरिक क्षेत्र में पहुंचें। यदि स्‍थान ख़ाली करके बाहर जाने नक्‍शा मौजूद है, तो दिखाए गए मार्गों का अनुसरण करें।
  • यदि संभव हो तो पैदल या साइकिल से जाएं और यदि बहुत ज़रूरी हो तभी गाड़ी चलाएं। यदि ड्राइविंग करते हुए आप स्‍थान ख़ाली कराए जाने वाले क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकल जाते हैं तो अपने पीछे आने वालों को जगह देने के लिए चलना जारी रखें।
  • यदि आप सुनामी से बच कर भाग नहीं सकें, तो किसी मज़बूत इमारत की ऊपरी मंज़िल पर या छत पर या पेड़ के ऊपर चढ़ जाएं, या तैरती वस्‍तु को प‍कड़ ले और सहायता पहुंचने तक लगातार मज़बूती से पकड़े रहें।
  • नौकाएं तट की अपेक्षा आमतौर पर 20 मीटर से अधिक गहरे पानी में अधिक सुरक्षित होती हैं। नाव को समुद्र में ले जायें जब इसके लिए समय हो और ऐसा करना सुरक्षित हो।
  • सुनामी देखने के लिए कभी भी किनारे पर मत जाएं। जोखिम वाले क्षेत्रों से तब तक दूर रहें जब तक ख़तरा पूरी तरह टलने की आधिकारिक चेतावनी न जारी कर दी जाए।
  • अपने स्‍थानीय रेडियो केन्‍द्रों को सुनें जहां आपातस्थिति प्रबंधन कर्मचारी, आपके समुदाय और परिस्थिति के लिए सबसे उपयुक्‍त सलाह जारी करेंगे।[1]

सुनामी आने के बाद

सुनामी
Tsunami
  • नागरिक प्रतिरक्षा सलाह के लिए लगातार रेडियो को सुने और तब तक ख़ाली किए गये क्षेत्र में वापस न जाएं जब तक ख़तरा पूरी तरह टलने की आधिकारिक चेतावनी न जारी कर दी जाए।
  • सावधान रहें क्‍योंकि एक से अधिक लहरें हो सकती हैं और यह 24 घंटे या अधिक समय तक सुरक्षित नहीं भी हो सकता है। पहली लहर के बाद में आने वाली लहरें और बड़ी हो सकती हैं।
  • यदि चोट लगी हो तो अपनी जांच करें और ज़रूरी हो तो प्राथमिक चिकित्‍सा प्राप्‍त करें। दूसरों की मदद करें यदि आप ऐसा कर सकें।
  • इसके दृश्‍य देखने मत जाएं।
  • जब घरों या भवनों में पुन: प्रवेश करें, तो अत्‍यन्‍त सावधानी बरतें क्‍योंकि बाढ़ का पानी भवनों को क्षतिग्रस्‍त कर चुका हो सकता है। उपयोगी सुविधाओं की टूटी लाईनों की जांच करें और समुचित प्राधिकारियों को इसकी रिपोर्ट करें।
  • यदि आपकी संपत्ति नष्‍ट हो गई हो, तो बीमा उद्देश्‍यों के लिए इसका विवरण लिखें और फोटो खींच लें। यदि आपकी सम्‍पत्ति किराए की है, तो जितनी जल्‍दी संभव हो सके अपने मकान-मालिक से सम्‍पर्क करें और अपनी संबंधित बीमा कंपनी से सम्‍पर्क करें।[1]

सुनामी भविष्यवाणी का भारतीय तंत्र

2004 में सुनामी आने के बाद भारत ने इसके ख़तरे को कम करने के उपाय पर काम शुरू किया। सुनामी की चेतावनी जारी करने के लिए 'इंण्डियन ओसियन सुनामी वार्निंग मिशिगेशन सिस्टम' (आई.ओ.टी.डब्ल्यू.एस.) विकसित हुआ। भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया समेत 18 देश इस बात पर सहमत हुए कि, वे आपस में सुनामी जैसी किसी भी आपदा की भविष्यवाणी संबंधी सूचना एक दूसरे के साथ साझा करेंगे। आई.ओ.टी.डब्ल्यू.एस भूकंप और ज्वालामुखी का पता लगाता है, जो सुनामी का कारण बन सकता है। समुद्री तल के भीतर होने वाले कंपन पर नज़र रखता है। यह मुख्यत: दो तरह से काम करता है। पहला समुद्र में बन रहे दबाव को रिकॉर्ड करता है, दूसरा लहरों को मापता है। उसके आधार पर सुनामी का कितना ख़तरा है इसका आकलन किया जाता है। इन सारे डाटा को इकठ्टा कर वह गृह मंत्रालय को जारी करेगा। 2004 से एक अंतरिम एजेंसी जैपनीज मेटेरियोलॉजिकल एजेंसी के नेतृत्व में काम कर रही थी, लेकिन आई.ओ.टी.डब्ल्यू.एस उच्च तकनीक पर आधारित सिस्टम है, जो खुद इस तरह की सूचनाएँ इकठ्टा करने में सक्षम है। आई.ओ.टी.डब्ल्यू.एस सुनामी की भविष्यवाणी समुद्री लहरों की ऊँचाई को नाप कर करता है।

भूकम्प जनित सुनामी

  • इण्डोनेशिया (2006) - इण्डोनेशिया के जावा प्रायद्वीप में 7.7 तीव्रता की भूकम्प जनित सुनामी की वजह से 654 लोग मारे गए थे।
  • सोलोमन प्रायद्वीप (2007) - पश्चिमी सोलोमन प्रायद्वीप में 8.0 तीव्रता के भूकम्प से सुनामी पैदा हो गई। जिसकी चपेट में आकर 52 लोग मारे गए थे।
  • समोआ (2009) - सओआ में रिक्टर पैमाने पर 8.0 तीव्रता के भूकम्प और सुनामी के कारण 190 लोग मारे गए थे।
  • चिली (2010) - चिली में 8.8 तीव्रता के भूकम्प से उपजी सुनामी के कारण क़रीब 600 लोग मारे गए थे।
  • इण्डोनेशिया (2010) - सुप्रामा प्रायद्वीप में 7.7 तीव्रता के भूकम्प और सुनामी की वजह से 112 लोग मारे गए और 500 लोग लापता हो गए।
सुनामी
  • हिन्द महासागर (26 दिसमबर, 2004) - 9.3 तीव्रता के भूकम्प के चलते हिन्द महासागर का सीना सुनामी से दहल गया। सुमात्रा इस भूकम्प का केन्द्र था। 30 मीटर तक ऊँची उठी लहरों ने विनाश का ऐसा ताण्डव मचाया कि, मानवता काँप उठी। इस सुनामी के कारण 14 देश प्रभावित हुए। सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में भारत, इण्डोनेशिया, श्रीलंका और थाइलैण्ड आदि प्रमुख थे और इसमें मरने वालों की संख्या क़रीब ढाई लाख थी।
भारत (2004 की सुनामी में हुआ नुकसान)
परिणाम तमिलनाडु केरल आन्ध्र प्रदेश पांडिचेरी कुल
मारे गए लोग 7,793 168 105 453 8499
प्रभावित जनसंख्या 691000 2470000 211000 43000 3415000
प्रभावित क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) 2487 790 790 4,067
प्रभावित तट की लम्बाई (किलोमीटर) 1000 250 985 25 2260
सुनामी लहरों की ऊँचाई (मीटर) 7-10 3-5 5 10
प्रभावित गाँवों की संख्या 362 187 301 26 876
पशु हानि 5476 195 3445 916



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 सुनामी (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) getthru.govt.nz। अभिगमन तिथि: 16 मार्च, 2011

संबंधित लेख