एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

अर्ध्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रेणु (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:02, 15 सितम्बर 2010 का अवतरण
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • पश्चातकालीन निबन्धों ने अर्ध्य को अधिक विस्तार से दिया है।
  • वर्षक्रियाकौमुदी (वर्षक्रियाकौमुदी 142) में आया है कि सभी देवों के अर्घ्य में चन्दन, पुष्प, यव, कुश के अग्र भार, तिल, सरसों, दूर्वा दिये जाते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड 1, 48, कृत्यरत्नाकर 296; व्रतराज 16