कोयंबतुर

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अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबतुर
नेहरू स्टेडियम, कोयंबटूर

कोयंबतुर तमिलनाडु प्रान्त का एक नगर है। कोयंबतुर कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर बसा एक औद्योगिक नगर है।

इतिहास

कोयंबतुर क्षेत्र में व्यापक प्रागैतिहासिक बस्तियों के प्रमाण उपलब्ध हैं। नौवी शताब्दी तक यह एक स्वायत्तशाली क्षेत्र था, जो कॉगुनाद के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में विजयनगर, मुस्लिम और ब्रिटिश शासकों ने इसे जीत लिया, भूमिहीन किसानों के बीच भूमि के पुनर्वितरण के लिए 'भूदान आंदोलन' 1950 के दशक में इसी ज़िले में शुरू हुआ था। तमिलनाडु राज्य में चेन्नई नगर के बाद कोयंबतुर, दूसरा अधिक औद्योगीकृत ज़िला है।

कृषि और उद्योग

पालघाट से पश्चिमी तट पर नियंत्रण के कारण लंबे समय से महत्त्वपूर्ण यह शहर कोयंबतुर कृषि उत्पादों के व्यापार और प्रसंस्करण और कृषि उपकरणों के निर्माण का केंद्र है। कोयंबतुर के उद्योगों में सूती वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण और यातायात उपकरणों के निर्माण से जुड़े उद्योग शामिल है।

शिक्षण संस्थान

भरथियर विश्वविद्यालय के अलावा कोयंबतुर में कई महाविद्यालय हैं, जिनमें कोयंबतुर इंस्टिट्यूट ओफ़ टेक्नोलॉजी, ए.सी. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी, सी.एम.एस. कॉलेज ऑफ़ साइंस ऐंड कॉमर्स, कोयंबतुर मेडिकल कॉलेज, कारुण्या इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नेहरू कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट और जी.आर.डी कॉलेज ओफ़ आर्ट्स ऐंड साइंस शामिल हैं।

उत्पादन

कोयंबतुर समुद्र तल से 900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लहरदार पठार पर स्थित है। पश्चिमी घाट के नीलगिरि, अन्नामलाई और पालनी श्रेणियों से घिरा होने के कारण यह गर्म व शुष्क है और यहाँ अकाल भी पड़ता है। यह पठार एक महत्त्वपूर्ण कपास उत्पादन क्षेत्र है और पहाड़ों पर कॉफ़ी और चाय उगाई जाती है, जहाँ सागौन और चंदन जैसी क़ीमती लकड़ियों का भी उत्पादन होता है। चूना, अभ्रक, पन्ना और एस्बेस्टस का खनन भी होता है।

जनसंख्या

कोयंबतुर की कुल जनसंख्या 2001 की गणना के अनुसार 9,23,085; है। कोयंबतुर के कुल ज़िले की जनसंख्या 42,24,107।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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