आशालता वाबगांवकर

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आशालता वाबगांवकर
आशालता वाबगांवकर
पूरा नाम आशालता वाबगांवकर
अन्य नाम आशालता ताई
जन्म 2 जुलाई, 1941
जन्म भूमि गोवा
मृत्यु 22 सितंबर, 2020
मृत्यु स्थान सतारा, महाराष्ट्र
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र अभिनय, गायन
मुख्य फ़िल्में अंकुश, अपने पराए, आहिस्ता आहिस्ता, शौकीन, वो सात दिन, नमक हलाल, यादों की कसम आदि।
शिक्षा एम.ए. (मनोविज्ञान), पोस्ट ग्रेजुएशन (कला)
विद्यालय नाथीबाई दामोदर ठाकरे महिला विश्वविद्यालय
प्रसिद्धि अभिनेत्री, मराठी गायिका, नाटककार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी आशालता वाबगांवकर की पहली बॉलीवुड फिल्म 'जंजीर' थी। इस फिल्म में उन्होंने अमिताभ बच्चन की सौतेली मां का किरदार किया था।

आशालता वाबगांवकर (अंग्रेज़ी: Ashalata Wabgaonkar, जन्म- 2 जुलाई, 1941; मृत्यु- 22 सितंबर, 2020) मराठी और हिंदी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक थीं। उन्होंने कई फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से बड़े पर्दे पर अमिट छाप थोड़ी थी। दूरदर्शन पर उन्होंने अपने कई सीरियलों से घर-घर पहचान बनाई थी। उन्हें मूल रूप से आशालता के नाम से जाना जाता था। आशालता वाबगांवकर गोवा की रहने वाली थीं और गोवा हिंदू एसोसियेशन से जुड़ी थीं। उन्होंने सबसे पहले कोंकणी और मराठी नाटकों में अभिनय करना शुरू किया था।

परिचय

आशालता वाबगांवकर का जन्म 2 जुलाई, साल 1941 को गोवा में हुआ था। उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। अभिनय के साथ ही उन्होंने मराठी फिल्मों के लिए गाने भी गाए थे। वे एक मराठी गायिका, नाटककार और फिल्म अभिनेत्री के रूप में प्रसिद्ध थीं।

आशालता वाबगांवकर की शुरुआती शिक्षा मुंबई के सेंट कोलंबो हाईस्कूल, गिरगांव में हुई थी। 12वीं के बाद कुछ समय तक उन्होंने मंत्रालय में पार्ट टाइम काम भी किया। इसी दौरान उन्होंने आर्ट में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने नाथीबाई दामोदर ठाकरे महिला विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में एमए किया था। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के मुंबई केंद्र पर कुछ कोंकणी गाने भी गाए।[1]

फ़िल्मी सफर

आशालता वाबगांवकर ने कई शानदार हिंदी फिल्में भी की थीं। उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म 'जंजीर' थी। इस फिल्म में आशालता वाबगांवकर ने अमिताभ बच्चन की सौतेली मां का किरदार किया था। यह फिल्म साल 1973 में आई थी। वहीं आशालता वाबगांवकर को बॉलीवुड में असली पहचान बासु चटर्जी की फिल्म 'अपने पराए' से मिली थी। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का सह कलाकार पुरस्कार मिला था।[2]

मराठी नाट्य जगत में नाम

'द गोवा हिंदू एसोसिएशन' द्वारा प्रस्तुत नाटक 'संगीत सेनशैकोलोल' में रेवती की भूमिका में आशालता ने अपनी नाटकीय कॅरियर की शुरुआत की। मराठी नाटक 'मत्स्यगंधा' आशालता के अभिनय कॅरियर में एक मील का पत्थर साबित हुआ। इसमें उन्होंने 'गार्द सबभोति चली सजनी तू तर चफकली', 'अर्थशुन्य बोसे मझला कला जीवन' गीत भी गाया था।[1]

मुख्य फ़िल्में

आशालता वाबगांवकर की कुछ प्रमुख निम्न प्रकार हैं-

  1. अंकुश
  2. अपने पराए
  3. आहिस्ता आहिस्ता
  4. शौकीन
  5. वो सात दिन
  6. नमक हलाल
  7. यादों की कसम

मृत्यु

आशालता वाबगांवकर की मृत्यु 22 सितंबर, 2020 को हुई। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से वे महाराष्ट्र के सतारा में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थीं। परिवार के अनुसार, वे सतारा में अपने मराठी सीरियल 'आई कलुबाई' की शूटिंग करने पहुंची थीं। यहां कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उनका टेस्ट करवाया गया। संक्रमण की पुष्टि और सांस लेने में दिक्कत के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करवाया गया था।

आशालता वाबगांवकर के निधन की पुष्टि करते हुए अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने मराठी में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'आज निराशा भरा दिन रहा। कोरोना वायरस ने बहुत सुंदर जिंदगी छीन ली। आशालता ताई अनंत में विलीन हो गईं। बेहद दयालु, प्यार करने वाली, संवेदनशील और महान कलाकार। आशालता ताई की आत्मा को शांति मिले, जिन्होंने हमेशा मुझे 'बेबी' कहकर आशीर्वाद दिया है। भावभीनी श्रद्धांजलि।'[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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