आसक लता लगाओल सजनी -विद्यापति

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आरिफ़ बेग (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:07, 31 जनवरी 2013 का अवतरण ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Vidyapati.jpg |च...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
आसक लता लगाओल सजनी -विद्यापति
विद्यापति का काल्पनिक चित्र
कवि विद्यापति
जन्म सन् 1350 से 1374 के मध्य
जन्म स्थान बिसपी गाँव, मधुबनी ज़िला, बिहार
मृत्यु सन् 1440 से 1448 के मध्य
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ कीर्तिलता, मणिमंजरा नाटिका, गंगावाक्यावली, भूपरिक्रमा आदि
भाषा संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
विद्यापति की रचनाएँ

आसक लता लगाओल सजनी, नयनक नीर पटाय।
से फल आब परिनत भेल मजनी, आँचर तर न समाय।।
कांच सांच पहु देखि गेल सजनी, तसु मन भेल कुह भान।
दिन-दिन फल परिनत भेल सजनी, अहुनख कर न गेआना।
सबहक पहु परदेस बसु सजनी, आयल सुमिरि सिनेह।
हमर एहन पति निरदय सजनी, नहि मन बाढय नहे।।
भनइ विद्यापति गाओल सजनी, उचित आओत गुन साइ।
उठि बधाव करु मन भरि सजनी, अब आओत घर नाह।।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख