उज्जयंत

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'तत्र पिंडारकं नाम तापसाचरितं शिवम्।
उज्जयन्तश्च शिखर: क्षिप्र सिद्धकरो महान्'[1]

'शिखरत्रय भेदेन नाम भेदमगादसौ, उज्जयन्तो रैवतक: कुमुदश्चेति भूधर:'।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 87| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


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