ओ दिलदार बोलो एक बार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:53, 30 जून 2017 का अवतरण (Text replacement - " जगत " to " जगत् ")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
ओ दिलदार बोलो एक बार
कवि प्रदीप
विवरण ओ दिलदार बोलो एक बार एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है।
रचनाकार कवि प्रदीप
फ़िल्म स्कूल मास्टर (1959)
संगीतकार वसंत देसाई
गायक/गायिका तलत महमूद, लता मंगेशकर
अन्य जानकारी कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।

ओ दिलदार, बोलो इक बार
क्या मेरा प्यार पसंद है तुम्हें
ओ गोरी सुकुमार, हमारी सरकार
बड़ा तेरा प्यार पसंद है हमें

ये उलझे उलझे बाल
ये मस्ती भरी चाल ओ हो
ये उलझे उलझे बाल
ये मस्ती भरी चाल
क्या खयाल है क्या खयाल है
तेरी हर चाल ढाल गोरी जादू रही डाल
ओ कमाल है, ओ कमाल है
पिया देख लो, पिया देख लो जवानी का सुहाना ये सिंगार
ओ दिलदार, बोलो इक बार
क्या मेरा प्यार पसंद है तुम्हें
ओ गोरी सुकुमार, हमारी सरकार
बड़ा तेरा प्यार पसंद है हमें

करोगे जी कब मेरे दिल में घर बोलो जादूगर
हम तो कभी के हुए तेरे दिलबर अब काहे की फिकर
करोगे जी कब मेरे दिल में घर बोलो जादूगर
हम तो कभी के हुए तेरे दिलबर अब काहे की फिकर
तो फिर आओ जी
तो फिर आओ जी मेरा दिल बड़ा है बेक़रार
ओ दिलदार, बोलो इक बार
क्या मेरा प्यार पसंद है तुम्हें
ओ गोरी सुकुमार, हमारी सरकार
बड़ा तेरा प्यार पसंद है हमें

आओ जीवन बीता ले पिया मौज मना ले
मिल जुल के, मिल जुल के
आओ जीवन बीता ले पिया मौज मना ले
मिल जुल के, मिल जुल के
ज़रा हम को बता दे अब क्या है इरादे
बुलबुल के, बुलबुल के
ज़रा हम को बता दे अब क्या है इरादे
बुलबुल के, बुलबुल के
पिया बीच में ना हो
पिया बीच में ना हो कोई हो हमारी दीवार
ओ दिलदार, बोलो इक बार
क्या मेरा प्यार पसंद है तुम्हें
ओ गोरी सुकुमार, हमारी सरकार
बड़ा तेरा प्यार पसंद है हमें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख