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पहाड़ों की ऊँचाई की वह सीमा, जिसके ऊपरी भाग पर सदैव बर्फ़ जमी रहती है, हिमरेखा कहलाती है। हिमरेखा की ऊँचाई विभिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न होती है। भूमध्यरेखा पर यह ऊँचाई 4550 मीटर से 5460 मीटर तक हो सकती है जब कि ध्रुव प्रदेशों में हिमरेखा सागरतल के निकट रहती है। आल्प्स में हिमरेखा की ऊँचाई 275 मीटर, ग्रीनलैंड में 606 मीटर, पाइरेन्नीस में 1975 मीटर, कोलेरडो में 3792 मीटर तथा [[हिमालय]] में 4550 मीटर से 5150 मीटर है।
 
पहाड़ों की ऊँचाई की वह सीमा, जिसके ऊपरी भाग पर सदैव बर्फ़ जमी रहती है, हिमरेखा कहलाती है। हिमरेखा की ऊँचाई विभिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न होती है। भूमध्यरेखा पर यह ऊँचाई 4550 मीटर से 5460 मीटर तक हो सकती है जब कि ध्रुव प्रदेशों में हिमरेखा सागरतल के निकट रहती है। आल्प्स में हिमरेखा की ऊँचाई 275 मीटर, ग्रीनलैंड में 606 मीटर, पाइरेन्नीस में 1975 मीटर, कोलेरडो में 3792 मीटर तथा [[हिमालय]] में 4550 मीटर से 5150 मीटर है।
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

09:42, 19 अप्रैल 2011 का अवतरण

पहाड़ों की ऊँचाई की वह सीमा, जिसके ऊपरी भाग पर सदैव बर्फ़ जमी रहती है, हिमरेखा कहलाती है। हिमरेखा की ऊँचाई विभिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न होती है। भूमध्यरेखा पर यह ऊँचाई 4550 मीटर से 5460 मीटर तक हो सकती है जब कि ध्रुव प्रदेशों में हिमरेखा सागरतल के निकट रहती है। आल्प्स में हिमरेखा की ऊँचाई 275 मीटर, ग्रीनलैंड में 606 मीटर, पाइरेन्नीस में 1975 मीटर, कोलेरडो में 3792 मीटर तथा हिमालय में 4550 मीटर से 5150 मीटर है। इन्हें भी देखें: हिमनद, हिमालय, हिमक्षेत्र एवं हिमाटोप

टीका टिप्पणी और संदर्भ