"हिमरेखा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Adding category Category:भूगोल कोश (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{पुनरीक्षण}}
 
{{पुनरीक्षण}}
पहाड़ों की ऊँचाई की वह सीमा, जिसके ऊपरी भाग पर सदैव बर्फ़ जमी रहती है, [[हिमरेखा]] कहलाती है।  
+
पहाड़ों की ऊँचाई की वह सीमा, जिसके ऊपरी भाग पर सदैव बर्फ़ जमी रहती है, [[हिमरेखा]] कहलाती है। हिमरेखा की ऊँचाई विभिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न होती है। भूमध्यरेखा पर यह ऊँचाई 4550 मीटर से 5460 मीटर तक हो सकती है जब कि ध्रुव प्रदेशों में हिमरेखा सागरतल के निकट रहती है। आल्प्स में हिमरेखा की ऊँचाई 275 मीटर, ग्रीनलैंड में 606 मीटर, पाइरेन्नीस में 1975 मीटर, कोलेरडो में 3792 मीटर तथा [[हिमालय]] में 4550 मीटर से 5150 मीटर है।
==ऊँचाई==
 
हिमरेखा की ऊँचाई विभिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न होती है। भूमध्यरेखा पर यह ऊँचाई 4550 मीटर से 5460 मीटर तक हो सकती है जब कि ध्रुव प्रदेशों में हिमरेखा सागरतल के निकट रहती है। आल्प्स में हिमरेखा की ऊँचाई 275 मीटर, ग्रीनलैंड में 606 मीटर, पाइरेन्नीस में 1975 मीटर, कोलेरडो में 3792 मीटर तथा [[हिमालय]] में 4550 मीटर से 5150 मीटर है।
 
 
{{इन्हेंभीदेखें|हिमनद}}
 
{{इन्हेंभीदेखें|हिमनद}}
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}

07:22, 19 अप्रैल 2011 का अवतरण

Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

पहाड़ों की ऊँचाई की वह सीमा, जिसके ऊपरी भाग पर सदैव बर्फ़ जमी रहती है, हिमरेखा कहलाती है। हिमरेखा की ऊँचाई विभिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न होती है। भूमध्यरेखा पर यह ऊँचाई 4550 मीटर से 5460 मीटर तक हो सकती है जब कि ध्रुव प्रदेशों में हिमरेखा सागरतल के निकट रहती है। आल्प्स में हिमरेखा की ऊँचाई 275 मीटर, ग्रीनलैंड में 606 मीटर, पाइरेन्नीस में 1975 मीटर, कोलेरडो में 3792 मीटर तथा हिमालय में 4550 मीटर से 5150 मीटर है। इन्हें भी देखें: हिमनद


टीका टिप्पणी और संदर्भ