ईशान कोण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:35, 2 जुलाई 2016 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
ईशान कोण चित्र

ईशान कोण जमीन के उत्तर-पूर्व कोने को कहा जाता है।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा शुभ मानी जाती हैं।
  • यह माना जाता है कि इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास रहता है। इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना होता है।
  • भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। चूंकि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है इसीलिए इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है।
  • यहां देवी शक्तियां इसलिए भी बढ़ती हैं क्योंकि इस क्षेत्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति और मोक्ष कारक केतु का भी वास रहता है।
  • इन दोनों दिशाओं के मिलने वाले कोण पर उत्तर-पूर्व क्षेत्र बनता है इसी वजह से यह घर या प्लाट का यह सबसे शुभ तथा ऊर्जा के स्रोत का शक्तिशाली कोना माना जाता है।[1]


इन्हें भी देखें: वास्तु शास्त्र


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का महत्व (हिंदी) hindi.webdunia.com। अभिगमन तिथि: 8 मई, 2016।

संबंधित लेख