अल-हु-म-ज़ह

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अल-हु-म-ज़ह इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ क़ुरआन का 104वाँ सूरा (अध्याय) है जिसमें 9 आयतें होती हैं।
104:1- हर ताना देने वाले चुग़लख़ोर की ख़राबी है।
104:2- जो माल को जमा करता है और गिन गिन कर रखता है।
104:3- वह समझता है कि उसका माल उसे हमेशा ज़िन्दा बाक़ी रखेगा।
104:4- हरगिज़ नहीं वह तो ज़रूर हुतमा में डाला जाएगा।
104:5- और तुमको क्या मालूम हतमा क्या है।
104:6- वह ख़ुदा की भड़काई हुई आग है जो (तलवे से लगी तो) दिलों तक चढ़ जाएगी।
104:7- ये लोग आग के लम्बे सुतूनो।
104:8- में डाल कर बन्द कर दिए।
104:9- जाएँगे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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