अवरोही पवन

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अवरोही पवन (अंग्रेज़ी: Katabatic Wind) अर्थात् वे हवाएँ, जो पर्वत पर ऊपर से नीचे की ओर, चोटी से ढाल की ओर बहती हैं।

  • इस प्रकार की पवन रात में, विशेष रूप से शांत रात में प्रवाहित होती हैं।
  • रात्रि के समय पर्वत की चोटियां घाटियों की तुलना में अधिक तेजी से ठंडी होती है। इसलिए पवन चोटियों से घाटियों की तुलना में अधिक तेजी से ठंडी होती है। यही कारण है कि पवन चोटियों से घाटियों की ओर बहने लगती है।[1]
  • 'अवरोही पवन' उस रात को अधिक प्रबल होती हैं, जब आसमान साफ होता है।
  • इस प्रकार की पवन शीत प्रदेशों में पर्वत शिखर के नीचे स्थित ढालों पर बहने वाली ठंडी पवनों से भी उत्पन्न होती है।
  • उच्चवर्ती भागों में विकिरण द्वारा ऊष्मा के तीव्र ह्रास से पर्वत शिखर या हिमटोप अधिक शीतल हो जाते हैं, जिसके कारण वहाँ हवाएँ अधिक शीतल तथा भारी हो जाती हैं और गुरुत्व क्रिया के कारण नीचे की ओर उतरती हैं।


इन्हें भी देखें: व्यापारिक पवन, पर्वत समीर एवं घाटी समीर


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अवरोही पवन (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 08 अप्रैल, 2014।

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